India-Turkiye Relations : भारत द्वारा तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी हावा की सुरक्षा मंजूरी रद करने के फैसले ने कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाया है। इस निर्णय के बाद, कंपनी के शेयरों में दो दिनों में लगभग 20% की गिरावट आई, जिससे उसका बाजार पूंजीकरण 2,500 करोड़ (लगभग $293 मिलियन) से अधिक घट गया।
भारत की कार्रवाई : राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर
15 मई 2025 को, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के आधार सेलेबी की भारतीय सहायक कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी रद कर दी। यह निर्णय तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य सहायता प्रदान करने के बाद लिया गया, जो कथित रूप से 8 मई को भारत पर ड्रोन हमलों में उपयोग किए गए थे।
सेलेबी का भारत में परिचालन
सेलेबी 2009 से भारत में सक्रिय है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद सहित नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी के अनुसार, उसके वैश्विक राजस्व का लगभग एक-तिहाई हिस्सा भारतीय परिचालन से आता है। सेलेबी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर भारत सरकार के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि सुरक्षा मंजूरी रद करने का आदेश अस्पष्ट है और इससे लगभग 3,800 नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
हवाई अड्डों पर प्रभाव
दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद के हवाई अड्डों ने सेलेबी के साथ अपने अनुबंध समाप्त कर दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप, एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज, एयर इंडिया सेट्स और बर्ड ग्रुप जैसे वैकल्पिक ग्राउंड हैंडलिंग प्रदाताओं को तैनात किया गया है। भारत और तुर्की के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव का सीधा प्रभाव व्यावसायिक संबंधों पर पड़ा है। सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद होने से न केवल कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि भारत के हवाई अड्डों पर संचालन में भी बदलाव आया है। यह घटना दर्शाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के चलते सरकारें विदेशी कंपनियों के साथ अपने संबंधों की पुन: समीक्षा कर सकती हैं।
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