Trump : अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कर कटौती और खर्च नियंत्रण संबंधी नीतियों ने सियासी हलचल के साथ-साथ आर्थिक जगत में भी खलबली मचा दी है। हाल ही में अमेरिकी सीनेट में पारित हुआ यह विवादास्पद बिल, ट्रंप के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं था। 51-48 के बेहद करीबी अंतर से पास हुए इस प्रस्ताव ने जहां रिपब्लिकन पार्टी को एक महत्वपूर्ण जीत दिलाई, वहीं विपक्षी डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की जमकर आलोचना की।
सीनेट में टकराव, लेकिन रिपब्लिकन की जीत
सीनेट की मैराथन बैठक में ट्रंप प्रशासन की ओर से लाया गया यह आर्थिक प्रस्ताव कई विरोधों के बीच पास हुआ। बिल में खरबों डॉलर की टैक्स छूट और सरकारी खर्चों में कटौती की योजना शामिल है। डेमोक्रेटिक नेताओं ने इसे आम नागरिकों के हितों के खिलाफ बताया और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में संभावित कटौती को लेकर चिंता जताई। बावजूद इसके, रिपब्लिकन सांसदों की संख्या अधिक होने के कारण यह बिल अंततः पारित हो गया।
आर्थिक अस्थिरता के बीच आया फैसला
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। ट्रंप की शुल्क नीति के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2,231 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि नैस्डैक भी 5.73% की गिरावट के साथ नीचे लुढ़क गया। एसएंडपी 500 में भी मार्च 2020 के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट देखी गई।
सामाजिक योजनाओं पर असर का अंदेशा
डेमोक्रेट्स का आरोप है कि रिपब्लिकन पार्टी कर छूट का बोझ उठाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण सहायता और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कटौती की योजना बना रही है। उनका मानना है कि यह नीति अमीरों को फायदा पहुंचाने वाली है, जबकि मध्यम वर्ग और गरीब तबका इससे प्रभावित होगा।
आम लोगों के लिए राहत या जोखिम?
रिपब्लिकन पार्टी ने अपने फैसले को मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने वाला कदम बताया है। उनका दावा है कि इस टैक्स कटौती से अधिकतर परिवारों पर कर बोझ नहीं बढ़ेगा। अब यह प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स) में पेश किया जाएगा, जहां स्पीकर माइक जॉनसन के नेतृत्व में इसे अगले सप्ताह मतदान के लिए लाया जा सकता है। Trump :
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