New Delhi : नई दिल्ली। राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच जेपीसी (JPC) रिपोर्ट राज्यसभा में पेश हो गई है। राज्यसभा में बीजेपी (BJP) सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने यह बिल पेश किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा है कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस के ही राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा है कि देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस बिल के खिलाफ हैं. हमें संविधान के तहत जो अधिकार मिले हैं, ये उसके खिलाफ है. ये बिल इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार ने हमारे डिसेंट नोट्स भी हटा दिए हैं। अल्पसंख्यकों को टार्गेट करना इनका एजेंडा है।
मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं। उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है। जितने लोगों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं, क्या उनमें से कोई पढ़ा-लिखा नहीं है। आपको उसे अपनी रिपोर्ट में डालकर बोलना चाहिए। उसको डिलीट करके आप रिपोर्ट दे रहे हैं। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम नहीं मानते, सदन कभी नहीं मानेगा। आप डायरेक्शन दीजिए और सभी डिसेंट नोट्स को शामिल करके रिपोर्ट पेश कीजिए। जो स्टेकहोल्डर्स नहीं हैं, उनको बाहर से बुला-बुलाकर उनके व्यूज लिए गए। मेंबर्स एजिटेट क्यों होते हैं, वे अपने परिवार के लिए नहीं पूरे समाज के लिए परेशान होते हैं। ये संविधान के विरुद्ध ऐसी चीजें होती हैं तो ऐसे ही गड़बड़ होता है। लोग प्रोटेस्ट करते हैं। मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा नड्डा साहब पुराने नेताओं को सुनते हैं। आपका इंफ्लूएंस भी हैं। आप इसे जेपीसी को भेजिए और संवैधानिक तरीके से फिर लाइए, हम देखेंगे। New Delhi :
नोएडा न्यूज, 13 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें
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