‘कलमा पढ़ो वरना…!’ AMU में हिंदू छात्र की बेरहमी से पिटाई, मचा बवाल

उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) एक बार फिर गंभीर विवाद के केंद्र में आ गई है। इस बार मामला धार्मिक असहिष्णुता से जुड़ा है, जिसने कैंपस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश समेत देशभर की प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में एक हिंदू छात्र की बेरहमी से पिटाई और उस पर ‘कलमा पढ़ने’ का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। यह घटना कैंपस के मिंटो सर्किल स्थित अल्लामा इकबाल हॉल के पास की बताई जा रही है। UP News
फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, प्रशांत राठी, जो एएमयू के राजा महल स्कूल में कक्षा 11 का छात्र है और सिविल लाइन क्षेत्र के पुरानी चुंगी का रहने वाला है, पर देर शाम कुछ युवकों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि 5 से 6 छात्रों ने उसे घेर लिया और लात-घूंसों से पीटा। एक हमलावर के पास पिस्टल थी, जिससे छात्र के सिर पर वार किया गया। UP News
आरोपियों ने ‘कलमा पढ़ने’ का बनाया दबाव
आरोप है कि हमलावरों ने प्रशांत को न सिर्फ बुरी तरह पीटा, बल्कि उस पर जबरन ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह’ पढ़ने का दबाव भी बनाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम कुछ ही मिनटों में हुआ, लेकिन हालात इतने भयावह थे कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई। विरोध करने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी और फिर मौके से फरार हो गए। हमले में प्रशांत के सिर पर गहरी चोट आई, जिसके बाद उसे तुरंत एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज के बाद देर रात उसे छुट्टी दे दी गई। UP News
घटना से सन्न प्रशांत ने रात में ही प्रॉक्टर कार्यालय में तहरीर दी, जिसमें 5 से 6 छात्रों के नाम शामिल हैं। एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर एम. वसीम अली ने कहा - यह गंभीर मामला है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे प्रकरण की आंतरिक जांच शुरू कर दी है, जबकि पुलिस ने भी कैंपस में निगरानी बढ़ा दी है। UP News
कलमा पढ़ने के दबाव से जांच में आया नया मोड़
इंस्पेक्टर सिविल लाइन पंकज मिश्रा ने पुष्टि की कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। पीड़ित छात्र की मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल कैंपस के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है, हालांकि अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में मामला छात्रों के बीच किसी पुराने विवाद या व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।
कुछ सूत्रों का कहना है कि झगड़े की शुरुआत किसी लड़की को लेकर हुए विवाद से हुई थी। लेकिन आरोपों में यह तथ्य कि पीड़ित से ‘कलमा पढ़ने’ का दबाव बनाया गया पूरे मामले को अब एक धार्मिक एंगल दे रहा है, जिसने प्रशासन के साथ-साथ पुलिस को भी सतर्क कर दिया है। अभी जांच जारी है, लेकिन यह घटना एएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की सांप्रदायिक सौहार्द की छवि पर सवाल जरूर खड़े कर रही है।
सांप्रदायिक तनाव ने फिर खड़ा किया बड़ा सवाल
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का इतिहास केवल शिक्षा और परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विवाद भी इसकी परछाईं का हिस्सा रहे हैं। विश्वविद्यालय में समय-समय पर हिंदू और मुस्लिम छात्रों के बीच तनाव की घटनाएं सामने आती रही हैं कभी दोस्ती या संबंधों को लेकर मतभेद, तो कभी कैंपस इवेंट्स पर टकराव। हालांकि, मौजूदा घटना अब तक के सामान्य विवादों से कहीं अधिक गंभीर मानी जा रही है।
एक केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते एएमयू हमेशा से सभी धर्मों के छात्रों के लिए खुला रहा है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यहां हिंदू छात्रों की संख्या लगभग 10 से 15 प्रतिशत के बीच है। बीते कुछ वर्षों में कैंपस में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हुईं — 2022 में हिंदू छात्र पर हमले का मामला हो या 2025 में दीवाली उत्सव को लेकर उठा विवाद — इन सबने मिलकर विश्वविद्यालय की सांप्रदायिक सौहार्द की छवि को झटका दिया है।
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हमले के बाद सहमा छात्र
हमले के बाद छात्र प्रशांत राठी की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह गहरे मानसिक आघात में है। परिजनों का कहना है कि घटना के बाद से ही प्रशांत डरा-सहमा है और बार-बार उस भयावह मंजर को याद कर सिहर उठता है। परिवार ने पुलिस से त्वरित कार्रवाई और न्याय की गुहार लगाई है। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखने के लिए सक्रियता दिखाई है। एएमयू प्रॉक्टर कार्यालय ने आरोपित छात्रों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि प्रशासन ने सभी छात्रों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि “दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
क्या बोले एएमयू प्रॉक्टर डॉक्टर वसीम अली?
