अखिलेश यादव ने भरा एसआईआर फार्म, सरकार पर जारी रखा हमला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना एसआईआर फॉर्म जमा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यह कदम 27 नवंबर को उठाया, और इस दौरान उनका एक फोटो भी सार्वजनिक हुआ है।

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अखिलेश यादव एसआईआर फार्म भरते हुए
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar29 Nov 2025 05:16 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची सुधार अभियान (एसआईआर) के तहत फॉर्म भरने का दौर जारी है, और इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना एसआईआर फॉर्म जमा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यह कदम 27 नवंबर को उठाया, और इस दौरान उनका एक फोटो भी सार्वजनिक हुआ है।

बीएलओ की मौत को लेकर भाजपा पर हमलावर

साथ ही, अखिलेश यादव लगातार इस प्रक्रिया को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने प्रदेश में बीएलओ कर्मचारियों की मौतों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मृतक बीएलओ विजय कुमार वर्मा की पत्नी संगीता को लखनऊ में दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।

आयोग और भाजपा की मिलीभगत के कारण कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव

इस मौके पर सपा मुखिया ने चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि एसआईआर की प्रक्रिया में आयोग और भाजपा की मिलीभगत के कारण कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है, जिससे कई बीएलओ अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के हाथ खून से सने हैं। हम इस मुद्दे को पहले लोकसभा में उठाएंगे और उसके बाद सड़क पर भी आवाज उठाएंगे। अखिलेश यादव ने दोहराया कि यह सिर्फ चुनावी प्रक्रिया का मामला नहीं, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और लोकतांत्रिक अधिकारों का मामला है। उनका दावा है कि दबाव और असुविधाजनक परिस्थितियों के कारण कई बीएलओ मौत के घाट उतर रहे हैं, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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उत्तर प्रदेश की खास भर्ती में हुआ बड़ा घोटाला

नोटिस का सही जवाब ना देने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। नोटिस में सख्त कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है।

बरेली में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला उजागर, कई अधिकारी जांच के घेरे में
बरेली में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला उजागर, कई अधिकारी जांच के घेरे में
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar01 Dec 2025 11:32 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के ऊपर घोटालेबाज पानी फेर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक बड़े जिले में की गई खास प्रकार की भर्ती में बड़ा घोटाला होने का मामला प्रकाश में आया है। इस घोटाले का मास्टर माइंड जिले के जिला कृषि अधिकारी को बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि निदेशालय ने जिला कृषि अधिकारी को नोटिस जारी करके कारण स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। नोटिस में सख्त कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है घोटाला

भर्ती में घोटाले का यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है। बरेली जिले से आई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर की गई आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती से जुड़ा हुआ है। इस मामले में जिला कृषि अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से नोटिस जारी करके तुरंत पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। नोटिस का सही जवाब ना देने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।

बरेली के DPO मनोज कुमार की बताई जा रही है बड़ी भूमिका

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पदों की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला उत्तर प्रदेश शासन तक पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक ने जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) मनोज कुमार को नोटिस जारी कर सात बिंदुओं पर सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तैनात जिलाधिकारी ने लापरवाही, शिथिलता, उदासीनता और मनमर्जी के आरोप में डीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की थी। इसी का संज्ञान लेकर निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने डीपीओ को नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस के मुताबिक, पिछले साल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त 311 पदों के सापेक्ष 301 पदों पर भर्ती हुई थी। डीपीओ ने इसकी निगरानी नहीं की। इस वजह से भर्ती से जुड़ीं 168 शिकायतें आईं। इनमें 21 सही पाई गईं। 21 चयन निरस्त करने पड़े। तीन लेखपाल निलंबित हुए। सात लेखपालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई।

