Wednesday, 27 November 2024

डोनाल्ड ट्रंप के सामने कर्ज का पहाड़!

America : जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि,…

डोनाल्ड ट्रंप के सामने कर्ज का पहाड़!

America : जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज की है, जो अब 36 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है। बीते चार महीनों में ही यह कर्ज 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है। मौजूदा स्थिति ऐसी है कि हर अमेरिकी नागरिक पर औसतन 1 लाख डॉलर (लगभग 84 लाख रुपये) का कर्ज बकाया है।

राष्ट्रीय कर्ज की भयावह स्थिति

हाल ही में ट्रेजरी डिपार्टमेंट द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका का कर्ज जून 2024 में 35 ट्रिलियन डॉलर था, जो अब 36 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। यह औसतन हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर की दर से बढ़ रहा है। इस बढ़ते कर्ज के कारण अमेरिकी नागरिकों पर भी आर्थिक दबाव बढ़ा है।

हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर ब्याज का बोझ

अमेरिका को अपने कर्ज पर सालाना लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर केवल ब्याज के रूप में चुकाना पड़ता है। यह राशि देश के रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर किए जाने वाले खर्च से भी अधिक है।

कर्ज क्यों बढ़ रहा है?

राष्ट्रीय कर्ज में इस तेजी से वृद्धि का जिम्मेदार केवल वर्तमान प्रशासन नहीं है। जब राष्ट्रपति जो बाइडेन सत्ता में आए, तब अमेरिका पर 26.9 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था, जो उनके कार्यकाल में 9 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी कर्ज 19 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर और अधिक हो गया था। फिजूलखर्ची और वित्तीय नीतियों की कमी के चलते हर प्रशासन के दौरान कर्ज का बोझ बढ़ा है।

अमेरिकी नागरिकों पर बढ़ेगा टैक्स का दबाव

कर्ज में बढ़ोतरी के कारण सरकार को अपने बजट का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने के लिए रखना पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी नागरिकों पर अधिक टैक्स लगाया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव अभियान के दौरान अवैध प्रवासियों को देश से बाहर करने का वादा किया था। यदि इस पर अमल किया गया, तो इससे सरकारी खर्च में अरबों डॉलर का इजाफा हो सकता है। America

कर्ज संकट से बाहर निकलने का रास्ता

विशेषज्ञों का मानना है कि कर्ज संकट को नियंत्रित करने के लिए नई सरकार को बजट में 8 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करनी होगी। यह काम आसान नहीं है, क्योंकि इससे कई सरकारी योजनाओं और सेवाओं पर असर पड़ेगा। लेकिन अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो अमेरिका के लिए कर्ज संकट और गहरा हो सकता है।

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