दिल्ली विधानसभा सत्र में CAG रिपोर्टों की पेशी, ‘शीश महल’ बना बड़ा मुद्दा
दिल्ली विधानसभा सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू होगा, जिसमें सरकार की पांच महत्वपूर्ण CAG रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी। इन रिपोर्ट्स में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल से जुड़ी कई प्रमुख मामलों पर प्रकाश डाला जाएगा। इनमें मुख्यमंत्री आवास 'शीश महल' के कथित से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।

दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू हो रहा है। इस सत्र को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की कई महत्वपूर्ण रिपोर्टें सदन के पटल पर रखी जाएंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र के एजेंडे की पुष्टि करते हुए बताया कि पहले दिन उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का अभिभाषण होगा।
‘शीश महल’ रिपोर्ट पर सियासी घमासान तय
बता दें कि CAG की जिन पांच रिपोर्टों को पेश किया जाएगा, उनमें सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड के नवीनीकरण से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर है। भाजपा इसे ‘शीश महल’ करार देते हुए आरोप लगा रही है कि आवास के सौंदर्यीकरण पर 75 से 80 करोड़ रुपये तक खर्च किए गए। भाजपा का दावा है कि इस नवीनीकरण में महंगे मार्बल, लिफ्ट और अन्य लग्जरी सुविधाएं शामिल थीं, जबकि उसी समय दिल्ली की जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही थी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही बयान दे चुकी हैं कि यदि फिजूलखर्ची साबित होती है तो इसकी भरपाई जनता के पैसों से कराई जाएगी।
जल बोर्ड से लेकर मोहल्ला क्लीनिक तक जांच
बता दें कि ‘शीश महल’ के अलावा CAG की अन्य रिपोर्टों में दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार, विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कुप्रबंधन, मोहल्ला क्लीनिक, लाड़ली योजना, विज्ञापन नीति और सरकारी स्कूलों में कक्षा निर्माण से जुड़े मामलों की जांच की गई है। भाजपा का आरोप है कि आप पार्टी की सरकार के दौरान इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।
आबकारी नीति पर 2000 करोड़ के नुकसान का दावा
बता दें कि भाजपा नेताओं का कहना है कि फरवरी के बाद से पेश की गई CAG रिपोर्टों में आबकारी नीति के कारण करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान और स्वास्थ्य क्षेत्र में कथित घोटालों का खुलासा हुआ है। पार्टी आप पार्टी सरकार के कार्यकाल को ‘लूट काल’ करार दे रही है और आरोप लगा रही है कि लंबे समय तक विधानसभा सत्र न बुलाकर इन रिपोर्टों को दबाने की कोशिश की गई।
आप पार्टी का पलटवार
बता दें कि वहीं, आप पार्टी ने सभी आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। आप पार्टी का कहना है कि CAG रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सत्र के दौरान प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा प्रस्तावित है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा में सबसे ज्यादा हंगामा CAG रिपोर्टों को लेकर ही देखने को मिलेगा।
दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू हो रहा है। इस सत्र को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की कई महत्वपूर्ण रिपोर्टें सदन के पटल पर रखी जाएंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र के एजेंडे की पुष्टि करते हुए बताया कि पहले दिन उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का अभिभाषण होगा।
‘शीश महल’ रिपोर्ट पर सियासी घमासान तय
बता दें कि CAG की जिन पांच रिपोर्टों को पेश किया जाएगा, उनमें सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड के नवीनीकरण से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर है। भाजपा इसे ‘शीश महल’ करार देते हुए आरोप लगा रही है कि आवास के सौंदर्यीकरण पर 75 से 80 करोड़ रुपये तक खर्च किए गए। भाजपा का दावा है कि इस नवीनीकरण में महंगे मार्बल, लिफ्ट और अन्य लग्जरी सुविधाएं शामिल थीं, जबकि उसी समय दिल्ली की जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही थी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही बयान दे चुकी हैं कि यदि फिजूलखर्ची साबित होती है तो इसकी भरपाई जनता के पैसों से कराई जाएगी।
जल बोर्ड से लेकर मोहल्ला क्लीनिक तक जांच
बता दें कि ‘शीश महल’ के अलावा CAG की अन्य रिपोर्टों में दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार, विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कुप्रबंधन, मोहल्ला क्लीनिक, लाड़ली योजना, विज्ञापन नीति और सरकारी स्कूलों में कक्षा निर्माण से जुड़े मामलों की जांच की गई है। भाजपा का आरोप है कि आप पार्टी की सरकार के दौरान इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।
आबकारी नीति पर 2000 करोड़ के नुकसान का दावा
बता दें कि भाजपा नेताओं का कहना है कि फरवरी के बाद से पेश की गई CAG रिपोर्टों में आबकारी नीति के कारण करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान और स्वास्थ्य क्षेत्र में कथित घोटालों का खुलासा हुआ है। पार्टी आप पार्टी सरकार के कार्यकाल को ‘लूट काल’ करार दे रही है और आरोप लगा रही है कि लंबे समय तक विधानसभा सत्र न बुलाकर इन रिपोर्टों को दबाने की कोशिश की गई।
आप पार्टी का पलटवार
बता दें कि वहीं, आप पार्टी ने सभी आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। आप पार्टी का कहना है कि CAG रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सत्र के दौरान प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा प्रस्तावित है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा में सबसे ज्यादा हंगामा CAG रिपोर्टों को लेकर ही देखने को मिलेगा।












