Delhi News : जब भी कोई चुनाव होने वाला होता है, तो अक्सर नेता लोग ही अपनी बात लेकर लोगों के पास जाते हैं। ऐसा कभी कभी ही होता है जब मतदान करने वाले लोग या उनका डेलीगेशन अपनी समस्या या बात को लेकर नेताओं से मिलने जाता है। दिल्ली के पूर्व सीएम और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से आज गुरुवार को मस्जिद के इमाम का एक डेलीगेशन मुलाकात करने जा रहा है। केजरीवाल से यह मुलाकात सैलरी को लेकर होनी है। जानकारी के अनुसार आॅल इंडिया इमाम एसोसिएशन का एक दल केजरीवाल के घर पर उनसे मिलेगा और सैलरी के संबंध में बातचीत करेगा।
सैलरी के रुके होने के कारण मिलेगा डेलीगेशन
जिस किसी को भी अपना महीनेभर का मेहनताना यानि सैलरी मिलने में कोई देरी होती है तो वह और उसका परिवार परेशान हो जाता है। ऐसे में अगर किसी का साल डेढ़ साल तक सैलरी न मिले तो उसका हाल तो स्वत: समझा जा सकता है। इसी बात को लेकर डेलीगेशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने बताया कि 10 लोगों का डेलिगेशन पूर्व सीएम और आप के संयोजक से मिलने वाला है, जिसकी इजाजत पुलिस से मिली है। उन्होंने इस दौरान बताया कि डेलीगेशन में करीब 250 इमाम हैं, जिन्हें 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। अरविंद केजरीवाल से इमामों की यह मुलाकात 17 महीने से रुके वेतन को लेकर होने वाली है।
आखिर कौन देता है इमामों की सैलरी
जब किसी मस्जिद में इमामों को नियुक्त किया जाता है तो उन्हें एक निश्चित सैलरी पर रखा जाता है। इन मस्जिद के इमामों की सैलरी दिल्ली के वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी है, जो दिल्ली सरकार के अंदर आता है। इन इमामों को पिछले 17 महीनों से सैलरी नहीं मिली है जिससे ये इमाम काफी परेशान हैं और आजिज आकर आखिर में उन्होंने केजरीवाल से मिलने का फैसला किया है। इन इमामों की मंथली सैलरी 16 हजार से 18 हजार के बीच होती है। पिछले डेढ़ साल से सैलरी न मिलने से ये इमाम काफी परेशान हो गए हैं। इनको अपना घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है। इसी सैलरी से बच्चों का लालन पोषण है और कमरे का किराया भी देना होता है। वह इतनी सैलरी में जैसे तैसे गुजारा करते हैं, और अब तो वो भी पिछले 17 महीनों से नहीं मिली है। Delhi News
यह मुलाकात राजनीति का हिस्सा नहीं
इस मुलाकात को मौलाना साजिद रशीदी ने गैर राजनीतिक बताया है। इस संबंध में मौलाना साजिद रशीदी का कहना है कि वह इमामों की आवाज उठा रहे हैं लेकिन वह किसी राजनीति का हिस्सा नहीं हैं। न ही वे किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं। पिछले 17 महीनों से सैलरी न मिलने से बिना सैलरी के इमामों को घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। इसलिए वह उनके हक की बात रखने आए हैं, अब देखाना होगा कि इस मीटिंग से क्या हल निकलता है। सैलरी ऐसी समस्या है कि हमें इससे संबंधित जो भी लोग हैं जिनसे हमें सैलरी दिलाने की उम्मीद है, हम उन सबसे मिलेंगे। आज इसी क्रम में हम केजरीवाल से मिलने आए हैं। Delhi News
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