Monday, 17 March 2025

ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत को शांति वार्ता से हटाया

Russia Ukraine War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत जनरल कीथ केलॉग…

ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत को शांति वार्ता से हटाया

Russia Ukraine War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के दबाव में आकर अपने विशेष दूत जनरल कीथ केलॉग को रूस-यूक्रेन शांति वार्ता से हटा दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब रूस और अमेरिका के बीच कूटनीतिक खींचतान तेज हो गई है। रूस ने केलॉग को अत्यधिक यूक्रेन समर्थक मानते हुए उनके साथ वार्ता करने से इनकार कर दिया था। ट्रंप प्रशासन ने इस दबाव के आगे झुकते हुए अब केलॉग को केवल यूक्रेन के साथ बातचीत की जिम्मेदारी दी है।

अमेरिका का रुख और बदलती रणनीति

ट्रंप ने इस बदलाव की घोषणा अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर की, जहां उन्होंने कहा कि केलॉग अब सीधे तौर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूक्रेनी नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह केलॉग को अच्छी तरह से जानते हैं और उनके बीच कार्य संबंध मजबूत हैं। विश्लेषकों के अनुसार, यह निर्णय अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में बढ़ती दरार को दर्शाता है। पहले यह माना जा रहा था कि अमेरिका यूक्रेन के समर्थन में पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा, लेकिन ट्रंप के हालिया कदमों से यह संकेत मिल रहा है कि वह रूस की मांगों को लेकर ज्यादा लचीला रुख अपना रहे हैं।

रूस की आपत्ति और केलॉग की भूमिका

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अधिकारियों ने केलॉग की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। रूसी अधिकारियों का मानना था कि केलॉग कीव समर्थक हैं और निष्पक्ष वार्ता में उनकी भूमिका प्रभावी नहीं होगी। यही वजह थी कि उन्हें सऊदी अरब में हुई अमेरिका और रूस की बैठक से भी दूर रखा गया था। एनबीसी न्यूज के अनुसार, एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी ने दावा किया था कि पुतिन के नजरिए में केलॉग वार्ता के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इस वजह से अमेरिका को यह बदलाव करना पड़ा, जो दर्शाता है कि रूस की शर्तों का असर ट्रंप प्रशासन के फैसलों पर पड़ रहा है।

यूक्रेन-अमेरिका संबंधों में बढ़ती दूरियां

अमेरिका के इस फैसले से यूक्रेन के साथ उसके रिश्तों में दूरी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच संबंधों में और तनाव आ गया था जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी नेता को तानाशाह कहा था और यह सवाल उठाया था कि क्या वह वास्तव में शांति चाहते भी हैं या नहीं। यूक्रेन इस बदलाव से असहज महसूस कर रहा है, क्योंकि इससे रूस की स्थिति मजबूत होती नजर आ रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पहले ही अमेरिका से ज्यादा स्पष्ट समर्थन की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ट्रंप के इस निर्णय से यूक्रेन की कूटनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।

क्या शांति वार्ता की दिशा बदलेगी?

इस बदलाव का सीधा असर रूस-यूक्रेन शांति वार्ता पर पड़ सकता है। अमेरिका की बदली हुई रणनीति से यूक्रेन को वार्ता में कम समर्थन मिल सकता है और रूस की स्थिति मजबूत हो सकती है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन शांति समझौते के लिए यूक्रेन की अपेक्षाओं से अधिक रूस की मांगों को प्राथमिकता दे सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका इस नई नीति के तहत रूस और यूक्रेन के साथ अपने संबंधों को कैसे संतुलित रखता है और शांति वार्ता किस दिशा में आगे बढ़ती है। Russia Ukraine War

तीसरे विश्वयुद्ध की आहट, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर किए हवाई हमले

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post