हो गया फैसला यूपी को एक बार फिर मिलेगा काम चलाऊ DGP

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:17 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि वर्ष 2018 से शुरू हुआ यूपी में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) का सिलसिला एक बार फिर जारी रहेगा। लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला कर लिया है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक (DGP) से ही काम चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के वर्तमान डीजीपी विजय कुमार दो दिन बाद 31 जनवरी 2024 को रिटायर हो जाएंगे।

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आनंद कुमार है रेस में आगे

उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी का इतिहास बताने से पहले यह बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान DGP विजय कुमार 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हो रहे हैं। उनके रिटायर्ड होते ही 1 फरवरी 2024 से यूपी को नया कार्यवाहक डीजीपी मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश में नए DGP की दौड़ में 1988 बैच के आईपीएस अफसर आनंद कुमार और 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार के अलावा कई चेहरे शामिल हैं। आर.के. विश्वकर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद विजय कुमार को 31 मई 2023 को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात किया गया था। उनका सेवाकाल 31 जनवरी 2024 को समाप्त होगा। उनके बाद वरिष्ठता सूची में मुकुल गोयल, आनंद कुमार, सफी अहमद रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामशास्त्री, संदीप सांलुके, दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, बीके मौर्या, एसएन साबत, अविनाश चंद्र, डा. संजय, मनमोहन कुमार, तनुजा श्रीवास्तव, एसके माथुर, सुभाष चंद्रा और प्रशांत कुमार हैं। 1987 बैच के मुकुल गोयल 29 फरवरी, 1988 बैच के आनंद कुमार 30 अप्रैल, 1990 की। बैच के एसके माथुर 31 जनवरी, राष्ट्र सुभाष चंद्रा 30 अप्रैल तथा तनुजा श्रीवास्तव 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के सफी अहसान रिजवी, आदित्य मिश्रा, पीयू रामशास्त्री लेकि व दलजीत चौधरी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

2018 से काम चलाऊ डीजीपी के बलबूते पर है प्रदेश

आपको बता दें कि वर्ष 2018 से ही उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है। पिछले 6 साल की सिलसिलेवार बात करें तो 16 अप्रैल 2017 को प्रदेश में जावीद अहमद को हटाकर सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया। सुलखान सिंह इसी साल सितंबर में रिटायर हो रहे थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले उन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया और उनका कार्यकाल 31 दिसंबर तक हो गया। दिसंबर में ही यूपी सरकार ने केंद्र को पैनल भेजा, जिसमें सीआईएसएफ के डीजी रहे ओपी सिंह का नाम सामने आया। ओपी सिंह को ज्वाइन करने में करीब 20 दिन का समय लग गया, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।

22 जनवरी 2018 को ओपी सिंह ने कार्यभार संभाला। ओपी सिंह यूपी में दो साल तक डीजीपी रहे, वह 31 जनवरी 2020 को रिटायर हुए। इसके बाद फिर से प्रदेश में डीजीपी की खोज शुरू हुई तब तक हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। आखिरकार 4 मार्च को हितेश चंद्र अवस्थी ही फुल टाइम डीजीपी बने। वह भी करीब एक साल से ज्यादा इस पद पर रहे और 30 जून 2021 को रिटायर हो गए।

3 कामचलाऊ डीजीपी

फिर मुकुल गोयल डीजीपी बने, लेकिन साल भर बाद 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटा दिया गया और 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। धीरे-धीरे 2023 आ गया और मार्च में डीएस चौहान भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहते हुए रिटायर हो गए। उनके रिटायरमेंट के बाद भी डीजीपी के लिए कोई उचित चेहरा नहीं मिला और आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। दो महीने बाद ही 31 मई 2023 को आरके विश्वकर्मा रिटायर हो गए। इसके बाद एक जून 2023 को डीजी विजिलेंस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। वह दोनों पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

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वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा कहते हैं कि उत्तर प्रदेश ही नहीं किसी भी राज्य के लिए फुल टाइम डीजीपी नहीं होना अच्छा नहीं है। एक तो इससे पुलिस के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पुलिस की पावर कमजोर पड़ती है। सुप्रीम पावर के नहीं होने से या कार्यवाहक रूप से व्यवस्था चलाए जाने से इसका निचले स्तर तक असर पड़ता है। ये बात सही है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर काफी सजग दिखते हैं, लेकिन संवैधानिक पद पर नियुक्ति भी उतनी ही जरूरी है। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, सफाई कर्मियों को मिलेगा भरपूर वेतन

