रील और रिएक्शन की राजनीति, 2025 में सोशल मीडिया बना अखाड़ा

साल 2025 दिल्ली के लिए केवल मुख्यमंत्री बदलने का साल नहीं रहा, बल्कि यह बयानों के जरिए विचारधाराओं के टकराव का साल साबित हुआ। जहां भाजपा ‘विकसित दिल्ली’ का सपना दिखा रही है, वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में जुटा रहा है।

Delhi Politics 2025
दिल्ली राजनीति 2025 (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar31 Dec 2025 12:51 PM
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दिल्ली की राजनीति के लिए साल 2025 सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि बयानों की सियासत का भी साल रहा। 27 वर्षों बाद भाजपा पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की और रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, 10 साल तक शासन करने वाली आप पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। इस बदलाव के बाद दिल्ली की राजनीति सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी, आरोप-प्रत्यारोप और वायरल सुर्खियों का केंद्र बन गई है।

सीएम रेखा गुप्ता के बयान बने चर्चा का केंद्र

बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रदूषण, कूड़ा प्रबंधन और यमुना सफाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आक्रामक और बेबाक रुख अपनाया है। दिसंबर 2025 में जब दिल्ली का AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचा, तब उनका बयान—“प्रदूषण कोई चुनावी मौसम नहीं, बल्कि विरासत में मिली बीमारी है” — सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ शब्द हफ्तों तक ट्रेंड करता रहा। इसके बाद अगस्त 2025 में गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा — “कूड़े के ये पहाड़ दिल्ली के माथे पर कलंक हैं”। सरकार ने ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ अभियान शुरू करते हुए बायो-माइनिंग और बिफोर-आफ्टर फोटो कैंपेन चलाया, जिसे युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

प्रदूषण पर सख्ती, यमुना पर भावुक अपील

बता दें कि दिसंबर 2025 में ‘No PUC, No Fuel’ अभियान लागू कर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त संदेश दिया। बिना वैध PUC के वाहन चलाने को दिल्ली की हवा के खिलाफ अपराध बताया गया। वहीं यमुना में झाग की तस्वीरों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि यमुना केवल नदी नहीं, दिल्ली की आत्मा है और अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की।

विपक्ष का तीखा पलटवार

बता दें कि आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री के ‘लिगेसी प्रॉब्लम’ बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा हैं कि यह विरासत नहीं, आपकी डिलीवरी प्रॉब्लम है। उन्होंने ‘No PUC, No Fuel’ अभियान को जनता के उत्पीड़न और ‘वसूली अभियान’ करार दिया। वहीं, चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल का भावुक बयान जनता का फैसला सिर माथे पर, हम आत्ममंथन करेंगे समर्थकों के बीच चर्चा में रहा है। दिसंबर 2025 में लाजपत नगर छेड़छाड़ मामले पर केजरीवाल ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए है।

कांग्रेस का ‘वोट चोर’ अभियान

बता दें कि दिल्ली में खोई जमीन तलाश रही कांग्रेस ने 2025 में मतदाता सूची और चुनाव आयोग को मुद्दा बनाया। राहुल गांधी के नारे — वोट चोर, गद्दी छोड़ के साथ डिजिटल कैंपेन चलाया गया। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कूड़े के पहाड़ों और यमुना सफाई पर सरकार के दावों को ‘जुमला’ बताया और श्वेत पत्र की मांग की है।

रील और रिएक्शन की राजनीति

बता दें कि 2025 की दिल्ली राजनीति ने यह साफ कर दिया कि अब राजनीतिक विमर्श रैलियों से ज्यादा रील, शॉर्ट्स और सोशल मीडिया थ्रेड्स से तय हो रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का मैं टीम मोदी की सदस्य हूं, रुकना मेरी फितरत में नहीं जैसे बयान वायरल हुए, तो विपक्षी नेताओं के पलटवार भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छाए रहे।

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New Year 2026: दिल्ली-NCR में ट्रैफिक अलर्ट, पढ़े यह नियम

नए साल 2026 के जश्न को देखते हुए दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 31 दिसंबर 2025 की शाम से लेकर 1 जनवरी 2026 की सुबह तक कई प्रमुख इलाकों में नो-एंट्री, रूट डायवर्जन और सख्त पुलिस चेकिंग लागू रहेगी।

Delhi NCR New Year 2026 Rol
दिल्ली-NCR में ट्रैफिक पाबंदियां (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 06:47 PM
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बता दें कि लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से ही नए साल का जश्न मनाएं। हर साल न्यू ईयर सेलिब्रेशन के दौरान होने वाले हादसों को रोकने के लिए ये एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

दिल्ली में ट्रैफिक पाबंदियां, कनॉट प्लेस रहेगा नो-एंट्री जोन

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी के मुताबिक, 31 दिसंबर की रात 8 बजे के बाद कनॉट प्लेस में किसी भी वाहन की एंट्री नहीं होगी।मंडी हाउस, बंगाली मार्केट, रंजीत सिंह फ्लाईओवर, मिंटो रोड, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, RK आश्रम, चित्रगुप्त मार्ग, गोल मार्केट, GPO, पटेल चौक, कस्तूरबा गांधी मार्ग, फिरोजशाह रोड, जय सिंह रोड और विंडसर प्लेस पर वाहनों को रोका जाएगा। चेम्सफोर्ड रोड से भी एंट्री बंद रहेगी। वैकल्पिक मार्गों के तौर पर रिंग रोड, बहादुरशाह जफर मार्ग और पंचकुइयां रोड का उपयोग किया जा सकता है। इंडिया गेट और कर्तव्य पथ क्षेत्र में भीड़ बढ़ने की स्थिति में C-Hexagon, रफी मार्ग और मथुरा रोड के कुछ हिस्सों में अस्थायी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था

