Delhi Assembly Election 2025 : देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में चंद दिन बाकी रह गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग पार्टियां जमकर प्रदर्शन कर रही है और एक-दूसरे पर तीखे शब्दों के बाण चला रही है। जहां कुछ पार्टियों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मैदान में कई नए चेहरे उतारे हैं वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी से नाता तोड़ दिया है।
चुनाव से पहले 8 विधायकों ने तोड़ा AAP से नाता
बता दें कि, दिल्ली चुनाव का इंतजार देश के हर नागरिक को है कि इस बार देश की राजधानी दिल्ली का कमान कौन संभालेगा, लेकिन दिल्ली चुनाव से पहले ही अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। AAP के 8 विधायकों ने चुनाव से कुछ दिन पहले पार्टी से नाता तोड़कर इस्तीफा दे दिया है। पालम से विधायक भावना गौड़ ने इसी बीच पार्टी से नाराजगी का कारण बताया है। उन्होंने कहा, पार्टी के संयोजक ने एक ऐसा चश्मा चढ़ा लिया जिससे उन के आस-पास के लोग जो दिखाते हैं वो उन्हें दिख रहा है, जो सुनाते हैं वो वही सुन रहे हैं।
भावना गौड़ ने कहा मुझे इसका अफसोस नहीं
जिन विधायकों ने AAP से रिश्ता तोड़ लिया है उनमें पालम सीट से विधायक भावना गौड़, इ त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया, जनकपुरी से राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, बिजवासन से बीएस जून, आदर्श नगर से पवन शर्मा, मादीपुर से गिरीश सोनी और महरौली से नरेश यादव शामिल हैं। पालम सीट से विधायक भावना गौड़ ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कहा, मैं बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं। वास्तविकता से मैं अच्छी तरह से परिचित हूं। अमरपटा में भी नहीं लिखा कर लाई कि हमेशा मैं विधायक बनी रहूंगी। मैं हरियाणा जैसे राज्य से आकर दिल्ली में बसी हूं। दिल्ली में पांच साल पार्षद रही हूं। 10 साल विधायक रही हूं। ईमानदारी से वफादारी से पालम के लोगों की सेवा की, इसीलिए मुझे इसका अफसोस नहीं है।
भावना गौड़ ने आगे कहा, मुझे अफसोस इस चीज का है कि जिस विचारधारा को लेकर आम आदमी पार्टी आई, आज उस पार्टी के संयोजक ने एक ऐसा चश्मा चढ़ा लिया जिससे उन के आस-पास के लोग जो दिखाते हैं वो दिख रहा है, जो सुनाते हैं वो सुन रहे हैं। तो मेरी नाराजगी है उन से. साथ ही उन्होंने कहा, लोकतंत्र है हर कोई टिकट मांग सकता है, लेकिन पार्टी जब कोई भी काम करती है तो उसका संगठन उसके साथ में जुड़ा रहता है। संगठन से जुड़ा हुआ हर व्यक्ति अपनी इच्छा जाहिर कर सकता है। वो टिकट मांग सकता है, वो पार्षद बन सकता है, वो विधायक बन सकता है।
विधायकों ने क्यों छोड़ी पार्टी ?
जानकारी के मुताबिक, AAP ने इस चुनाव में अपने कई विधायकों का टिकट काटा है, इसी के बाद 8 विधायकों ने पार्टी को छोड़ने का निर्णय ले लिया है। आप ने इस बार किरारी से अपने विधायक का टिकट काट कर BJP से पार्टी में शामिल हुए अनिल झा को टिकट दिया है। इसी के बाद टिकट न मिलने पर विधायकों के इस्तीफा देने पर आप के किरारी से विधायक ऋतुराज गोबिंद ने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में बीजेपी ने मुझ से भी कई बार संपर्क किया और उन्होंने कई तरह की चीजें देकर मुझे लुभाने की कोशिश की लेकिन मैंने उनसे कहा कि हर कोई लालची नहीं होता, हर किसी को खरीदा नहीं जा सकता।केजरीवाल ने मेरे जैसे आम आदमी को दो बार टिकट दिया। हमारे कुछ साथी बीजेपी के प्रभाव के कारण अभी ऐसा कर रहे हैं, इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। Delhi Assembly Election 2025
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