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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, सफाई कर्मियों को मिलेगा भरपूर वेतन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Jan 2024 08:43 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश के सफाई कर्मचारियों की चिंता करना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक सफाई कर्मचारी को उसका पूरा हक देते हुए भरपूर मात्रा में वेतन दिया जाएगा। एक नियमित सफाई कर्मचारी की तरह से ही ठेके पर काम करने वाले उत्तर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन अवश्य दिया जाएगा।

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सीएम योगी ने की है घोषणा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले की घोषणा की है। यूपी के सीएम योगी ने अपने शहर गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की है। सीएम योगी ने इस घोषणा में कहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के प्रत्येक सफाई कर्मचारी को न्यूनतम वेतन (मानदेय) देने की व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नगर पालिका, नगर निगम, गांव पंचायत अथवा प्राधिकरण में ठेके पर अथवा दिहाड़ी पर काम करने वाले सफाई कर्मचारी को न्यूनतम वेतन देने की व्यवस्था करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश के हर एक सफाई कर्मचारी को न्यूनतम वेतन देने की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा

रविवार को गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक घोषणा की हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई मित्रों के लिए ई-सेवा पोर्टल, 10 लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा सुविधा एवं कल्याण कोष का शुभारंभ किया। कल्याण कोष से चार सफाई मित्रों के आश्रितों को सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के अभयनंदन इंटर कॉलेज के मैदान पर रविवार को नगर निगम की 116 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने सफाई मित्रों एवं वाहन चालकों को यूनिफॉर्म, लंच बॉक्स वितरित किये और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

अकेलापन दूर करने के लिए 103 साल का बुजुर्ग घर लाया अपने से 54 साल छोटी दुल्हन

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पहले कुबूल है कुबूल है, फिर 5 घंटे बाद ही तलाक तलाक तलाक

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:44 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शादी में दूल्हे की दादी से कुर्सी मांगने पर इतना हंगामा हो गया, कि मामला तलाक लेने के बाद ही शांत हुआ। बताया जा रहा है कि दुल्हे की दादी से कुर्सी मांगने पर नाराज दुल्हे और उसके भाई ने दुल्हन पक्ष के साथ गाली-गलौज कर दी। जिसके बाद दुल्हन के घरवालों ने दूल्हे समेत पूरी बारात को बंधक बना लिया। इसके बाद सभी लोगों को छूटने के लिए बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ गई।

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मामला बुलंदशहर के औरंगाबाद का है। यहां की रहने वाली एक युवती का निकाह दिल्ली के सीमापुरी के रहने वाले युवक से तय हुआ था। बीते शनिवार रात दोनों की शादी होना तय हुआ था। बारात में आए महमानों ने हंसी खुशी खाना खा लिया था। मोलवियों ने पति-पत्नी को निकाह पढ़कर कबुल करा दिया था। लेकिन नाराज दुल्हे और उसके भाई के गाली गलौच करने के बाद बारात को बिन दुल्हन के खाली हाथ लौटना पड़ गया।

दुल्हे ने दुल्हन को मारने की दी धमकी

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात करीब साढ़े दस बजे मैरिज होम में दूल्हे की दादी कुर्सी पर बैठी हुई थीं। उसी दौरान एक युवक वहां पहुंचा और दादी से कुर्सी छोड़ने के लिए कहने लगा। दादी ने युवक के साथ अभद्रता करने के साथ खुद को गोली मारने की धमकी दी। इस बात का पता जब दूल्हे और उसके भाई को लगा तो वे भड़क गए और दुल्हन व उसके परिजनों के साथ गाली गलौज करने लगे। दुल्हन पक्ष ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो दूल्हे ने दुल्हन को दिल्ली पहुंचकर मारने की धमकी दे डाली। इससे दुल्हन खफा हो गई और साथ जाने से इन्कार कर दिया।

मैरिज होम के मुख्य गेट पर लगाया ताला

मामला बढ़ता देख दुल्हन पक्ष ने मैरिज होम के मुख्य गेट पर ताला लगाकर दूल्हा समेत सभी बरातियों को बंधक बना लिया। इसके बाद दुल्हन को तलाक देने और शादी में हुआ खर्च देने की मांग रख दी। सूचना पर पूर्व चेयरमैन अख्तर मेवाती मौके पर पहुंचे और दूल्हे पक्ष से समारोह में खर्च हुई रकम चुकाने के लिए कहा। काफी जद्दोजहद के बाद दूल्हे पक्ष ने रकम लौटाने के साथ दुल्हन को तलाक दे दिया। इसके बाद बारात को बंधनमुक्त किया गया।

UP News एएसपी ने कही ये बात

इस मामले को लेकर एएसपी नगर अनुकृति शर्मा का कहना है कि अबी किसी भी पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। अगर इस मामले में कोई शिकायत मिलती है, तो मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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