लाल किले से लाइव देखें आजादी का पर्व, ऐसे करें टिकट बुक

लाल किले से लाइव देखें आजादी का पर्व, ऐसे करें टिकट बुक
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:34 AM
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स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली का लाल किला सिर्फ एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का सबसे बड़ा मंच बन जाता है। देश का 79वां स्वतंत्रता दिवस नजदीक है और दिल्ली का लाल किला एक बार फिर आज़ादी के रंग में रंगने को तैयार है। अगर आप 15 अगस्त का ऐतिहासिक नज़ारा अपनी आंखों से देखना चाहते हैं, तो इस साल लाल किला आपका इंतज़ार कर रहा है।  इस वर्ष देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और एक बार फिर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराकर देश को संबोधित करेंगे।

इतिहास और परंपरा का संगम

15 अगस्त 1947 को मिली आज़ादी का पहला राष्ट्रीय समारोह भी लाल किले पर हुआ था, और तब से यह परंपरा बिना रुके जारी है। हर साल हजारों नागरिक, देश-विदेश से, इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने यहां पहुंचते हैं। भीड़ से लेकर सुरक्षा तक, हर व्यवस्था महीनों पहले से की जाती है।

टिकट बुकिंग की प्रक्रिया

ऑनलाइन बुकिंग – 13 अगस्त से शुरू

  • aamantran.mod.gov.in या e-invitations.mod.gov.in पर जाएं।

  • Independence Day 2025 Ticket Booking विकल्प चुनें।

  • नाम, मोबाइल नंबर और टिकट संख्या दर्ज करें।

  • पहचान के लिए आधार कार्ड या अन्य मान्य दस्तावेज अपलोड करें।

  • सीट श्रेणी चुनें—जनरल ₹20, स्टैंडर्ड ₹100, प्रीमियम ₹500।

  • ऑनलाइन भुगतान (डेबिट/क्रेडिट कार्ड, UPI) करें।

  • भुगतान के बाद ई-टिकट डाउनलोड करें, जिसमें QR कोड और सीट विवरण होगा। इसे मोबाइल में सेव करें या प्रिंट निकालें।

ऑफलाइन टिकट – 10 से 12 अगस्त  - दिल्ली के चुनिंदा सरकारी भवनों और विशेष काउंटरों से उपलब्ध होंगी। मांग अधिक होने के कारण समय से ले लें।

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कैसे पहुंचे लाल किला

समारोह सुबह 7:30 बजे शुरू होगा, लेकिन भीड़ और सुरक्षा जांच को देखते हुए 6:30 से 7:00 बजे के बीच पहुंचना बेहतर रहेगा। नजदीकी मेट्रो स्टेशन—लाल किला (वायलेट लाइन) और चांदनी चौक (येलो लाइन)। स्वतंत्रता दिवस पर मेट्रो सेवाएं सुबह 4:00 बजे से उपलब्ध होंगी।

क्यों खास है यह मौका

तिरंगे का शान से लहराना, राष्ट्रगान की गूंज और प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक संबोधन—ये नज़ारे सिर्फ देखने भर के नहीं, बल्कि महसूस करने के होते हैं। अगर आप इस साल का स्वतंत्रता दिवस जीवनभर की याद में बदलना चाहते हैं, तो लाल किला आपका इंतज़ार कर रहा है।  Independence Day-2025

 
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जस्टिस वर्मा पर बड़ा फैसला ,स्पीकर ने स्वीकार किया प्रस्ताव

जस्टिस वर्मा पर बड़ा फैसला ,स्पीकर ने स्वीकार किया प्रस्ताव
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:07 AM
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को जानकारी दी कि उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता सहित कुल 146 सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक औपचारिक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इस प्रस्ताव में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की गई है। अध्यक्ष बिरला ने बताया कि प्रस्ताव में न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ कदाचार के गंभीर आरोप दर्ज हैं। नियमों के तहत प्रस्ताव की समीक्षा के बाद उन्होंने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्णय लिया है।  Justice Yashwant Verma

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अरविंद कुमार की अध्यक्षता में कार्य करेगी समिति

यह समिति सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की अध्यक्षता में  कार्य करेगी, जबकि इसमें मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वी.बी. आचार्य सदस्य के रूप में शामिल होंगे। स्पीकर ने स्पष्ट किया कि यह समिति नियमों और प्रक्रिया के अनुसार गठित की गई है और अब आरोपों की गहन पड़ताल करेगी।  Justice Yashwant Verma

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जगन्नाथ महाप्रसाद अब नहीं मिलेगा ऑनलाइन, सरकार ने किया सख्त फैसला

जगन्नाथ महाप्रसाद अब नहीं मिलेगा ऑनलाइन, सरकार ने किया सख्त फैसला
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Aug 2025 12:16 PM
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पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद की अब ऑनलाइन बिक्री नहीं हो सकेगी। ओडिशा सरकार और मंदिर प्रशासन ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महाप्रसाद की पवित्रता और धार्मिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। Jagannath Mahaprasad

क्या था प्रस्ताव?

कुछ संगठनों ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) से अनुरोध किया था कि मंदिर के महाप्रसाद और सूखा प्रसाद (ड्राई प्रसाद) को ऑनलाइन माध्यम से दुनिया भर के श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाए। लेकिन सरकार ने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया कि इस प्रक्रिया में प्रसाद की शुद्धता और धार्मिक भावना को नुकसान पहुंच सकता है।

कानून मंत्री का बयान

कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने सोमवार को कहा, "दुनिया भर के श्रद्धालुओं तक महाप्रसाद पहुंचाना एक अच्छा विचार है, लेकिन उसकी पवित्रता और पारंपरिक मान्यताओं को बनाए रखना अधिक जरूरी है। प्रसाद सिर्फ मंदिर परिसर में वितरित किया जाना चाहिए। ऑनलाइन माध्यम से इसकी बिक्री से इसके धार्मिक महत्व और सम्मान में कमी आ सकती है।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार न तो ऐसी किसी पहल का समर्थन करती है और न ही प्रचार करती है।

क्या ऑनलाइन बिक्री पर कोई कानूनी रोक है?

हरिचंदन ने स्पष्ट किया कि महाप्रसाद की ऑनलाइन बिक्री पर फिलहाल कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। लेकिन यदि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर रोक लगानी हो, तो जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में संशोधन करना पड़ेगा। मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिना अनुमति महाप्रसाद की ऑनलाइन बिक्री की शिकायतें सामने आई हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का इस दिशा में कोई इरादा नहीं है और यह तय किया गया है कि प्रसाद की वितरण प्रणाली मंदिर परिसर तक ही सीमित रहेगी।

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श्रद्धालुओं से अपील

कानून मंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे महाप्रसाद प्राप्त करने के लिए स्वयं पुरी आकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करें और प्रसाद प्राप्त करें। यह सिर्फ प्रसाद प्राप्त करने की नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव की बात है। हालांकि टेक्नोलॉजी के इस युग में धार्मिक प्रसाद की ऑनलाइन उपलब्धता एक सुविधाजनक विकल्प लग सकता है, लेकिन जगन्नाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल की पारंपरिक परंपराओं को बनाए रखना उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। सरकार का यह निर्णय धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। Jagannath Mahaprasad