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के प्रॉक्टर डॉ. वसीम अली ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़ित छात्र प्रशांत राठी की शिकायत उन्हें प्राप्त हो चुकी है और मामले में जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में जिन छात्रों के नाम सामने आए हैं, उनमें कुछ वर्तमान में एएमयू से जुड़े हैं, जबकि कुछ पहले ही संस्थान से पास आउट हो चुके हैं। UP News
उन्होंने कहा - हम किसी भी तरह की हिंसा या सांप्रदायिक तनाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि विवाद की जड़ धार्मिक मतभेद था या कोई व्यक्तिगत कारण। डॉ. अली ने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने वाले किसी भी छात्र पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अफवाहों से दूर रहें और कैंपस में शांति बनाए रखें। UP News
उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) एक बार फिर गंभीर विवाद के केंद्र में आ गई है। इस बार मामला धार्मिक असहिष्णुता से जुड़ा है, जिसने कैंपस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश समेत देशभर की प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में एक हिंदू छात्र की बेरहमी से पिटाई और उस पर ‘कलमा पढ़ने’ का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। यह घटना कैंपस के मिंटो सर्किल स्थित अल्लामा इकबाल हॉल के पास की बताई जा रही है। UP News
फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, प्रशांत राठी, जो एएमयू के राजा महल स्कूल में कक्षा 11 का छात्र है और सिविल लाइन क्षेत्र के पुरानी चुंगी का रहने वाला है, पर देर शाम कुछ युवकों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि 5 से 6 छात्रों ने उसे घेर लिया और लात-घूंसों से पीटा। एक हमलावर के पास पिस्टल थी, जिससे छात्र के सिर पर वार किया गया। UP News
आरोपियों ने ‘कलमा पढ़ने’ का बनाया दबाव
आरोप है कि हमलावरों ने प्रशांत को न सिर्फ बुरी तरह पीटा, बल्कि उस पर जबरन ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह’ पढ़ने का दबाव भी बनाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम कुछ ही मिनटों में हुआ, लेकिन हालात इतने भयावह थे कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई। विरोध करने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी और फिर मौके से फरार हो गए। हमले में प्रशांत के सिर पर गहरी चोट आई, जिसके बाद उसे तुरंत एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज के बाद देर रात उसे छुट्टी दे दी गई। UP News
घटना से सन्न प्रशांत ने रात में ही प्रॉक्टर कार्यालय में तहरीर दी, जिसमें 5 से 6 छात्रों के नाम शामिल हैं। एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर एम. वसीम अली ने कहा - यह गंभीर मामला है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे प्रकरण की आंतरिक जांच शुरू कर दी है, जबकि पुलिस ने भी कैंपस में निगरानी बढ़ा दी है। UP News
कलमा पढ़ने के दबाव से जांच में आया नया मोड़
इंस्पेक्टर सिविल लाइन पंकज मिश्रा ने पुष्टि की कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। पीड़ित छात्र की मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल कैंपस के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है, हालांकि अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में मामला छात्रों के बीच किसी पुराने विवाद या व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।
कुछ सूत्रों का कहना है कि झगड़े की शुरुआत किसी लड़की को लेकर हुए विवाद से हुई थी। लेकिन आरोपों में यह तथ्य कि पीड़ित से ‘कलमा पढ़ने’ का दबाव बनाया गया पूरे मामले को अब एक धार्मिक एंगल दे रहा है, जिसने प्रशासन के साथ-साथ पुलिस को भी सतर्क कर दिया है। अभी जांच जारी है, लेकिन यह घटना एएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की सांप्रदायिक सौहार्द की छवि पर सवाल जरूर खड़े कर रही है।
सांप्रदायिक तनाव ने फिर खड़ा किया बड़ा सवाल
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का इतिहास केवल शिक्षा और परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विवाद भी इसकी परछाईं का हिस्सा रहे हैं। विश्वविद्यालय में समय-समय पर हिंदू और मुस्लिम छात्रों के बीच तनाव की घटनाएं सामने आती रही हैं कभी दोस्ती या संबंधों को लेकर मतभेद, तो कभी कैंपस इवेंट्स पर टकराव। हालांकि, मौजूदा घटना अब तक के सामान्य विवादों से कहीं अधिक गंभीर मानी जा रही है।
एक केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते एएमयू हमेशा से सभी धर्मों के छात्रों के लिए खुला रहा है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यहां हिंदू छात्रों की संख्या लगभग 10 से 15 प्रतिशत के बीच है। बीते कुछ वर्षों में कैंपस में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हुईं — 2022 में हिंदू छात्र पर हमले का मामला हो या 2025 में दीवाली उत्सव को लेकर उठा विवाद — इन सबने मिलकर विश्वविद्यालय की सांप्रदायिक सौहार्द की छवि को झटका दिया है।
यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश के इस जिले में मिलेगा खेलों को बढ़ावा, जल्द तैयार होंगे मिनी स्टेडियम
हमले के बाद सहमा छात्र
हमले के बाद छात्र प्रशांत राठी की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह गहरे मानसिक आघात में है। परिजनों का कहना है कि घटना के बाद से ही प्रशांत डरा-सहमा है और बार-बार उस भयावह मंजर को याद कर सिहर उठता है। परिवार ने पुलिस से त्वरित कार्रवाई और न्याय की गुहार लगाई है। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखने के लिए सक्रियता दिखाई है। एएमयू प्रॉक्टर कार्यालय ने आरोपित छात्रों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि प्रशासन ने सभी छात्रों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि “दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
क्या बोले एएमयू प्रॉक्टर डॉक्टर वसीम अली?
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के प्रॉक्टर डॉ. वसीम अली ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़ित छात्र प्रशांत राठी की शिकायत उन्हें प्राप्त हो चुकी है और मामले में जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में जिन छात्रों के नाम सामने आए हैं, उनमें कुछ वर्तमान में एएमयू से जुड़े हैं, जबकि कुछ पहले ही संस्थान से पास आउट हो चुके हैं। UP News
उन्होंने कहा - हम किसी भी तरह की हिंसा या सांप्रदायिक तनाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि विवाद की जड़ धार्मिक मतभेद था या कोई व्यक्तिगत कारण। डॉ. अली ने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने वाले किसी भी छात्र पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अफवाहों से दूर रहें और कैंपस में शांति बनाए रखें। UP News







