उन्नाव रेप केस: सेंगर की जमानत के खिलाफ सड़क पर उतरीं महिलाएं, HC के बाहर नारेबाजी

हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन के बाद महिलाएं पैदल मार्च करते हुए इंडिया गेट की ओर बढ़ने लगीं। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन मार्च के कारण कई इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ। बाद में महिला पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सड़क किनारे रोककर स्थिति को नियंत्रित किया।

Unnao rape case
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर महिलाएं (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar26 Dec 2025 07:17 PM
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उन्नाव रेप कांड में दोषी करार दिए जा चुके पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को जबरदस्त विरोध देखने को मिला। पीड़िता, उनकी मां, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर फैसले को न्याय के खिलाफ बताया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर सेंगर के खिलाफ नारेबाजी की और जमानत तुरंत रद्द करने की मांग की। हालात की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल और SSB के जवानों को तैनात किया गया।

“इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी” — पीड़िता की मां

पीड़िता की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा, हम चुप नहीं बैठेंगे। चाहे हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट, हम हर जगह अपनी आवाज उठाएंगे। वहीं एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि यह फैसला सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि देश की हर महिला की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। अगर ऐसे दोषी बाहर आएंगे तो बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी?

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में पीड़िता

पीड़िता पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। उन्होंने इस मामले में CBI की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए भरोसा खोने की बात कही है। गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2017 का है, जब उन्नाव की एक नाबालिग लड़की ने कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। केस के दौरान पीड़िता के परिवार को कई दर्दनाक घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिनमें पिता की हिरासत में मौत, परिवार पर हमले और संदिग्ध सड़क दुर्घटनाएं शामिल हैं।

निचली अदालत ने सुनाई थी उम्रकैद

निचली अदालत ने वर्ष 2019 में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अपील पर सुनवाई लंबित रहने तक सजा निलंबित करते हुए सशर्त जमानत दे दी। फिलहाल सेंगर जेल में ही रहेंगे, क्योंकि पीड़िता के पिता की मौत से जुड़े एक अन्य मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई है, जिसमें अभी कोई राहत नहीं मिली है।

CBI भी फैसले को चुनौती देने की तैयारी में

सूत्रों के मुताबिक, CBI भी हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। वहीं, महिला संगठनों का कहना है कि वे इस लड़ाई को अंतिम न्याय तक जारी रखेंगी। शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन ने एक बार फिर उन्नाव कांड के पुराने जख्मों को हरा कर दिया है और देशभर में न्याय व्यवस्था पर बहस को तेज कर दिया है।

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प्रदूषण की मार के बीच एयर प्यूरीफायर GST पर फंसा कानूनी पेंच

दिल्ली में प्रदूषण की आपात स्थिति को देखते हुए एडवोकेट कपिल मदान ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि एयर प्यूरीफायर को ‘लग्जरी आइटम’ नहीं बल्कि ‘मेडिकल डिवाइस’ माना जाए।

GST on air purifiers
एयर प्यूरीफायर पर GST (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar26 Dec 2025 06:10 PM
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दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके वायु प्रदूषण के बीच एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) घटाने की मांग अब अदालत तक पहुंच गई है। दिल्ली हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि एयर प्यूरीफायर पर टैक्स को रातों-रात कम करना न तो कानूनी रूप से आसान है और न ही संवैधानिक रूप से संभव।

एयर प्यूरीफायर: मेडिकल डिवाइस या लग्जरी आइटम?

दिल्ली में प्रदूषण की आपात स्थिति को देखते हुए एडवोकेट कपिल मदान ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि एयर प्यूरीफायर को ‘लग्जरी आइटम’ नहीं बल्कि ‘मेडिकल डिवाइस’ माना जाए। फिलहाल एयर प्यूरीफायर पर 18% GST लगता है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि अगर इसे मेडिकल डिवाइस की श्रेणी में रखा जाए तो टैक्स घटकर 5% रह जाएगा, जिससे यह आम लोगों की पहुंच में आ सकेगा।

केंद्र सरकार ने कोर्ट में क्या दलील दी?

