मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? बच्चों के इत्तिला करने पर भी पोहे में व्यस्त थे मास्टरजी

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Jhalawar
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calendar01 Dec 2025 07:25 AM
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Jhalawar: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से 7 मासूमों की दर्दनाक मौत और 27 बच्चों के घायल होने के बाद राज्य सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार दोपहर 3:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक आपात उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में राज्य के सभी जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी और महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

सुस्त कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल

सूत्रों के मुताबिक बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा जमीनी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले अफसरों की जवाबदेही तय कर सकते हैं। यह भी संभव है कि कई अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो। सरकार पूरे राज्य में सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की बिल्डिंग्स का व्यापक ऑडिट कराने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। शिक्षा विभाग पहले ही जिलों से जर्जर भवनों की रिपोर्ट मांग चुका है लेकिन अब तक की सुस्त कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

"सर पोहा खा रहे थे डांटकर क्लास में भेज दिया..."

घटनास्थल से सामने आई जानकारी दिल दहला देने वाली है। स्कूल की एक आठवीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि हादसे से कुछ देर पहले ही क्लास की छत से कंकड़-पत्थर गिरने लगे थे। बच्चे घबराकर क्लास से बाहर आए और इकलौते मौजूद शिक्षक को इसकी जानकारी दी, लेकिन उस वक्त शिक्षक स्कूल परिसर में बाहर नाश्ता कर रहे थे। छात्रा के मुताबिक, "हमने सर को बताया तो उन्होंने डांटकर हमें वापस क्लास में भेज दिया। इसके दो-तीन मिनट बाद ही पूरी छत ढह गई।"

हादसे का जवाबदेह कौन?

हादसे ने प्रदेश में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जिलों ने समय रहते रिपोर्ट दी थी? क्या शिक्षा विभाग ने कोई ठोस कदम उठाया? और आखिर इतने बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए कौन जिम्मेदार है? अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री की बैठक पर टिकी हैं जिसमें न केवल जिम्मेदारी तय होगी बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए पुख्ता रणनीति बनाई जा सकती है।
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पूरी तरह से कंगाल हो गया है अनिल अंबानी

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Anil Ambani
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 04:59 PM
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Anil Ambani: अनिल अंबानी कोई छोटा मोटा नाम नहीं है। अनिल अंबानी (Anil Ambani) भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति स्व. धीरूभाई अंबानी के बेटे तथा दुनिया के टॉप-10 उद्योगपतियों में शामिल मुकेश अंबानी के भाई हैं। इतना शानदार बैकग्राउंड होने के बावजूद अनिल अंबानी पूरी तरह से कंगाल हो चुके हैं। अनिल अंबानी को भारत के प्रतिष्ठित बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने फ्रॉड उद्योगपति बताकर उसके फ्रॉड की शिकायत CBI से कर दी है।

 अर्श से फर्श पर आ गए हैं अनिल अंबानी

भारत में प्रसिद्ध मुहावरा है- ‘‘अर्श से फर्श पर’’ भारत का यह प्रसिद्ध मुहावरा अनिल अंबानी के ऊपर सटीक बैठ रहा है। इस मुहावरे का अर्थ है आसमान की ऊंचाई से जमीन पर आ जाना। यही स्थिति अनिल अंबानी के साथ हो गई है। ज्यादा पुरानी बात नहीं है वर्ष-2002 तक अनिल अंबानी का नाम भारत के टॉप उद्योगपतियों में गिना जाता था। वर्तमान में अनिल अंबानी खुद ही NCLT में जाकर बता रहे हैं कि वें दिवालिया (कंगाल) हो चुके हैं। इस बात में अब कोई शक नहीं बचा है कि अनिल अंबानी पूरी तरह से कंगाल हो चुके हैं। यह अलग बात है कि ‘‘बड़े वर्तन की खुरचन भी बड़ी होती है’’ वाली कहावत भी अनिल अंबानी के ऊपर सटीक साबित हो रही है। इस कहावत का मतलब है कि जब कोई बड़ा व्यक्ति कंगाल होता है तो उसके पास इतना धन तो बच ही जाता है जितना धन आम आदमी के पास नहीं होता है।

