Monday, 2 June 2025

प्लास्टिक से भरती पृथ्वी… क्या यही है हमारा भविष्य? Earth Day 2025 पर सोचिए दोबारा!

नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025- कल्पना कीजिए एक ऐसी धरती की, जहाँ समुद्रों में मछलियों से ज़्यादा प्लास्टिक हो, खेतों…

प्लास्टिक से भरती पृथ्वी… क्या यही है हमारा भविष्य? Earth Day 2025 पर सोचिए दोबारा!

नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025- कल्पना कीजिए एक ऐसी धरती की, जहाँ समुद्रों में मछलियों से ज़्यादा प्लास्टिक हो, खेतों में बीज नहीं बल्कि पॉलीथीन उगें, और हवा में ताजगी की जगह जहरीले कण तैरें। क्या यही है हमारा भविष्य? इस साल का World Earth Day 2025 इसी चिंताजनक सच्चाई को उजागर कर रहा है – थीम है “Planet vs. Plastics”।

World Earth Day 2025:

हर साल मनाया जाने वाला पृथ्वी दिवस अब सिर्फ एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं, बल्कि पर्यावरण संकट के प्रति चेतावनी बन चुका है। प्लास्टिक का अंधाधुंध उपयोग न केवल हमारे प्राकृतिक संसाधनों को लील रहा है, बल्कि यह जल, थल और वायु—तीनों को प्रदूषित कर चुका है।

प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से नदियाँ जाम हो रही हैं, समुद्री जीव दम तोड़ रहे हैं, और यहां तक कि हमारी भोजन श्रृंखला में भी माइक्रोप्लास्टिक के रूप में ज़हर घुल रहा है। वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके हैं — अगर अब नहीं संभले, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ नहीं करेंगी।

Earth Day 2025 पर देशभर में कई संस्थानों, स्कूलों, पर्यावरण संगठनों और नागरिक समूहों ने सफाई अभियान, जागरूकता रैली, पोस्टर प्रतियोगिता और प्लास्टिक-वैकल्पिक उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं। लेकिन सवाल यह है — क्या ये प्रयास साल भर जारी रहेंगे?

पर्यावरणविदों का साफ कहना है कि यह लड़ाई अकेले सरकार या संगठनों की नहीं, हर नागरिक की है। हमें प्लास्टिक के विकल्प अपनाने होंगे, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का बहिष्कार करना होगा और जिम्मेदारी से कचरा प्रबंधन की आदत डालनी होगी।

खुद से पूछिए एक सवाल:

इस पृथ्वी दिवस पर खुद से एक सवाल पूछिए — क्या मैं उस बदलाव का हिस्सा हूं, जो इस धरती को बचा सकता है? अगर जवाब ‘हां’ है, तो आज ही से अपने जीवन में छोटे-छोटे लेकिन टिकाऊ बदलाव लाएं। क्योंकि एक बेहतर कल, आज के बेहतर फैसलों पर ही टिका है।

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