China : यूक्रेन युद्ध में चीन (China) की भूमिका पर बहस तेज हो गई है। हाल ही में, ब्रिटेन के शांति प्रस्ताव का समर्थन करने की खबरों के बाद, चीन और रूस के रिश्तों में तनाव आने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, चीन के लिए यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को सुधारना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, लेकिन रूस को इस कदम से नाराजगी हो सकती है।
ब्रिटेन का शांति प्रस्ताव और चीन (China) की प्रतिक्रिया
यूक्रेन और रूस के बीच तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए विश्वभर के नेता सक्रिय हो गए हैं। इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कीव और मॉस्को के बीच युद्ध विराम लागू करने के लिए यूरोपीय संघ और नाटो देशों के इच्छुक गठबंधन का गठन करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर रूस ने असहमति जताई, कहकर कि वह यूक्रेनी क्षेत्र में इस प्रकार की सेना की तैनाती का समर्थन नहीं करेगा।
चीन (China) ने हालांकि इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है। जर्मन अखबार वेल्ट के मुताबिक, बीजिंग यूरोपीय देशों से पूछ रहा है कि क्या वे इस पहल में उसकी भागीदारी का समर्थन करेंगे। चीन का मानना है कि इस कदम से रूस को अपने रवैये पर पुनर्विचार करने में मदद मिल सकती है, खासकर शांति सेना के प्रति।
रूस-चीन (China) रिश्तों में तनाव की आशंका
चीन (China) और रूस के रिश्ते युद्ध के दौरान मजबूत हुए हैं, लेकिन अब इस नए कदम से दोनों देशों के रिश्तों में दरार पैदा होने का खतरा है। जानकारों का मानना है कि चीन का यह कदम रूस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। रूस ने युद्ध के दौरान अमेरिकी प्रतिबंधों को बाईपास करने के लिए चीन के साथ साझेदारी बढ़ाई थी। अगर चीन यूक्रेन में सेना भेजता है, तो वह रूसी सेना के खिलाफ होगा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
यूरोपीय देशों से संबंध सुधारने की दिशा में कदम
चीन (China) के लिए यूरोपीय देशों के साथ संबंध सुधारना महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब उसकी छवि युद्ध के दौरान बिगड़ गई है। चीन (China) ब्रिटेन के शांति प्रस्ताव का समर्थन कर और अपनी सेना को यूक्रेन भेज कर यूरोपीय देशों में अपनी छवि को बेहतर बनाने की कोशिश कर सकता है। यह कदम चीन के लिए आर्थिक लाभ भी ला सकता है क्योंकि वह यूरोपीय देशों को बड़े पैमाने पर सामान निर्यात करता है।
क्या रूस को मिलेगा चीन (China) का समर्थन?
चीन (China) का यूक्रेन में शांति सेना भेजने का प्रस्ताव रूस के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि इससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई जटिलता पैदा हो सकती है। युद्ध के दौरान चीन ने रूस में बड़े पैमाने पर निवेश किया है, और किसी भी तरह की असहमति रूस के लिए एक बड़ा आर्थिक खतरा बन सकती है।
इस तरह, चीन के इस कदम से यूक्रेन युद्ध में एक नई भूमिका बन सकती है, लेकिन इसका प्रभाव रूस-चीन के संबंधों पर दूरगामी असर डाल सकता है।China :
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