Thursday, 15 May 2025

दिल्ली की जीत के बावजूद आसान नहीं बीजेपी की राह! उठानी पड़ सकती है ये मुश्किलें

Delhi News: दिल्ली दंगल का शोर अब बधाइयों के दौर में तब्दील हो रहा है, 26 साल बाद बीजेपी दिल्ली…

दिल्ली की जीत के बावजूद आसान नहीं बीजेपी की राह! उठानी पड़ सकती है ये मुश्किलें

Delhi News: दिल्ली दंगल का शोर अब बधाइयों के दौर में तब्दील हो रहा है, 26 साल बाद बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापसी कर रही है। अब पूरा फोकस इस बात है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ कौन लेता है। क्योंकि इस राज्य में बीजेपी ने मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा गया है। अभी तक सीएम कौन बनेगा ये साफ नहीं। लेकिन जल्द ही बीजेपी सीएम का चेहरा रिवील कर देगी। आपको बता दें कि भले ही दिल्ली की जंग बीजेपी ने जीत ली हो पर दिल्ली की राजनीति वी कुछ बातें ऐसी भी हैं जो बीजेपी के लिए आगे परेशानी का सबब भी बन सकती हैं।

बीजेपी को उठानी पड़ सकती है दिक्कतें

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 18 राज्य ऐसे हैं जहां बीजेपी और उसके गठबंधन की सरकार हैं। तो आने वाले समय में ये राज्य भी दिल्ली में चलाई जा रही जनहितकारी योजनाओं को अपने-अपने राज्यों में लागू करने की मांग उठा सकते हैं।

दरअसल हिंदी भाषी राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा में बीजेपी सरकार है। इसके अलावा अन्य बड़े राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और ओडिशा में बीजेपी की सरकार है। दक्षिण में आंध्र प्रदेश एक मात्र राज्य है जहां बीजेपी गठबंधन में है। पूर्वोत्तर राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है जबकि मेघालय और नगालैंड में बीजेपी गठबंधन सत्ता में है।

जनता को लुभाने वाले वादे बीजेपी के लिए बन सकते हैं मुसीबत

गरीब महिलों को हर महीने 2500 रुपये

दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने संकल्प पत्र में इस बात का ऐलान किया था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार आती है तो हर महीने गरीब महिलाओं को 2500 रुपये दिए जाएंगे। अब अगर दिल्ली की गरीब महिलाओं को 2500 रुपये मिलेंगे तो क्या उसके आसपास के बीजेपी शासित राज्यों जैसे- यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान की गरीब महिलाएं इस बात का मुद्दा नहीं बनाएंगी कि जब एक ही देश है, एक ही पार्टी की सरकार है, एक ही पार्टी के वोटर हैं तो उनको ऐसी सुविधा क्यों नहीं दी जा रही। सबसे बड़ी बात यह है कि बिहार में विधानसभा चुनाव जल्द होंगे ऐसे मे पार्टी पर भरी दबाव हो सकता है। गठबंधन बीजेपी पर ऐसी योजनाएं लागू करने के लिए सवाल कर सकती हैं।दि

दिल्ली के लोगों को 10 लाख का मुफ्त इलाज

देश में सस्ता इलाज होना हर एक गरीब का सपना है। बीजेपी ने दिल्ली के चुनाव के लिए इस हथकंडे को भी अपनाया था। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 10 लख रुपए का मुफ्त इलाज देने का वादा किया था। बीजेपी ने कहा था कि 5 लाख रुपये तक इलाज आयुष्मान योजना और बाकी 5 लाख रुपये दिल्ली में बीजेपी की सरकार देगी। इसके अलावा ओपीडी सुविधाएं और लैब टेस्ट भी मुफ्त करने का वादा गया है। अब बाकी के बीजेपी शासित राज्यों में भी इस योजना की डिमांड बढ़ेगी। आयुष्मान योजना भले ही पूरे देश में लागू हो लेकिन अगर एक ही पार्टी की सरकार एक राज्य में 5 लाख का मुफ्त इलाज मुहैया करा सकती है तो ऐसा ही कुछ करने का दबाव बाकी बीजेपी शासित राज्यों पर भी होगा।

युवाओं को 15 हजार रुपये आर्थिक मदद

बीजेपी ने वोटरों को लुभाने के लिए अपने संकल्प पत्र में दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया था। अगर यह योजना का लाभ दिल्ली के के लोगों को मिलेगा तो बाकी बीजेपी शासित राज्यों में भी इसकी मांग उठनी तय है। बेरोजगार युवकों की बढ़ती जमात इस मांग का पुरजोर समर्थन कर सकती है। इसके अलावा बीजेपी ने यह भी दावा किया था कि दिल्ली में एससी और एसटी छात्रों को हर महीने 1000 रुपये की मदद मिलेगी। यह मांग भी सभी बीजेपी शासित राज्यों से उठ सकती है।

एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी

बीजेपी के संकल्प पत्र में महिला समृद्धि योजना के तहत कहा गया था कि दिल्ली में बीजेपी सत्ता में आई तो गरीब महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस सब्सिडी की मांग भी आने वाले समय में बीजेपी शासित अन्य राज्यों में उठ सकती है।

21,000 रुपये का मातृत्व लाभ

बीजेपी के संकल्प पत्र में महिलाओं से जुड़ी एक और बड़ी योजना देने का वादा किया गया है। बीजेपी ने कहा था कि जीतने के बाद वह दिल्ली में गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी। इस वादे को भी अन्य बीजेपी शासित राज्यों में लागू करने की मांग उठ सकती ।

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