रोहिणी आचार्य का सोशल मीडिया धमाका, 58 नेताओं को किया अनफॉलो

रोहिणी आचार्य का सोशल मीडिया धमाका, 58 नेताओं को किया अनफॉलो
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:20 PM
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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला कदम उठाया है। उन्होंने अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से सभी राजनीतिक हस्तियों को अनफॉलो कर दिया है। पहले वह 61 प्रोफाइल्स फॉलो कर रही थीं जिनमें अधिकतर नेता शामिल थे लेकिन अब सिर्फ तीन गैर-राजनीतिक प्रोफाइल्स ही उनकी फॉलो लिस्ट में बची हैं। Rohini Acharya यह कदम ऐसे समय पर आया है जब पार्टी के अंदर तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को लेकर विवाद गहराया हुआ है। माना जा रहा है कि उसी विवाद के बाद रोहिणी ने यह फैसला लिया है।

सिर्फ 3 गैर-राजनीतिक प्रोफाइल अब फॉलो में

सूत्रों के मुताबिक, रोहिणी आचार्य की फॉलो लिस्ट में अब कोई भी नेता या राजनीतिक व्यक्ति शामिल नहीं है। यह बदलाव पार्टी के अंदर असंतोष और आत्मसम्मान की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “मेरे लिए आत्मसम्मान सबसे महत्वपूर्ण है।” उनकी यह पोस्ट पहले ही हलचल मचा चुकी थी और अब फॉलो लिस्ट से नेताओं की छुट्टी होने के बाद यह बहस और तेज हो गई है।

क्या संजय यादव विवाद असल वजह है?

आरजेडी में इन दिनों संजय यादव की भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं। खासकर एक वायरल हुई बस यात्रा की तस्वीर जिसमें संजय यादव प्रमुखता से नजर आए उस पर बवाल मच चुका है। पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक में इसे लेकर नाराजगी देखी गई। इसी बीच रोहिणी आचार्य का यह कदम संकेत देता है कि मामला सिर्फ सार्वजनिक पोस्ट तक सीमित नहीं बल्कि अंदरखाने कुछ गंभीर मतभेद चल रहे हैं।

परिवार में भी गहराता विवाद?

लालू यादव के परिवार में तेज प्रताप यादव के बाद अब रोहिणी आचार्य भी पार्टी नेतृत्व को लेकर असहमति जताती दिख रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम सिर्फ सोशल मीडिया का मामूली अपडेट नहीं बल्कि एक राजनीतिक संकेत है।

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अब क्या संकेत दे रही हैं रोहिणी?

राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे है। क्या रोहिणी पार्टी की आंतरिक राजनीति से दूरी बना रही हैं? क्या यह तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाने का तरीका है?या फिर यह केवल सोशल मीडिया पर अपनी निजी सीमाएं तय करने की कोशिश है? Rohini Acharya
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फेस्टिवल सीजन में झांसी स्टेशन पर ट्रेनों की मार, 22 ट्रेनें रद्द, 29 का मार्ग बदला

फेस्टिवल सीजन में झांसी स्टेशन पर ट्रेनों की मार, 22 ट्रेनें रद्द, 29 का मार्ग बदला
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:18 AM
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पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत के दौरान घूमने-फिरने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। झांसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर गिट्टी रहित पटरी बिछाने का काम 25 नवंबर से 8 जनवरी तक चलेगा जिसके कारण लगभग डेढ़ महीने तक कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा। रेलवे ने इस दौरान 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है जबकि 29 ट्रेनों का मार्ग बदला जाएगा। साथ ही कुछ ट्रेनों के शुरुआत और समाप्ति स्टेशन में भी बदलाव किया गया है। इसलिए यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना पहले से ठीक से बनानी होगी। Indian Railways 

रद्द की गई प्रमुख ट्रेनें

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-आगरा कैण्ट (11901) – 26 नवंबर से 9 जनवरी तक आगरा कैण्ट-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी (11902) – 25 नवंबर से 8 जनवरी तक वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-इटावा (11903) – 25 नवंबर से 8 जनवरी तक इटावा-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी (11904) – 26 नवंबर से 9 जनवरी तक बंगलुरु सिटी-लालकुआं (05073) – 2 दिसंबर से 6 जनवरी तक (साप्ताहिक) अन्य कई ट्रेनें, जिनकी पूरी लिस्ट नीचे उपलब्ध है।