बता दें कि कनॉट प्लेस में नो-एंट्री के चलते वैकल्पिक पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वाहन गोल डाकखाना, काली बाड़ी मार्ग, पंत मार्ग, भाई वीर सिंह मार्ग, रकाब गंज रोड, कोपर्निकस मार्ग, मिंटो रोड, पंचकुइयां रोड, केजी मार्ग और विंडसर प्लेस में पार्क किए जा सकेंगे। पार्किंग फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व के आधार पर होगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों को साउथ दिल्ली से राम मनोहर लोहिया पार्क स्ट्रीट, मंदिर मार्ग, रानी झांसी रोड या विंडसर प्लेस के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।

मेट्रो और हेल्पलाइन जानकारी

बता दें कि दिल्ली मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई है। हालांकि, भीड़ अधिक होने पर राजीव चौक जैसे प्रमुख स्टेशनों पर एग्जिट अस्थायी रूप से बंद की जा सकती है। सहायता के लिए ट्रैफिक पुलिस ने ये हेल्पलाइन जारी की हैं 1095 | 011-25844444 | WhatsApp: 8750871493

नोएडा और गुरुग्राम में भी सख्ती

बता दें कि नोएडा में सेक्टर-18, मॉल्स और पार्टी हॉटस्पॉट इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। दिल्ली बॉर्डर पर आने-जाने वाले लोगों को अतिरिक्त जांच के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है। वहीं गुरुग्राम में सेक्टर-29, साइबर हब, MG रोड और प्रमुख बाजारों में 5400 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। तय पार्किंग के अलावा सड़क किनारे पार्किंग करने पर टोइंग की कार्रवाई होगी। झारसा चौक से सेशन चौक और पुराने ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स रोड जैसे इलाकों में ट्रैफिक डायवर्जन संभव है।

जीरो टॉलरेंस नीति लागू

दिल्ली-NCR में शराब पीकर गाड़ी चलाने, ओवरस्पीडिंग, स्टंट और ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू रहेगी। 600 से अधिक नाइट क्लब, बार और रेस्टोरेंट पुलिस निगरानी में रहेंगे। स्वाट टीम, QRT और PCR यूनिट्स तैनात रहेंगी, जबकि आबकारी विभाग नाबालिगों को शराब परोसने पर सख्त नजर रखेगा।

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दिल्ली विधानसभा सत्र में CAG रिपोर्टों की पेशी, ‘शीश महल’ बना बड़ा मुद्दा

दिल्ली विधानसभा सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू होगा, जिसमें सरकार की पांच महत्वपूर्ण CAG रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी। इन रिपोर्ट्स में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल से जुड़ी कई प्रमुख मामलों पर प्रकाश डाला जाएगा। इनमें मुख्यमंत्री आवास 'शीश महल' के कथित से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।

Delhi Legislative Assembly Session 2026
दिल्ली विधानसभा सत्र 2026 (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 04:11 PM
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दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू हो रहा है। इस सत्र को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की कई महत्वपूर्ण रिपोर्टें सदन के पटल पर रखी जाएंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र के एजेंडे की पुष्टि करते हुए बताया कि पहले दिन उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का अभिभाषण होगा।

‘शीश महल’ रिपोर्ट पर सियासी घमासान तय

बता दें कि CAG की जिन पांच रिपोर्टों को पेश किया जाएगा, उनमें सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड के नवीनीकरण से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर है। भाजपा इसे ‘शीश महल’ करार देते हुए आरोप लगा रही है कि आवास के सौंदर्यीकरण पर 75 से 80 करोड़ रुपये तक खर्च किए गए। भाजपा का दावा है कि इस नवीनीकरण में महंगे मार्बल, लिफ्ट और अन्य लग्जरी सुविधाएं शामिल थीं, जबकि उसी समय दिल्ली की जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही थी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही बयान दे चुकी हैं कि यदि फिजूलखर्ची साबित होती है तो इसकी भरपाई जनता के पैसों से कराई जाएगी।

जल बोर्ड से लेकर मोहल्ला क्लीनिक तक जांच

बता दें कि ‘शीश महल’ के अलावा CAG की अन्य रिपोर्टों में दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार, विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कुप्रबंधन, मोहल्ला क्लीनिक, लाड़ली योजना, विज्ञापन नीति और सरकारी स्कूलों में कक्षा निर्माण से जुड़े मामलों की जांच की गई है। भाजपा का आरोप है कि आप पार्टी की सरकार के दौरान इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आबकारी नीति पर 2000 करोड़ के नुकसान का दावा

बता दें कि भाजपा नेताओं का कहना है कि फरवरी के बाद से पेश की गई CAG रिपोर्टों में आबकारी नीति के कारण करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान और स्वास्थ्य क्षेत्र में कथित घोटालों का खुलासा हुआ है। पार्टी आप पार्टी सरकार के कार्यकाल को ‘लूट काल’ करार दे रही है और आरोप लगा रही है कि लंबे समय तक विधानसभा सत्र न बुलाकर इन रिपोर्टों को दबाने की कोशिश की गई।

आप पार्टी का पलटवार

बता दें कि वहीं, आप पार्टी ने सभी आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। आप पार्टी का कहना है कि CAG रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सत्र के दौरान प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा प्रस्तावित है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा में सबसे ज्यादा हंगामा CAG रिपोर्टों को लेकर ही देखने को मिलेगा।

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