Twin Tower Debris: एक बार फिर से चर्चाओं में

ध्वनि प्रदूषण है लोगों की मुख्य समस्या
बिल्डिंग को गिराने के बाद उसके मलबे (Twin Tower Debris )को हटाने का काम एक बार फिर से रोक दिया गया है और इसका कारण है मलबा उठाने वाली मशीनों से होने वाला शोर। बताया जा रहा है कि प्रयोग की जाने वाली मशीनों से तय मानक से ज्यादा शोर उत्पन्न हो रहा था जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने प्रशासन को आगाह करवाया। इस मामले में उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड की तरफ से भी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी।पहले से कम की गयीं मलबा तोड़ने एवं हटाने वाली मशीनों की संख्या
10 जनवरी को इस कार्य में प्रयुक्त होने वाली 5 मशीनों की संख्या घटा कर 3 कर दी गयी है। जिससे अब मलबा हटाने के कार्य में भी देरी हो रही है और इससे होने वाली दिक्क़तों का सामना emerald court और ATS green emerald के लोगों को करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इन मशीनों से होने वाले शोर की सीमा 85 डेसीबल तक थी। जबकि दिन के समय मानक ध्वनि सीमा 55 डेसबल है और रात्रि के समय यह 45 डेसीबल निश्चित की गयी है। तेज़ ध्वनि के साथ साथ आस पास के लोगों को वाइब्रेशन का सामना भी करना पड़ रहा है जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि मशीनों की संख्या कम किये जाने के बाद भी तेज़ ध्वनि और वाइब्रेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और ध्वस्त होने के बाद भी Twin Tower Debris उनकी परेशानियों को कम नहीं कर रहा है।Noida News : नोएडा पुलिस ने बच्चों पर फटकारी लाठियां, देखें वीडियो
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ध्वनि प्रदूषण है लोगों की मुख्य समस्या
बिल्डिंग को गिराने के बाद उसके मलबे (Twin Tower Debris )को हटाने का काम एक बार फिर से रोक दिया गया है और इसका कारण है मलबा उठाने वाली मशीनों से होने वाला शोर। बताया जा रहा है कि प्रयोग की जाने वाली मशीनों से तय मानक से ज्यादा शोर उत्पन्न हो रहा था जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने प्रशासन को आगाह करवाया। इस मामले में उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड की तरफ से भी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी।पहले से कम की गयीं मलबा तोड़ने एवं हटाने वाली मशीनों की संख्या
10 जनवरी को इस कार्य में प्रयुक्त होने वाली 5 मशीनों की संख्या घटा कर 3 कर दी गयी है। जिससे अब मलबा हटाने के कार्य में भी देरी हो रही है और इससे होने वाली दिक्क़तों का सामना emerald court और ATS green emerald के लोगों को करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इन मशीनों से होने वाले शोर की सीमा 85 डेसीबल तक थी। जबकि दिन के समय मानक ध्वनि सीमा 55 डेसबल है और रात्रि के समय यह 45 डेसीबल निश्चित की गयी है। तेज़ ध्वनि के साथ साथ आस पास के लोगों को वाइब्रेशन का सामना भी करना पड़ रहा है जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि मशीनों की संख्या कम किये जाने के बाद भी तेज़ ध्वनि और वाइब्रेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और ध्वस्त होने के बाद भी Twin Tower Debris उनकी परेशानियों को कम नहीं कर रहा है।Noida News : नोएडा पुलिस ने बच्चों पर फटकारी लाठियां, देखें वीडियो
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NOIDA METRO[/caption]
इस मेट्रो नेटवर्क में कुल 21 स्टेशन वाली एक्वा लाइन है, जिसकी कुल लंबाई 29.7 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि सवारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए यात्रियों के मामले में नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) ने नया रिकार्ड बनाया है।
एनएमआरसी की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने बताया कि 16 जनवरी को एक्वा लाइन से 56 हजार 168 मुसाफिरों ने सफर किया जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर एनएमआरसी की ओर से अमृत महोत्सव मनाया जाना जारी है। माहेश्वरी ने कहा कि एनएमआरसी एक्वा लाइन के सफल व्यावसायिक परिचालन के शुरू होने की चौथी वर्षगांठ 26 जनवरी, 2023 को मनाएगा।
उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन पर अतिरिक्त ऐक्सरे जांच मशीन लगाई गई है। इसके अलावा सेक्टर-51 पर दो टिकट वेडिंग मशीन और नॉलेज पार्क-2 में एक टिकट वेडिंग मशीन लगाई गई है। वहीं इसी स्टेशन पर एक एएफसी यानी ऑटो मैटिक फेयर कलेक्शन मशीन भी लगाई गई है।