उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, हजारों परिवारों का कल्याण

Yogi Adityanath
Uttar Pradesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Jul 2025 02:56 PM
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला प्रदेश के हजारों परिवारों का बड़ा कल्याण करेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वें सब मिलकर यह बड़ा फैसला तुरन्त लागू करें। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों का दावा है कि यह बड़ा फैसला प्रदेश के 10 हजार से अधिक परिवारों के लिए सबसे बड़ी खुश खबरी है।

क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला?

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में आए सभी विस्तापितों को जमीन का मालिकाना अधिकार प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से विस्थापित होकर राज्य के विभिन्न जिलों में बसाए गए परिवारों को विधिसम्मत भूस्वामित्व अधिकार देने की दिशा में ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल भूमि के हस्तांतरण का मामला नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों के जीवन संघर्ष को सम्मान देने का अवसर है, जिन्होंने देश की सीमाओं के उस पार से भारत में शरण ली और दशकों से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन परिवारों के साथ संवेदना के साथ-साथ यथोचित सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। यह शासन की नैतिक जिम्मेदारी है।

उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से 65 साल बाद मिलेगा न्याय

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विभाजन के पश्चात 1960 से 1975 के बीच पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए हजारों परिवारों को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जनपदों में पुनर्वासित किया गया था। प्रारंभिक वर्षों में इन परिवारों को ट्रांजिट कैंपों के माध्यम से विभिन्न गांवों में बसाया गया और भूमि आवंटन भी किया गया, किंतु कानूनी और अभिलेखीय विसंगतियों के चलते अधिकांश को आज तक वैध भूमिधरी अधिकार प्राप्त नहीं हो सके हैं। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जनपद पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर सहित कई जिलों में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए परिवारों को वर्षों पूर्व बसाया गया था और उन्हें कृषि भूमि भी आवंटित की गई थी। हालांकि, समय के साथ अभिलेखीय त्रुटियां, भूमि का वन विभाग के नाम दर्ज होना, नामांतरण की प्रक्रिया लंबित रहना अथवा भूमि पर वास्तविक कब्जा न होने जैसी कई प्रशासनिक व कानूनी जटिलताओं के चलते इन परिवारों को अब तक विधिसम्मत भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त नहीं हो सके हैं। कुछ स्थानों पर अन्य राज्यों से आए विस्थापित भी बसाए गए हैं जो आज भी भूमि स्वामित्व से वंचित हैं।

उत्तर प्रदेश में रह रहे विस्थापितों के नाम दर्ज नहीं हैं

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एक ओर जहां कई गांवों में वर्षों से खेती कर रहे परिवारों ने भूमि पर स्थायी आवास बना लिए हैं, वहीं राजस्व अभिलेखों में उनके नाम आज भी दर्ज नहीं हैं। दूसरी ओर, कुछ ग्रामों में वास्तव में आज भी उन परिवारों का कोई अस्तित्व नहीं है, जिन्हें पहले वहां बसाया गया था। कई परिवारों ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए भूमि पर कब्जा किया है, जिससे समस्या हो रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन मामलों में पूर्व में भूमि का आवंटन गर्वनमेंट ग्रांट एक्ट के तहत हुआ था, उन्हें ध्यान में रखते हुए वर्तमान विधिक ढांचे में नए विकल्प तलाशे जाएं, क्योंकि यह अधिनियम 2018 में निरस्त किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संवेदनशील प्रयास दशकों से उपेक्षित विस्थापित परिवारों के लिए एक नई उम्मीद और गरिमापूर्ण जीवन का द्वार खोलने वाला साबित हो सकता है। इसे केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि "सामाजिक न्याय, मानवता और राष्ट्रीय जिम्मेदारी" के रूप में देखना चाहिए।
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रात के सन्नाटे में मंडराता रहस्य! बिजनौर के आसमान में ड्रोन का दहशत

रात के सन्नाटे में मंडराता रहस्य! बिजनौर के आसमान में ड्रोन का दहशत
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 10:21 AM
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Uttar Pradesh Samachar : बिजनौर के आसमान में रातों में कुछ ऐसा हो रहा है जिसे समझ पाना न पुलिस के बस में है, न ही प्रशासन के पास कोई ठोस जवाब। बीते चार-पांच रातों से जिले के 20 से ज्यादा गांवों के ऊपर एक के बाद एक रहस्यमयी ड्रोन मंडरा रहे हैं। तेज रोशनी फैलाते, देर रात तक उड़ते और फिर बिना कोई सुराग छोड़े गायब हो जाते हैं। नतीजा, पूरे इलाके में अफरा-तफरी और डर का माहौल।

ड्रोन की फ्लैशलाइट देख स्कूल पर टूट पड़ा जनसैलाब

नूरपुर थाना क्षेत्र के राजा का ताजपुर में शनिवार रात 12 बजे ड्रोन ने सरकारी स्कूल के ऊपर काफी देर तक चक्कर काटा। स्थानीय महिला अलीशा बताती हैं, ऐसा लग रहा था जैसे कोई हमारी तस्वीरें खींच रहा हो। डर के मारे लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा, लेकिन ग्रामीणों की चिंता और गहरी हो गई।