  • ‘भानुमती का पिटारा’ खुलने का खतरा

अगर किसी एक उत्पाद के लिए बिना पूरी प्रक्रिया अपनाए GST घटाया गया, तो कई अन्य वस्तुओं के लिए भी ऐसी ही मांगें उठ सकती हैं, जिससे पूरा टैक्स ढांचा प्रभावित होगा।

  • GST काउंसिल का संवैधानिक अधिकार

GST की दरों में बदलाव का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास नहीं है। यह फैसला GST काउंसिल लेती है, जिसमें सभी 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होते हैं।

  • वर्चुअल मीटिंग की अनुमति नहीं

हाई कोर्ट ने सुझाव दिया कि आपात स्थिति को देखते हुए GST काउंसिल की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराई जा सकती है। इस पर केंद्र ने कहा कि नियमों के तहत काउंसिल की चर्चा और वोटिंग फिजिकल मीटिंग में ही हो सकती है।

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

बता दें कि कोर्ट ने केंद्र की दलीलों को सुना, लेकिन दिल्ली की जहरीली हवा पर गंभीर चिंता भी जताई। बेंच ने सवाल किया कि जब हालात इतने गंभीर हैं तो एयर प्यूरीफायर पर GST को 18% से घटाकर 5% क्यों नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि एयर प्यूरीफायर की कीमतें 10-12 हजार रुपये से शुरू होकर 60 हजार रुपये तक जाती हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। अदालत ने केंद्र से कहा कि “जो भी तरीका संभव हो, अपनाइए और कोई रास्ता निकालिए।

हाई कोर्ट ने 10 दिन का दिया समय 

बता दें कि हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिनों के भीतर विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। सरकार को यह बताना होगा कि GST काउंसिल की बैठक कब बुलाई जा सकती है। क्या एयर प्यूरीफायर पर GST को लेकर कोई अंतरिम राहत दी जा सकती है मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को होगी।

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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सख्ती, द्वारका एक्सप्रेसवे पर लागू हुई हाईटेक निगरानी व्यवस्था

दिल्ली-एनसीआर एक्सप्रेसवे पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के अंतर्गत AI से लैस ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर रियल टाइम में VAHAN डेटाबेस से PUC की स्थिति जांचते हैं।

Polluting vehicles Delhi NCR
प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar26 Dec 2025 03:42 PM
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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर मुद्दा बन गया है। प्रदूषण के प्रमुख कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं शामिल है। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। अब बिना वैध पीयूसी (PUC) सर्टिफिकेट के सड़क पर वाहन चलाना भारी पड़ सकता है, क्योंकि चालान सीधे आपके घर पहुंच सकता है।

द्वारका एक्सप्रेसवे पर लागू हुई अत्याधुनिक तकनीक

बता दें कि NHAI ने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीक आधारित व्यवस्था लागू की है। इसका उद्देश्य NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देना है।

AI कैमरों से होगी वाहनों की पहचान

नई व्यवस्था के तहत, जिन वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) वैध नहीं है या जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है, उनकी पहचान ऑटोमैटिक रूप से की जाएगी। इसके लिए एक्सप्रेसवे पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के अंतर्गत AI से लैस ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर रियल टाइम में VAHAN डेटाबेस से PUC की स्थिति जांचते हैं।

24 दिसंबर 2025 से शुरू हुआ ई-चालान

गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस इस प्रणाली को सक्रिय रूप से संचालित कर रही है। जिन वाहनों का PUC एक्सपायर पाया जाएगा, उनके खिलाफ NIC के ई-चालान सिस्टम के जरिए ऑटोमैटिक चालान जारी किया जाएगा। यह व्यवस्था 24 दिसंबर 2025 से प्रभावी रूप से लागू कर दी गई है।

AQI सुधारने में मिलेगी मदद

अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीक आधारित पहल न केवल प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हतोत्साहित करेगी, बल्कि सड़क सुरक्षा और यातायात अनुशासन को भी मजबूत करेगी। इससे उन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार की उम्मीद है, जहां वाहनों का दबाव अधिक रहता है।

वाहन मालिकों से NHAI की अपील

NHAI ने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे समय पर अपने वाहन का PUC सर्टिफिकेट रिन्यू कराएं, नियमित मेंटेनेंस कराएं और जिम्मेदारी से वाहन चलाएं। प्राधिकरण का मानना है कि इस तरह की पहल देश में सुरक्षित, हरित और टिकाऊ राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

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