मार्ग बदली जाने वाली ट्रेनों की सूची

झांसी रेलवे स्टेशन पर काम के कारण 29 ट्रेनों का मार्ग बदला जाएगा और ये ट्रेनें झांसी स्टेशन पर नहीं आएंगी। ये ट्रेनें मथुरा, बयाना, सागरिया, रुठियाई, बीना मार्ग से गुजरेगी। प्रमुख ट्रेनों में शामिल हैं। हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनस (12172) कालका-साईंनगर शिरडी (22456) दिल्ली सराय रोहिल्ला-यशवन्तपुर (12214) हजरत निजामुद्दीन-नांदेड़ (12754) श्री माता वैष्णो देवी कटरा-कन्याकुमारी (16318) बरेली-लोकमान्य तिलक टर्मिनस (14314) मुम्बई सेंट्रल-कटिहार (09189) और अन्य कई ट्रेनें।

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शुरुआत और समाप्ति स्टेशन में भी बदलाव

कुछ ट्रेनों के शुरू और अंत स्टेशन में भी परिवर्तन किया गया है। जैसे-खजुराहो-उदयपुर (19665) अब आगरा कैण्ट से शुरू होगी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-नई दिल्ली (12279) अब ग्वालियर से चलेगी। ध्यान रखें, रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा से पहले रेलवे वेबसाइट या स्टेशन से संबंधित जानकारी जरूर प्राप्त कर लें ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। पुरानी पटरी हटाकर नई और बेहतर गिट्टी रहित पटरी बिछाने का यह कार्य भविष्य में बेहतर ट्रेन सेवा के लिए किया जा रहा है, इसलिए इस दौरान होने वाली असुविधा के लिए यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है। यदि आप अपनी यात्रा की योजना बना रहे हैं तो कृपया इन परिवर्तनों को ध्यान में रखें और आवश्यकतानुसार अपनी टिकटों और यात्रा के समय में बदलाव करें। Indian Railways 
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सावधान! सूर्य ग्रहण में तुलसी से जुड़ी ये 5 चीजें भूलकर भी न करें

सावधान! सूर्य ग्रहण में तुलसी से जुड़ी ये 5 चीजें भूलकर भी न करें
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:34 AM
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कल यानी 21 सितंबर को साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन पारंपरिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में विशेष सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है। खासतौर पर तुलसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका पालन ग्रहण के समय करना आवश्यक माना जाता है। तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है बल्कि इसका स्वास्थ्य और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत बड़ा है। Surya Grahan 2025

तुलसी का महत्व और ग्रहण काल में सावधानी क्यों जरूरी?

हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र माना गया है। यह न सिर्फ औषधीय पौधा है बल्कि इसे कई धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जब सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो तुलसी के पौधे से जुड़ी सावधानियां और भी जरूरी हो जाती हैं। ग्रहण के समय तुलसी के पौधे पर अशुभ प्रभाव पड़ने से बचाने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना हर भक्त के लिए आवश्यक है।

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तुलसी से जुड़ी 5 जरूरी गलतियां जिनसे बचना चाहिए

ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को न छुएं: ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को छूना वर्जित होता है। ऐसा करने से न केवल पौधे को नुकसान हो सकता है बल्कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर भी बढ़ सकता है। तुलसी की पत्तियां तोड़ना ठीक नहीं: ग्रहण के दौरान तुलसी की पत्तियां तोड़ना टाला जाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और पौधे का पवित्र प्रभाव कम हो सकता है। तुलसी को खुले में न रखें: ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को घर के खुले हिस्से में रखना अशुभ माना जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि इसे हल्के रंग के कपड़े से ढक दिया जाए। ग्रहण में तुलसी के पत्ते किसी को न दें: ग्रहण के दौरान तुलसी की पत्तियां किसी अन्य व्यक्ति को देना या बांटना उचित नहीं माना जाता। ऐसा करने से ग्रहण का प्रभाव बढ़ सकता है। ग्रहण में तुलसी की देखभाल न करें: ग्रहण के दौरान तुलसी को पानी देना या उसकी देखभाल करना भी टाला जाना चाहिए। इस अवधि में पौधे को भी विश्राम की जरूरत होती है। Surya Grahan 2025