हीमपुर से शिवाला तक कैमरे भी खामोश, पत्थर भी बेअसर

धीवरपुरा गांव में पशु चिकित्सक डॉ. गुड्डू सिंह ने बताया कि ड्रोन ने अलग-अलग जगहों पर उड़ान भरी। ग्रामीणों ने डर के मारे पत्थर फेंके लेकिन वो ऊंचाई पर था, कुछ असर नहीं पड़ा। कई लोगों ने इसकी वीडियो भी बनाई है, लेकिन मंशा अभी भी रहस्य बनी हुई है। शिवाला कलां के मुराहट गांव में भीड़ ने मध्य प्रदेश से आए एक भिखारी को ड्रोन उड़ाने वाला समझकर पीट डाला। बाद में पता चला वह बस भीख मांग रहा था। यह घटना बताती है कि लोगों में कितना भय और भ्रम व्याप्त हो चुका है।

सरकारी सर्वे या खुफिया जासूसी?

माहूं गंधोर गांव के संजय यादव ने शक जताया है कि या तो यह कोई गुप्त सरकारी सर्वे है या फिर किसी संगठन की जासूसी। उनका कहना है, अब बात चेतावनी से आगे निकल गई है, इन ड्रोन को गिराकर ही असलियत सामने आएगी। अब तक करीब 20 गांवों से पुलिस को ड्रोन की शिकायतें मिली हैं। चांदपुर सर्किल के सीओ देश दीपक सिंह के मुताबिक, कई बार यह हवाई जहाज की लाइट भी हो सकती है। लेकिन हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं।

एसएसपी की चेतावनी, ड्रोन उड़ाया तो बचोगे नहीं

बिजनौर के एसएसपी अभिषेक झा ने बताया कि कई टीमों को जांच के लिए लगाया गया है। यदि कोई असामाजिक तत्व ऐसा कर रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम लोगों से अपील है कि अफवाहों से दूर रहें और ड्रोन दिखने पर तुरंत 112 नंबर पर सूचना दें। बिजनौर के आसमान में मंडराती ये चमकती उड़ानें सिर्फ एक तकनीकी खिलवाड़ हैं या किसी बड़ी साजिश की शुरुआत? जबतक पुलिस और खुफिया एजेंसियां सच्चाई नहीं सामने लातीं, तब तक ग्रामीण रातें आंखों में काटने को मजबूर हैं।
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प्रिया सरोज की सादगी का खूबसूरत वीडियो वायरल, अब तक देख चुके सैकड़ों

Priya Saroj
Uttar Pradesh Samachar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Jul 2025 11:35 AM
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Uttar Pradesh Samachar : उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, जिसमें वे अपने गांव में पानी से भरे खेत में उतरकर धान की रोपाई करती नजर आ रही हैं। यह वीडियो खुद प्रिया सरोज ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया है, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, "हमारा गांव..." इस सादगी भरे दृश्य को देखकर लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं "ऐसी नेता होनी चाहिए जो जमीन से जुड़ी हो।"

महिलाओं के साथ मिलकर की धान की रोपाई

रविवार को सांसद प्रिया सरोज अपने पैतृक गांव करखियांव (पिंडरा तहसील, वाराणसी) पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने अपनी सहेलियों और गांव की अन्य महिलाओं के साथ खेत में उतरकर धान की रोपाई की। खेत की कीचड़ में पैर डाले, गांव की बेटियों के साथ घुल-मिलकर लगभग आधे घंटे तक मेहनत करती रहीं। इस दौरान उन्होंने सपा की नीतियों, पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) मॉडल और किसानों के लिए समाजवादी सरकार की योजनाओं को भी साझा किया। यहां देखें वीडियो... [video width="320" height="568" mp4="https://chetnamanch.com/wp-content/uploads/2025/07/E9-LrO7e9IgTsIsi.mp4"][/video]

लोकसभा की सबसे युवा सांसदों में से एक

बता दें कि प्रिया सरोज लोकसभा की सबसे युवा सांसदों में से एक हैं। वे सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। हाल ही में उनकी सगाई भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह से हुई थी, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डिंपल यादव सहित कई बड़े नेता शामिल हुए थे। बता दें कि, कुछ दिन पहले प्रिया सरोज ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पर भी तीखा हमला किया था। अनिरुद्धाचार्य द्वारा अखिलेश यादव पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने लिखा था, “जब एक बाबा कृष्ण जी का नाम बताने में असफल हो जाता है, तो अपनी छवि सुधारने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का नाम हिंदू-मुस्लिम जोड़कर देश-प्रदेश का माहौल खराब कर देता है। क्या यही सिखाते हैं अपने प्रवचनों में?”

सोशल मीडिया पर कमेंट की बाढ़

प्रिया का खेतों में काम करने वाला वीडियो वायरल होते ही यूजर्स ने उनके देसी अंदाज और ज़मीनी जुड़ाव की जमकर तारीफ की है। कोई उन्हें "जमीन से जुड़ी जननेत्री" बता रहा है, तो कोई लिख रहा है "युवाओं की असली रोल मॉडल।"