दिल्ली में 12 लाख गाड़ियों पर एंट्री बैन, घर से निकलने से पहले स्टेटस देखें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुग्राम में करीब 2 लाख, नोएडा में लगभग 4 लाख और गाजियाबाद में 5.5 लाख से अधिक वाहन ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें नए नियमों के बाद दिल्ली की सीमा में “अवैध” श्रेणी में माना जाएगा।

Delhi News : दिल्ली की दमघोंटू हवा पर काबू पाने के लिए सरकार ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। नए आदेश के तहत नॉन-बीएस-VI (Non-BS-VI) यानी बीएस-VI मानक से नीचे आने वाले वाहनों की दिल्ली में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा इसका सबसे बड़ा असर एनसीआर के गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा। एनसीआर के इन शहरों में करीब 12 लाख वाहन ऐसे बताए जा रहे हैं जो बीएस-VI मानकों पर खरे नहीं उतरते। आदेश के बाद अब ये वाहन दिल्ली की सड़कों पर चलना तो दूर, सीमा के भीतर प्रवेश भी नहीं कर पाएंगे।
रोजाना आने-जाने वालों के लिए बढ़ी परेशानी
निजी गाड़ी से ऑफिस की भागदौड़ हो, बच्चों को स्कूल छोड़ने की रोज़ की जिम्मेदारी, या फिर अचानक मेडिकल इमरजेंसी ऐसे अनगिनत मौकों पर दिल्ली की ओर दौड़ने वाले लोगों के लिए यह रोक एक झटके में बड़ा संकट बन सकती है। अब तक जो सफर “रूटीन” था, वह कई परिवारों के लिए अनिश्चितता और जुर्माने के डर में बदल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुग्राम में करीब 2 लाख, नोएडा में लगभग 4 लाख और गाजियाबाद में 5.5 लाख से अधिक वाहन ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें नए नियमों के बाद दिल्ली की सीमा में “अवैध” श्रेणी में माना जाएगा।
गुरुग्राम पर कितना असर पड़ेगा
गुरुग्राम में लगभग 2 लाख निजी वाहन ऐसे बताए गए हैं जो बीएस-VI मानक पूरे नहीं करते। इनमें करीब 1.5 लाख बीएस-III पेट्रोल कारें और 36 हजार से अधिक बीएस-IV डीजल वाहन शामिल हैं। यही नहीं, शहर की लॉजिस्टिक्स और कमर्शियल मूवमेंट को भी झटका लगेगा। बताया जा रहा है कि 47 हजार से ज्यादा कमर्शियल बीएस-IV डीजल और 2 हजार से अधिक बीएस-III पेट्रोल कमर्शियल वाहन दिल्ली में नहीं जा पाएंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी प्रभावित होगा; करीब 2,200 बसें भी इस श्रेणी में आ सकती हैं।
नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति ज्यादा गंभीर
नोएडा, जिसे दिल्ली का “एक्सटेंडेड” हिस्सा भी कहा जाता है, वहां करीब 4 लाख वाहनों पर असर पड़ने की बात कही जा रही है। कुल 10 लाख पंजीकृत वाहनों में से केवल करीब 4.2 लाख ही बीएस-VI मानक पूरे करते हैं—यानि इन्हीं को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने की संभावना है। नोएडा में 1.4 लाख बीएस-III (लगभग 96,210 पेट्रोल और 41,067 डीजल) और 2.8 लाख बीएस-IV श्रेणी के वाहन दर्ज हैं। गाजियाबाद में हालात और भी कठिन बताए जा रहे हैं। यहां 5.5 लाख से ज्यादा वाहन बीएस-VI मानकों से नीचे हैं, जिनमें 1.7 लाख बीएस-III और 3.7 लाख बीएस-IV वाहन शामिल हैं। मतलब साफ है—एनसीआर के बड़े हिस्से की आवाजाही पर इस आदेश का सीधा असर दिखेगा। Delhi News
Delhi News : दिल्ली की दमघोंटू हवा पर काबू पाने के लिए सरकार ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। नए आदेश के तहत नॉन-बीएस-VI (Non-BS-VI) यानी बीएस-VI मानक से नीचे आने वाले वाहनों की दिल्ली में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा इसका सबसे बड़ा असर एनसीआर के गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा। एनसीआर के इन शहरों में करीब 12 लाख वाहन ऐसे बताए जा रहे हैं जो बीएस-VI मानकों पर खरे नहीं उतरते। आदेश के बाद अब ये वाहन दिल्ली की सड़कों पर चलना तो दूर, सीमा के भीतर प्रवेश भी नहीं कर पाएंगे।
रोजाना आने-जाने वालों के लिए बढ़ी परेशानी
निजी गाड़ी से ऑफिस की भागदौड़ हो, बच्चों को स्कूल छोड़ने की रोज़ की जिम्मेदारी, या फिर अचानक मेडिकल इमरजेंसी ऐसे अनगिनत मौकों पर दिल्ली की ओर दौड़ने वाले लोगों के लिए यह रोक एक झटके में बड़ा संकट बन सकती है। अब तक जो सफर “रूटीन” था, वह कई परिवारों के लिए अनिश्चितता और जुर्माने के डर में बदल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुग्राम में करीब 2 लाख, नोएडा में लगभग 4 लाख और गाजियाबाद में 5.5 लाख से अधिक वाहन ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें नए नियमों के बाद दिल्ली की सीमा में “अवैध” श्रेणी में माना जाएगा।
गुरुग्राम पर कितना असर पड़ेगा
गुरुग्राम में लगभग 2 लाख निजी वाहन ऐसे बताए गए हैं जो बीएस-VI मानक पूरे नहीं करते। इनमें करीब 1.5 लाख बीएस-III पेट्रोल कारें और 36 हजार से अधिक बीएस-IV डीजल वाहन शामिल हैं। यही नहीं, शहर की लॉजिस्टिक्स और कमर्शियल मूवमेंट को भी झटका लगेगा। बताया जा रहा है कि 47 हजार से ज्यादा कमर्शियल बीएस-IV डीजल और 2 हजार से अधिक बीएस-III पेट्रोल कमर्शियल वाहन दिल्ली में नहीं जा पाएंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी प्रभावित होगा; करीब 2,200 बसें भी इस श्रेणी में आ सकती हैं।
नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति ज्यादा गंभीर
नोएडा, जिसे दिल्ली का “एक्सटेंडेड” हिस्सा भी कहा जाता है, वहां करीब 4 लाख वाहनों पर असर पड़ने की बात कही जा रही है। कुल 10 लाख पंजीकृत वाहनों में से केवल करीब 4.2 लाख ही बीएस-VI मानक पूरे करते हैं—यानि इन्हीं को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने की संभावना है। नोएडा में 1.4 लाख बीएस-III (लगभग 96,210 पेट्रोल और 41,067 डीजल) और 2.8 लाख बीएस-IV श्रेणी के वाहन दर्ज हैं। गाजियाबाद में हालात और भी कठिन बताए जा रहे हैं। यहां 5.5 लाख से ज्यादा वाहन बीएस-VI मानकों से नीचे हैं, जिनमें 1.7 लाख बीएस-III और 3.7 लाख बीएस-IV वाहन शामिल हैं। मतलब साफ है—एनसीआर के बड़े हिस्से की आवाजाही पर इस आदेश का सीधा असर दिखेगा। Delhi News












