दिल्ली में मिलावटी विदेशी खाद्य पदार्थों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ने मिलावटी और एक्सपायर्ड विदेशी खाद्य पदार्थों के बड़े रैकेट का पर्दाफ़ाश किया है जिसमें पुलिस ने 4.3 करोड़ का माल जब्त किया है।

Delhi expired foreign food racket
जब्त करोड़ों के नकली सामान (फाईल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar23 Dec 2025 11:14 PM
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े और संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एक्सपायर्ड विदेशी ब्रांडेड खाद्य पदार्थों को अवैध रूप से भारत में मंगाकर उनकी एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट बदलकर बाजार में बेच रहा था। इस कार्रवाई में पुलिस ने करीब 4.3 करोड़ रुपये के मिलावटी और एक्सपायर्ड खाद्य व पेय पदार्थ जब्त किए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने पहाड़ी धीरज और फैजगंज (सदर बाजार) इलाके में छापेमारी की।

7 आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड भी पकड़ा गया

छापेमारी के दौरान पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। दुकानों और गोदामों से भारी मात्रा में एक्सपायर्ड खाद्य सामग्री बरामद की गई, जिनमें बड़ी संख्या में बेबी फूड और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें शामिल थीं, जो आम लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती थीं।

फर्जी बारकोड और नई एक्सपायरी डेट

मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम को बुलाया गया और सैंपल लिए गए। जांच में सामने आया कि आरोपी विदेशी देशों से आए प्रोडक्ट्स पर फर्जी बारकोड, बैच नंबर और नई एक्सपायरी डेट छापते थे। इसके बाद इन्हें दोबारा पैक कर बड़े रिटेल स्टोर्स, मॉल्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए देशभर में सप्लाई किया जाता था।

पूरी पैकिंग यूनिट बरामद

पुलिस ने छापेमारी में पूरी प्रिंटिंग और पैकिंग यूनिट, मशीनें, केमिकल और फर्जी लेबल भी बरामद किए हैं। जब्त किए गए सामान में बिस्कुट, चॉकलेट, चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉफी, सॉस, केचप और कंडिमेंट्स जैसे कई नामी विदेशी ब्रांड शामिल हैं। बता दें कि कुल मिलाकर पुलिस ने 43,762 किलो खाद्य पदार्थ और 14,665 लीटर पेय पदार्थ जब्त किए हैं।

आगे की जांच जारी

इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस अब पूरे सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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दिल्ली में क्रिसमस के प्रचार को लेकर धार्मिक और राजनीतिक बहस, वीडियो वायरल

क्रिसमस से पहले राजधानी दिल्ली में त्योहार को लेकर एक विवाद सामने आ रहा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।

Controversy over religious festival in Delhi
राजधानी दिल्ली में त्योहार पर बहस (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar23 Dec 2025 12:24 PM
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बता दें कि ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके की एक मार्केट में सोमवार शाम (22 दिसंबर) कुछ महिलाओं और बच्चों को सांता क्लॉज की लाल टोपी पहनकर पैम्प्लेट बांटना भारी पड़ गया और करीब 12 महिलाएं और बच्चे ‘मैं क्रिसमस क्यों मनाऊं?’ शीर्षक वाले पैम्प्लेट दुकानदारों और राहगीरों को बांट रहे थे। इसी दौरान मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और उन्हें ऐसा करने से मना किया। आरोप है कि महिलाओं से मार्केट छोड़ने के लिए भी कहा गया।

स्थानीय लोगों का पक्ष

बता दें कि घटना को लेकर मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि महिलाएं सड़क के बीच खड़े होकर पैम्प्लेट बांट रही थीं और धार्मिक गाना चला रही थीं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी। उनका कहना है कि इस गतिविधि के लिए पुलिस या प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि किसी को अपने घर या निजी जगह पर त्योहार मनाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति इस तरह की गतिविधि गलत है। उन्होंने तर्क दिया कि धार्मिक शोभायात्रा या अन्य कार्यक्रमों के लिए भी पहले प्रशासन से अनुमति ली जाती है।

सौरभ भारद्वाज ने शेयर किया वीडियो

बता दें कि इस घटना का वीडियो आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लाजपत नगर इलाके में महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की गई। पोस्ट में उन्होंने कुछ लोगों पर धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और इसे दोहरा रवैया बताया है।

आरोपों से इनकार

बता दें कि मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने सौरभ भारद्वाज के दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि वह और उनके परिवार भारत में ही रहते हैं और किसी तरह का भेदभाव नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर बहस

बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे सार्वजनिक व्यवस्था और नियमों का सवाल बता रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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दिल्ली में नकली दवाओं के नेटवर्क का खुलासा

दिल्ली पुलिस ने नकली दवाओं और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के कारोबार से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने एक प्रिंटिंग यूनिट पर कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नकली दवाओं और कॉस्मेटिक्स के लिए रैपर और पैकेजिंग मटीरियल सप्लाई कर रहे थे।

Counterfeit medicines
दिल्ली पुलिस ने नकली दवाओं (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar22 Dec 2025 05:32 PM
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बता दें कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री से जुड़ी चल रही जांच के तहत की गई। इससे पहले पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों—श्रीराम, गौरव भगत और प्रमोद कुमार गुप्ता—को नकली दवाएं बनाने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।

जांच में सामने आई प्रिंटिंग यूनिट की भूमिका

बता दें कि डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) आदित्य गौतम ने बताया कि आगे की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि नकली दवाओं और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल होने वाले रैपर और पैकेजिंग मटीरियल की सप्लाई एक प्रिंटिंग यूनिट से की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने दो और आरोपियों को हिरासत में लिया।

बुराड़ी और नंगली मोड़ के रहने वाले हैं आरोपी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बुराड़ी निवासी अनिल सिंह रावत (46) और नंगली मोड़ निवासी राहुल अग्रवाल (31) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, अनिल सिंह रावत रामा रोड इलाके में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाता था, जहां से सह-आरोपी श्रीराम को नकली दवाएं और मलहम तैयार करने के लिए प्रिंटेड रैपिंग बॉक्स सप्लाई किए जाते थे।

छापेमारी में डाई फ्रेम बरामद

पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस पर छापेमारी के दौरान मलहम के रैपर बॉक्स प्रिंट करने में इस्तेमाल होने वाले दो डाई फ्रेम भी बरामद किए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि राहुल अग्रवाल ने श्रीराम के निर्देश पर रामा रोड स्थित इस प्रिंटिंग यूनिट से नकली दवाओं के लिए रैपिंग बॉक्स के ऑर्डर दिए थे। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है और मामले में आगे की जांच जारी है।

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