रील और रिएक्शन की राजनीति, 2025 में सोशल मीडिया बना अखाड़ा
साल 2025 दिल्ली के लिए केवल मुख्यमंत्री बदलने का साल नहीं रहा, बल्कि यह बयानों के जरिए विचारधाराओं के टकराव का साल साबित हुआ। जहां भाजपा ‘विकसित दिल्ली’ का सपना दिखा रही है, वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में जुटा रहा है।

दिल्ली की राजनीति के लिए साल 2025 सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि बयानों की सियासत का भी साल रहा। 27 वर्षों बाद भाजपा पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की और रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, 10 साल तक शासन करने वाली आप पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। इस बदलाव के बाद दिल्ली की राजनीति सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी, आरोप-प्रत्यारोप और वायरल सुर्खियों का केंद्र बन गई है।
सीएम रेखा गुप्ता के बयान बने चर्चा का केंद्र
बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रदूषण, कूड़ा प्रबंधन और यमुना सफाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आक्रामक और बेबाक रुख अपनाया है। दिसंबर 2025 में जब दिल्ली का AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचा, तब उनका बयान—“प्रदूषण कोई चुनावी मौसम नहीं, बल्कि विरासत में मिली बीमारी है” — सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ शब्द हफ्तों तक ट्रेंड करता रहा। इसके बाद अगस्त 2025 में गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा — “कूड़े के ये पहाड़ दिल्ली के माथे पर कलंक हैं”। सरकार ने ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ अभियान शुरू करते हुए बायो-माइनिंग और बिफोर-आफ्टर फोटो कैंपेन चलाया, जिसे युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
प्रदूषण पर सख्ती, यमुना पर भावुक अपील
बता दें कि दिसंबर 2025 में ‘No PUC, No Fuel’ अभियान लागू कर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त संदेश दिया। बिना वैध PUC के वाहन चलाने को दिल्ली की हवा के खिलाफ अपराध बताया गया। वहीं यमुना में झाग की तस्वीरों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि यमुना केवल नदी नहीं, दिल्ली की आत्मा है और अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की।
विपक्ष का तीखा पलटवार
बता दें कि आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री के ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा हैं कि यह विरासत नहीं, आपकी डिलीवरी प्रॉब्लम है। उन्होंने ‘No PUC, No Fuel’ अभियान को जनता के उत्पीड़न और ‘वसूली अभियान’ करार दिया। वहीं, चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल का भावुक बयान जनता का फैसला सिर माथे पर, हम आत्ममंथन करेंगे समर्थकों के बीच चर्चा में रहा है। दिसंबर 2025 में लाजपत नगर छेड़छाड़ मामले पर केजरीवाल ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए है।
कांग्रेस का ‘वोट चोर’ अभियान
बता दें कि दिल्ली में खोई जमीन तलाश रही कांग्रेस ने 2025 में मतदाता सूची और चुनाव आयोग को मुद्दा बनाया। राहुल गांधी के नारे — वोट चोर, गद्दी छोड़ के साथ डिजिटल कैंपेन चलाया गया। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कूड़े के पहाड़ों और यमुना सफाई पर सरकार के दावों को ‘जुमला’ बताया और श्वेत पत्र की मांग की है।
रील और रिएक्शन की राजनीति
बता दें कि 2025 की दिल्ली राजनीति ने यह साफ कर दिया कि अब राजनीतिक विमर्श रैलियों से ज्यादा रील, शॉर्ट्स और सोशल मीडिया थ्रेड्स से तय हो रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का मैं टीम मोदी की सदस्य हूं, रुकना मेरी फितरत में नहीं जैसे बयान वायरल हुए, तो विपक्षी नेताओं के पलटवार भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छाए रहे।
दिल्ली की राजनीति के लिए साल 2025 सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि बयानों की सियासत का भी साल रहा। 27 वर्षों बाद भाजपा पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की और रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, 10 साल तक शासन करने वाली आप पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। इस बदलाव के बाद दिल्ली की राजनीति सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी, आरोप-प्रत्यारोप और वायरल सुर्खियों का केंद्र बन गई है।
सीएम रेखा गुप्ता के बयान बने चर्चा का केंद्र
बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रदूषण, कूड़ा प्रबंधन और यमुना सफाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आक्रामक और बेबाक रुख अपनाया है। दिसंबर 2025 में जब दिल्ली का AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचा, तब उनका बयान—“प्रदूषण कोई चुनावी मौसम नहीं, बल्कि विरासत में मिली बीमारी है” — सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ शब्द हफ्तों तक ट्रेंड करता रहा। इसके बाद अगस्त 2025 में गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा — “कूड़े के ये पहाड़ दिल्ली के माथे पर कलंक हैं”। सरकार ने ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ अभियान शुरू करते हुए बायो-माइनिंग और बिफोर-आफ्टर फोटो कैंपेन चलाया, जिसे युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
प्रदूषण पर सख्ती, यमुना पर भावुक अपील
बता दें कि दिसंबर 2025 में ‘No PUC, No Fuel’ अभियान लागू कर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त संदेश दिया। बिना वैध PUC के वाहन चलाने को दिल्ली की हवा के खिलाफ अपराध बताया गया। वहीं यमुना में झाग की तस्वीरों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि यमुना केवल नदी नहीं, दिल्ली की आत्मा है और अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की।
विपक्ष का तीखा पलटवार
बता दें कि आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री के ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा हैं कि यह विरासत नहीं, आपकी डिलीवरी प्रॉब्लम है। उन्होंने ‘No PUC, No Fuel’ अभियान को जनता के उत्पीड़न और ‘वसूली अभियान’ करार दिया। वहीं, चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल का भावुक बयान जनता का फैसला सिर माथे पर, हम आत्ममंथन करेंगे समर्थकों के बीच चर्चा में रहा है। दिसंबर 2025 में लाजपत नगर छेड़छाड़ मामले पर केजरीवाल ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए है।
कांग्रेस का ‘वोट चोर’ अभियान
बता दें कि दिल्ली में खोई जमीन तलाश रही कांग्रेस ने 2025 में मतदाता सूची और चुनाव आयोग को मुद्दा बनाया। राहुल गांधी के नारे — वोट चोर, गद्दी छोड़ के साथ डिजिटल कैंपेन चलाया गया। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कूड़े के पहाड़ों और यमुना सफाई पर सरकार के दावों को ‘जुमला’ बताया और श्वेत पत्र की मांग की है।
रील और रिएक्शन की राजनीति
बता दें कि 2025 की दिल्ली राजनीति ने यह साफ कर दिया कि अब राजनीतिक विमर्श रैलियों से ज्यादा रील, शॉर्ट्स और सोशल मीडिया थ्रेड्स से तय हो रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का मैं टीम मोदी की सदस्य हूं, रुकना मेरी फितरत में नहीं जैसे बयान वायरल हुए, तो विपक्षी नेताओं के पलटवार भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छाए रहे।