अनेक अधिकारी व कर्मचारी मामले की जद में

 उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए इस घोटाले की जद में अनेक सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आ चुके हैं। बरेली जिले के जिला समन्वयक धर्मपाल के विरुद्ध रिश्वत लेने की पुष्टि होने पर सात जुलाई को उसकी संविदा समाप्त की गई। सीडीपीओ श्रीकृष्ण चंद्र के रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ। सीडीओ की रिपोर्ट पर उसे 16 अप्रैल को निलंबित किया गया। भर्ती प्रक्रिया डीपीओ की निगरानी में हुई, लेकिन इन्होंने घोर लापरवाही बरती। न उन्होंने निरीक्षण की रिपोर्ट दी, न ही सीडीपीओ की निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराई। निदेशक ने डीपीओ से कहा है कि कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करना संभव नहीं हो पाया है। इस मामले में पूर्व में सीडीओ ने डीपीओ को विभिन्न तारीखों में 11 बार कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं। निदेशालय से भी वर्ष 2024 में 21 जून को चेतावनी, 16 व 19 जुलाई एवं 26 सितंबर 2025 को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। फिर भी डीपीओ ने कार्यशैली में सुधार नहीं किया। UP News

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उत्तर प्रदेश के इस गाँव में फेल हो गई सरकार

भारत की आजादी को 78 साल बाद उत्तर प्रदेश के इस गाँव की दुर्दशा तथा बदहाली की कहानी सरकारी सिस्टम के गाल पर बहुत बड़ा थप्पड़ है। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे विकास के सारे दावे प्रदेश के इस गाँव में आकर फेल साबित हो रहे हैं।

78 साल बाद भी अंधेरे में डूबा सीतापुर का अन्नीपुर गाँव
78 साल बाद भी अंधेरे में डूबा सीतापुर का अन्नीपुर गाँव
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar29 Nov 2025 03:49 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गाँव सामने आया है जहां उत्तर प्रदेश की सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के फेल होने के कारण प्रदेश के इस गाँव के लडक़ों की शादी तक नहीं हो पा रही है। भारत की आजादी को 78 साल बाद उत्तर प्रदेश के इस गाँव की दुर्दशा तथा बदहाली की कहानी सरकारी सिस्टम के गाल पर बहुत बड़ा थप्पड़ है। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे विकास के सारे दावे प्रदेश के इस गाँव में आकर फेल साबित हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है दुर्भाग्यशाली गाँव

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक बहुत ही दुर्भाग्यशाली गाँव है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की महमूदाबाद तहसील का अन्नीपुर गाँव इसलिए दुर्भाग्यशाली गाँव है क्योंकि इस गाँव ने अभी तक विकास की रोशनी नहीं देखी है। आपको यकीन नहीं होगा किन्तु यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जनपद सीतापुर के अन्नीपुर गाँव में रहने वालों का आज तक बिजली नसीब नहीं हुई है। विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 88 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीतापुर जिले के अन्नीपुर गाँव तक बिजली नहीं पहुंचा पाई है। अन्नीपुर के ग्रामीण गाँव में बिजली ना आने को अपना दुर्भाग्य मानकर संतोष कर लेते हैं।

क्या है उत्तर प्रदेश के अन्नीपुर गाँव का यह पूरा मामला ?

चेतना मंच के लखनऊ में तैनात संवाददाता राधेश दीक्षित के अनुसार उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक गांव में अभी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंच सकी हैं। आजादी के 78 साल बीत जाने के बाद अभी भी इस गांव के लोग रात में रोशनी के लिए मोमबत्ती का सहारा लेते हैं। मामला सीतापुर जिले के बसावनपुर के ग्राम अन्नीपुर का है। यहां आजादी के बाद अब भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। गांव में करीब 45 घर हैं। लगभग 700 की आबादी वाले इस गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। ग्रामीण जयंती लाल वर्मा बताते हैं कि देश की आजादी के 78 साल बाद भी गांव की सूरत नहीं बदल सकी है। गांव में विद्युतीकरण नहीं हो सका है। कई वर्ष पहले गांव में बिजली के खम्भे आए थे लेकिन अभी तक रोशनी नहीं को सकी है। गांव के लोग कहते हैं कि बिजली न होने से रात में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। लोगों को रात में उजाले के लिए सौर ऊर्जा व मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है। गाँव के लडक़ों की नहीं हो रही है शादीउत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित अन्नीपुर गाँव के लडक़ों की शादी भी नहीं हो पा रही है। अन्नीपुर गाँव में बिजली ना होने के कारण किसी भी गाँव के लोग अपनी बेटी का विवाह अन्नीपुर के लडक़ों के साथ नहीं करते हैं। इस कारण अन्नीपुर के लडक़े कुँआरे रहते हुए ही बूढ़े होने को मजबूर हैं। UP News