Friday, 15 November 2024

Health: फलाहार ही नहीं ‘औषधि’ भी है शकरकंद!

 विनय संकोची Health : अमेरिका से चलकर फिलिपीन होते हुए चीन, जापान, मलेशिया और भारत पहुंचा शकरकंद फलाहारियों का अनमोल…

Health: फलाहार ही नहीं ‘औषधि’ भी है शकरकंद!

 विनय संकोची

Health : अमेरिका से चलकर फिलिपीन होते हुए चीन, जापान, मलेशिया और भारत पहुंचा शकरकंद फलाहारियों का अनमोल आहार है। ऊर्जा का उत्पादक शकरकंद में आलू से ज्यादा स्टार्च होता है। शकरकंद को कच्चा, उबालकर या आग में भूनकर खाया जा सकता है। शकरकंद को मीठा आलू भी कहते हैं। इसका भूमिगत कंद लाल, सफेद अथवा पीले रंग का होता है। आयुर्वेद के अनुसार शकरकंद मीठा, थोड़ा ठंडा और थोड़ा गर्म, वात-पित्त नाशक, कफ वर्धक, शक्ति वर्धक, कब्ज नाशक होता है। इसका कंद जीवाणुरोधी, कवकरोधी, प्रदर, अर्श, मधुमेह, कुष्ठ तथा मूत्र कृच्छ में लाभकारी होता है।

 

शकरकंद को अंग्रेजी में स्वीट पोटैटो, संस्कृत में से सितालुक, असमिया में बोगालु, कन्नड़ में गेनासु, तमिल में वाली किलांगु, तेलुगु में
चेलागडा, बांग्ला में चिनेलू, मलयालम में कापाकेलेंगा कहा जाता है। शकरकंद पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट्स, शर्करा, आहारीय रेशा, वसा, प्रोटीन, विटामिन-ए, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन-बी6, फोलेट, विटामिन-सी, विटामिन-इ, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मेगनीज, फॉस्फोरस, सोडियम और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे शरीर के लिए उपयोगी बनाते हैं।

आइए जानते हैं, शकरकंद के गुण-उपयोग और नुकसान के बारे में थोड़ा विस्तार से –

• शकरकंद मीठा होने के बावजूद मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। मधुमेह रोगी आलू के विकल्प के तौर पर शकरकंद का उपयोग करते हैं। शकरकंद में कैआपो नामक एक घटक होता है, जो इंसुलिन के स्राव को बढ़ाकर शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है।

• शकरकंद के सेवन से भूख कम लगती है। यह अधिक खाने की संभावना को कम करके मोटापा घटाने में मदद कर सकता है।

• शकरकंद कार्बोहाइड्रेट और आहारीय फाइबर से समृद्ध होता है। शकरकंद के सेवन से रक्त बढ़ता है और कमजोर शरीर को ताकत मिलती है। शकरकंद दुब्लापन दूर करने में भी सहायक हो सकता है।

• शकरकंद विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है। शकरकंद के सेवन से दांतों और हड्डियों के विकास में सहायता मिल सकती है।

• शकरकंद में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। आयरन की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और शरीर में खून की कमी भी हो जाती है। शकरकंद के सेवन से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

• शकरकंद के सेवन से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायता मिलती है। शकरकंद में डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है और यह फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मददगार हो सकता है।

• शकरकंद के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को पनपने से रोका जा सकता है। शकरकंद में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं। शकरकंद में पाए जाने वाले ये गुण और विभिन्न तत्व कैंसर को रोकने में सहायता कर सकते हैं। लेकिन शकरकंद का सेवन कैंसर का उपचार नहीं है।

• शकरकंद दिल का दोस्त होता है।शकरकंद में पाए जाने वाले पोटेशियम, सोडियम और कैल्शियम रक्त के थक्के बनने से रोक कर हृदय की गति को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं। शकरकंद में मौजूद फ्लेवोनॉयड (एंथोसायनिडिंस) हृदय रोगों से सुरक्षा करने में सहायक हो सकता है।

• शकरकंद अस्थमा रोगियों को राहत पहुंचा सकता है। शकरकंद में मौजूद कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट श्वास संबंधी समस्याओं में लाभदायक साबित हो सकता है।

• शकरकंद त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। शकरकंद के सेवन से त्वचा को जवां बनाए रखने में सहायता मिल सकती है।

 जरूरी बात : लो शुगर की समस्या से ग्रस्त लोगों को शकरकंद का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए, क्योंकि इसमें ग्लूकोज को कम करने का गुण होता है। गुर्दे की पथरी होने पर शकरकंद के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। ज्यादा शकरकंद खाने से पेट दर्द और सूजन के अलावा एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। कभी-कभी शकरकंद खाने से सिरदर्द की शिकायत भी हो जाती है।

विशेष : यहां शकरकंद के गुण और उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है। यह सामान्य जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। इसलिए हम किसी उपाय अथवा जानकारी की सफलता का दावा नहीं करते हैं। रोग विशेष के शकरकंद को औषधि रूप में अपनाने से पूर्व योग्य चिकित्सक/आयुर्वेदाचार्य/आहार विशेषज्ञ से परामर्श अत्यंत आवश्यक है।

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