Thursday, 15 May 2025

बड़ा खुलासा : पाकिस्तान ने कराया है पहलगाम का कायराना हमला

Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की धरती खून से लाल हो गई है। यह पहलगाम से लेकर भारत…

बड़ा खुलासा : पाकिस्तान ने कराया है पहलगाम का कायराना हमला

Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की धरती खून से लाल हो गई है। यह पहलगाम से लेकर भारत के हर कोने में पहलगाम के कायराना हमले को लेकर भारी आक्रोश है। भारत के सुरक्षाबलों ने दावा किया है कि पहलगाम में कायराना हमला पाकिस्तान ने करवाया है। पाकिस्तान की सरकार का दामाद बना हुआ कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद पहलगाम हमले का मास्टर माइंड है। पहलगाम में कायराना हमला करके हाफिज सईद के गुर्गे सैफुल्लाह खालिद ने भारत को बहुत बड़ा जख्म दे दिया है। भारत के सुरक्षा बलों ने पुख्ता जानकारी जुटा ली है कि पहलगाम का हमला पाकिस्तान की घटिया करतूत का नतीजा है।

पाकिस्तान से संचालित होता है पहलगाम हमले का जिम्मेदार TRF  नामक संगठन

भारत के पहलगाम में आतंकवादी हमला करने की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक संगठन ने ली है। अंग्रेजी नाम वाला TRF नामक संठन पाकिस्तान का एक मुखौटा संगठन है। पहलगाम में हमला करके भारत में नए सिरे से दहशतगर्दी फैलाने वाले TRF का असली आका पाकिस्तान में बैठा हुआ है हाफिज सईद है। हाफिज सईद ने पहले भी भारत में आतंकी हमले करवाने का घिनौना काम किया है। अब तक मिले सबूत चीख-चीखकर बता रहे हैं कि पहलगाम का कायराना हमला पाकिस्तान सरकार के टुकड़ों पर पलने वाले हाफिज सईद ने ही करवाया है। भारत के सुरक्षा बल एक बार फिर हाफिज सईद के खात्मे की तैयारी में जुट गए हैं।

पाकिस्तान की सेना का नया मोहरा है पहलगाम को खून से रंगने वाला  TRF

आपको बता दें कि पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। TRF आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। इस हमले के मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आ गया है। इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड आतंकी सैफुल्लाह खालिद है। जम्मू-कश्मीर में लश्कर और TRF की आतंकी गतिविधियों को वही अंजाम दे रहा है। सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में बैठे हुए कुख्यात आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी है। पाकिस्तानी सेना भी खालिद की मु_ी में रहती है।  लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी के नाम से जाना जाता है। देश में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में उसका नाम सामने आ चुका है। बताया जाता है कि सैफुल्लाह लग्जरी कारों का शौकीन है। इसके साथ ही वह लश्कर के आतंकियों के अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा घेरे में रहता है। सैफुल्लाह खालिद की पाकिस्तानी सेना से भी काफी नजदीकी है। पाकिस्तानी सेना पर उसका इतना प्रभाव है कि सेना उसका फूलों से स्वागत करती है। वह सेना के अधिकारियों की पूरी मदद करता है। साथ ही पाकिस्तानी सेना के जवानों को भारत के खिलाफ भडक़ाता है। पहलगाम आतंकी हमले से दो महीने पहले सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था। यहां उसे पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खट्टक ने जिहादी भाषण देने के लिए वहां बुलाया था। वहां उसने पाकिस्तानी सेना को भारत के खिलाफ भडक़ाया।

साल 2026 तक कश्मीर पर कब्जे का दावा कर चुका है  TRF

पहलगाम में हमले से पहले TRF के मुखिया सैफुल्लाह खालिद ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में ISI और पाकिस्तानी सेना की बैठक में कहा था कि मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है। हम दो फरवरी 2026 तक कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे। आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज होंगे। दो फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा। सैफुल्लाह खालिद के भाषण को सुनने के लिए बड़ी संख्या में हथियारबंद आतंकी शामिल हुए थे।
भारत के सुरक्षाबलों के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि वर्ष-2024 में पाकिस्तान केएबटाबाद के जंगल में हुए आतंकी कैंप में सैफुल्लाह खालिद मौजूद था। इस कैंप में सैकड़ों पाकिस्तानी लडक़ों ने हिस्सा लिया था। इसका आयोजन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पीएमएमएल और एसएमएल ने किया था। इस कैंप से आतंकी हमलों के लिए लडक़ों को चुना गया था। इन लडक़ों को टारगेट किलिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। यहां सैफुल्लाह ने भारत के खिलाफ भडक़ाऊ भाषण देकर लडक़ों को भडक़ाया था। इन लडक़ों की पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार घुसपैठ करने की बात भी सामने आई थी।

पुलवामा हमले के समय से सक्रिय है  TRF

सबको याद है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में पाकिस्तान ने बड़ा कायराना आतंकवादी हमला किया था। TRF की कहानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के साथ ही शुरू होती है। कहा जाता है कि इस हमले से पहले ही इस आतंकी संगठन ने घाटी के अंदर अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। धीरे-धीरे यह संगठन अपनी ताकत को बढ़ाता चला गया और इसे पाकिस्तान समर्थित कुछ आतंकी संगठनों के साथ खुफिया एजेंसी ISI का भी साथ मिला। पांच अगस्त 2019 को जैसे ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई, TRF पूरे कश्मीर में सक्रिय हो गया। इसी  TRF ने पहलगाम की धरती को खून से रंग दिया है।

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