Wednesday, 30 April 2025

Tariff : ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ़ का भारत पर क्या होगा प्रभाव ?

Tariff : रेसिप्रोकल टैरिफ़ (प्रतिस्थापन शुल्क) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक व्यापार नीति है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों…

Tariff : ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ़ का भारत पर क्या होगा प्रभाव ?

Tariff : रेसिप्रोकल टैरिफ़ (प्रतिस्थापन शुल्क) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक व्यापार नीति है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों के उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाएगा, जो अमेरिकी वस्तुओं पर अधिक शुल्क लगाते हैं। यह नीति भारत सहित कई देशों के व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि भारत पर इसका क्या असर होगा।

भारत और अमेरिका के व्यापार संबंध

  • भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार $190 अरब डॉलर से अधिक का है।
  • भारत अमेरिका को मुख्य रूप से आईटी सेवाएँ, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण निर्यात करता है।
  • अमेरिका भारत से आयात होने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ़ बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे भारतीय उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा।

प्रमुख सेक्टरों पर प्रभाव

(क) फार्मास्युटिकल उद्योग

  • भारत अमेरिका को हर साल करीब $12.7 अरब डॉलर की दवाइयाँ निर्यात करता है।
  • नए टैरिफ़ लागू होने से भारतीय दवाएँ अमेरिका में महंगी हो सकती हैं, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान होगा।
  • अमेरिका में 90% प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ जेनेरिक होती हैं, जिनमें से आधी भारत से आती हैं।
  • इस शुल्क वृद्धि से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि दवाइयाँ महंगी हो जाएँगी।

(ख) ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स

  • भारत अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर 100% टैरिफ़ लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय बाइक्स पर केवल 2.4% शुल्क लगाता है।
  • नए टैरिफ़ से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल डिवाइसेज़ महंगे हो सकते हैं।
  • इससे भारत में स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

(ग) कृषि और खाद्य उत्पाद

  • भारत अमेरिका को चावल, झींगा, मसाले और अन्य कृषि उत्पाद निर्यात करता है।
  • ट्रंप की नीति के तहत भारतीय कृषि उत्पादों पर 10-15% तक अधिक टैरिफ़ लगाया जा सकता है।
  • इससे अमेरिका में भारतीय खाद्य पदार्थ महंगे होंगे, जिससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान होगा।

भारत  का  संभावित कदम : Tariff

  • भारत भी अमेरिका के आयातित उत्पादों पर शुल्क बढ़ा सकता है, जिससे बादाम, अखरोट, और सोयाबीन महंगे हो सकते हैं।
  • सरकार निर्यात बढ़ाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ बना सकती है।
  • व्यापार घाटे को संतुलित करने के लिए भारत अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।

अमेरिका पर प्रभाव

  • टैरिफ़ बढ़ने से अमेरिका में रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुएँ महंगी हो सकती हैं।
  • व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 0.6% की गिरावट और 2.5 लाख नौकरियों के नुकसान का अनुमान है।
  • अमेरिका की उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे वहाँ के उद्योगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।  Tariff :

 

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