India Trip : अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा के दौरान बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बारे में उनकी टिप्पणियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की नाराजगी को जन्म दिया है। गबार्ड ने एक इंटरव्यू में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और हत्या का आरोप लगाया, जिससे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उनकी टिप्पणियों को बेबुनियाद और देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।
गबार्ड ने सच बताया तो हो गई नाराजगी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि गबार्ड की टिप्पणियां किसी भी ठोस सबूत पर आधारित नहीं हैं और वे देश की समावेशी और शांतिपूर्ण इस्लामी परंपरा के विपरीत हैं। सरकार ने यह भी कहा कि देश ने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति की है।
पहले भी उठा चुकी हैं ये मुद्दे
तुलसी गबार्ड, जो अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू महिला सदस्य हैं, ने पहले भी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मुद्दे को उठाया है। 2021 में, उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश कर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों की निंदा की थी। आज तो बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है वो सारी दुनियां जानती है और जो खुलेआम दिख भी रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गबार्ड की हालिया टिप्पणियों को अनुचित बताते हुए कहा कि नेताओं को संवेदनशील मुद्दों पर वास्तविक ज्ञान के साथ बोलना चाहिए और ऐसे बयान देने से बचना चाहिए जो भय या सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकते हैं।
गबार्ड की टिप्पणियों से बांग्लादेश नाराज
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, विशेषकर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मद्देनजर। हाल ही में, नई दिल्ली में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रकार, तुलसी गबार्ड की टिप्पणियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की नाराजगी को बढ़ाया है, जो उनकी टिप्पणियों को बेबुनियाद और देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला मानती है।
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