 मात्र 17 साल पहले 42 बिलियन डॉलर थी अनिल अंबानी की नेटवर्थ

यह ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब अनिल अंबानी भारत के टॉप-10 अमीरों में गिने जाते थे। वर्ष-2008 की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2008 में अनिल अंबानी की नेटवर्थ 42 बिलियन डॉलर से भी अधिक की थी। वर्ष-2025 आते-आते अनिल अंबानी कंगाल हो गए हैं। कुछ दिन पहले तक अनिल अंबानी उद्योग जगत में कम बैक की कोशिश कर रहे थे। लगता है कि अब अनिल अंबानी  का कम बैक करने का सपना समाप्त हो गया है। ED ने जिस प्रकार अनिल अंबानी को चारों तरफ से घेरा उससे तो लगता है कि अनिल अंबानी का आगे का जीवन कंगाली में ही गुजरने वाला है।

बहुत दिलचस्प है अनिल अंबानी के अर्श तक जाने की यात्रा

बात अनिल अंबानी के इतिहास की करें तो बिजनस की दुनिया में अनिल अंबानी उभार 1980 के दशक में शुरू हुआ, जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी को 1986 में स्ट्रोक हुआ था। अनिल ने रिलायंस के वित्तीय लेन-देन के डे-टु-डे मैनेजमेंट को संभाला। साल 2002 में धीरूभाई की मृत्यु के बाद अनिल और उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने संयुक्त रूप से रिलायंस का नेतृत्व किया। हालांकि 2005 में कंट्रोल को लेकर विवादों के कारण भाइयों के बीच विभाजन हो गया। मुकेश के हिस्से में तेल और पेट्रोकेमिकल बिजनस आया जबकि अनिल को टेलिकॉम, पावर और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे नए वेंचर मिले। अनिल अंबानी के इन्फ्रा, रक्षा और मनोरंजन सहित विभिन्न क्षेत्रों में एंट्री मारी लेकिन उन्हें सीमित सफलता मिली। फिर आया वह समय जब अनिल अंबानी फर्श की तरफ गिरते चले गए। उनको फर्श पर गिराने का सबसे बड़ा श्रेय उत्तर प्रदेश के दादरी में लगाए जाने वाले उनके पॉवर प्रोजेक्ट को जाता है। यहां आप विस्तार से पढ़ सकते हैं कि कैसे बर्बाद हुए अनिल अंबानी।

उत्तर प्रदेश के दादरी से शुरू हुई अनिल अंबानी की बर्बादी

 
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अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर गिरे धडाम, बड़ा घाटा

Share Market
Anil Ambani
locationभारत
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calendar25 Jul 2025 09:07 PM
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Anil Ambani: अनिल अंबानी की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को शेयर बाजार से अनिल अंबानी के लिए बहुत बुरी खबर आई है। खबर है कि अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर धड़ाम से नीचे गिर गए हैं। अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को बृहस्पतिवार से शुक्रवार तक बहुत मोटा घाटा उठाना पड़ा है।

अनिल अंबानी के फेवरेट शेयरों ने लगाया बड़ा गोता

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर तथा रिलायंस पॉवर के शेयरों को अनिल अंबानी अपने फेवरेट शेयर मानते हैं। खबर है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) और रिलायंस पावर (Reliance Power Share) के शेयरों में दो दिनों में 10% से भी अधिक की गिरावट आई है। यह सब अनिल अंबानी की कम्पनियों पर ED के छापे के बाद हुआ है। अनिल अंबानी की कंपनी पर 5% का लोअर सर्किट लगा। रिलायंस पावर 5% गिरकर 56.72 रुपये पर आ गया, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर 5% फिसलकर 342.05 रुपये पर आ गया।

अनिल अंबानी की कंपनियों ने दी है अपनी सफाई

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने अलग-अलग एक्सचेंज फाइलिंग में जांच के तहत लेनदेन में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि ED कार्रवाई का उनके व्यवसायों पर "कोई परिचालन या वित्तीय प्रभाव नहीं" पड़ेगा। कंपनियों ने बताया कि रिपोर्ट "रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के लेनदेन से संबंधित आरोपों से संबंधित प्रतीत होती हैं, जो 10 साल से अधिक पुराने हैं" और कहा कि दोनों कंपनियां "अलग-अलग लिस्टेड हैं जिनका आरकॉम या आरएचएफएल से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है।" उन्होंने आगे जोर दिया कि अनिल अंबानी उनके  बोर्ड में नहीं हैं और आरकॉम या आरएचएफएल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का "रिलायंस पावर के शासन, प्रबंधन या संचालन पर कोई असर या प्रभाव नहीं पड़ेगा।" रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि ईडी की कार्रवाई का "रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनियों की सफाई के बावजूद दोनों कंपनियों के शेयर लगातार नीचे जा रहे हैं।