दिल्ली में क्रिसमस के प्रचार को लेकर धार्मिक और राजनीतिक बहस, वीडियो वायरल

क्रिसमस से पहले राजधानी दिल्ली में त्योहार को लेकर एक विवाद सामने आ रहा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।

Controversy over religious festival in Delhi
राजधानी दिल्ली में त्योहार पर बहस (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar23 Dec 2025 12:24 PM
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बता दें कि ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके की एक मार्केट में सोमवार शाम (22 दिसंबर) कुछ महिलाओं और बच्चों को सांता क्लॉज की लाल टोपी पहनकर पैम्प्लेट बांटना भारी पड़ गया और करीब 12 महिलाएं और बच्चे ‘मैं क्रिसमस क्यों मनाऊं?’ शीर्षक वाले पैम्प्लेट दुकानदारों और राहगीरों को बांट रहे थे। इसी दौरान मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और उन्हें ऐसा करने से मना किया। आरोप है कि महिलाओं से मार्केट छोड़ने के लिए भी कहा गया।

स्थानीय लोगों का पक्ष

बता दें कि घटना को लेकर मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि महिलाएं सड़क के बीच खड़े होकर पैम्प्लेट बांट रही थीं और धार्मिक गाना चला रही थीं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी। उनका कहना है कि इस गतिविधि के लिए पुलिस या प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि किसी को अपने घर या निजी जगह पर त्योहार मनाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति इस तरह की गतिविधि गलत है। उन्होंने तर्क दिया कि धार्मिक शोभायात्रा या अन्य कार्यक्रमों के लिए भी पहले प्रशासन से अनुमति ली जाती है।

सौरभ भारद्वाज ने शेयर किया वीडियो

बता दें कि इस घटना का वीडियो आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लाजपत नगर इलाके में महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की गई। पोस्ट में उन्होंने कुछ लोगों पर धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और इसे दोहरा रवैया बताया है।

आरोपों से इनकार

बता दें कि मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने सौरभ भारद्वाज के दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि वह और उनके परिवार भारत में ही रहते हैं और किसी तरह का भेदभाव नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर बहस

बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे सार्वजनिक व्यवस्था और नियमों का सवाल बता रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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दिल्ली में नकली दवाओं के नेटवर्क का खुलासा

दिल्ली पुलिस ने नकली दवाओं और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के कारोबार से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने एक प्रिंटिंग यूनिट पर कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नकली दवाओं और कॉस्मेटिक्स के लिए रैपर और पैकेजिंग मटीरियल सप्लाई कर रहे थे।

Counterfeit medicines
दिल्ली पुलिस ने नकली दवाओं (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar22 Dec 2025 05:32 PM
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बता दें कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री से जुड़ी चल रही जांच के तहत की गई। इससे पहले पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों—श्रीराम, गौरव भगत और प्रमोद कुमार गुप्ता—को नकली दवाएं बनाने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।

जांच में सामने आई प्रिंटिंग यूनिट की भूमिका

बता दें कि डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) आदित्य गौतम ने बताया कि आगे की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि नकली दवाओं और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल होने वाले रैपर और पैकेजिंग मटीरियल की सप्लाई एक प्रिंटिंग यूनिट से की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने दो और आरोपियों को हिरासत में लिया।

बुराड़ी और नंगली मोड़ के रहने वाले हैं आरोपी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बुराड़ी निवासी अनिल सिंह रावत (46) और नंगली मोड़ निवासी राहुल अग्रवाल (31) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, अनिल सिंह रावत रामा रोड इलाके में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाता था, जहां से सह-आरोपी श्रीराम को नकली दवाएं और मलहम तैयार करने के लिए प्रिंटेड रैपिंग बॉक्स सप्लाई किए जाते थे।

छापेमारी में डाई फ्रेम बरामद

पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस पर छापेमारी के दौरान मलहम के रैपर बॉक्स प्रिंट करने में इस्तेमाल होने वाले दो डाई फ्रेम भी बरामद किए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि राहुल अग्रवाल ने श्रीराम के निर्देश पर रामा रोड स्थित इस प्रिंटिंग यूनिट से नकली दवाओं के लिए रैपिंग बॉक्स के ऑर्डर दिए थे। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है और मामले में आगे की जांच जारी है।

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मारुति विक्टोरिस को मिला ICOTY 2026 अवार्ड

मारुति सुजुकी की नई कार विक्टोरिस को वर्ष 2026 का इंडियन कार ऑफ द ईयर (ICOTY) अवार्ड मिलने पर टीआर साहनी मोटर्स ने खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर दिल्ली के नेहरू प्लेस स्थित टीआर साहनी मोटर्स शोरूम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

ICOTY 2026
टीआर साहनी मोटर्स में जश्न का माहौल (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar22 Dec 2025 05:07 PM
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बता दें कि कार्यक्रम में दक्षिणी दिल्ली के डिप्टी पुलिस कमिश्नर हेमंत तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ टीआर साहनी मोटर्स के डायरेक्टर राहुल साहनी, वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स) सरोज कुमार झा, नेहरू प्लेस ब्रांच के जनरल मैनेजर विवेक त्यागी, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और टीआर साहनी मोटर्स का स्टाफ मौजूद रहा।

वाइस प्रेसिडेंट सेल्स सरोज कुमार झा ने बताया

इस मौके पर वाइस प्रेसिडेंट सेल्स सरोज कुमार झा ने बताया कि मारुति विक्टोरिस को आधुनिक तकनीक और प्रीमियम फीचर्स से लैस किया गया है। कार में 6 एयरबैग्स, ऑल-व्हील डिस्क ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, 360 डिग्री कैमरा, 8-वे एडजस्टेबल वेंटिलेटेड सीट्स, सनरूफ, 60 वॉट फास्ट चार्जिंग, ऑटो एलेक्सा वॉयस असिस्टेंट, सुजुकी कनेक्ट और 8-स्पीकर सराउंड साउंड सिस्टम जैसे अत्याधुनिक फीचर्स शामिल हैं।

डायरेक्टर राहुल साहनी ने ICOTY अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा

टीआर साहनी मोटर्स के डायरेक्टर राहुल साहनी ने ICOTY अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सम्मान मारुति सुजुकी की गुणवत्ता, सुरक्षा और इनोवेशन का प्रमाण है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए कंपनी के सभी कर्मचारियों, ग्राहकों और कार्यक्रम में शामिल अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों ने मारुति विक्टोरिस की सराहना करते हुए इसे भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए एक बेहतरीन पेशकश बताया।


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