अमेरिका ने सऊदी पर बरसाई मेहरबानियां, क्राउन प्रिंस की हर बड़ी मांग पर लगी मुहर

इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि सऊदी अरब ने अमेरिका में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर तक के निवेश का वादा किया है। इतना ही नहीं, सऊदी के व्यावसायिक संबंध ट्रंप परिवार के कारोबारी हितों से भी जुड़े रहे हैं। ऐसे में रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक हित एक साथ आकर सऊदी के पक्ष में खड़े नजर आते हैं।

ओवल ऑफिस में मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान
ओवल ऑफिस में मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान
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userअभिजीत यादव
calendar01 Dec 2025 09:52 AM
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वॉशिंगटन की ओवल ऑफिस में हुई ताज़ा मुलाकात ने अमेरिका–सऊदी रिश्तों की पूरी पटकथा ही बदल दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की इस हाई–प्रोफाइल सीरीज़ के बाद रियाद सिर्फ कूटनीतिक तस्वीरें खिंचवाकर नहीं लौटा, बल्कि सौदों की मोटी फाइलें साथ लेकर गया है। सऊदी अरब को F-35 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों पर सिद्धांततः सहमति, रणनीतिक रक्षा साझेदारी के नए फ्रेमवर्क और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में गहरे सहयोग जैसे कई बड़े लाभ एक साथ मिलते दिख रहे हैं, जो आने वाले सालों में दोनों देशों की साझेदारी को एक नए पावर लेवल पर ले जा सकते हैं।

तीन साल में पूरी तरह बदल गया माहौल

कुछ ही साल पहले तक अमेरिका खुले तौर पर सऊदी अरब के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा कर रहा था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने चुनावी मंचों से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को वैश्विक स्तर पर ‘अलग-थलग’ करने की बात कही थी। 2018 में क्राउन प्रिंस का अमेरिका दौरा और उसके बाद वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा साया डाल दिया था। लेकिन इसी हफ्ते जब क्राउन प्रिंस ओवल ऑफिस पहुंचे, तो तस्वीर बिल्कुल अलग थी। राष्ट्रपति ट्रंप न सिर्फ उनके साथ गर्मजोशी से दिखे, बल्कि एक सवाल-जवाब के दौरान उनकी खुलकर ढाल भी बने। जब एक पत्रकार ने खशोगी की हत्या पर सवाल उठाया, तो ट्रंप ने उल्टा पत्रकार को ही यह कहकर झिड़क दिया कि वह “हमारे मेहमान को शर्मिंदा कर रही हैं।

वॉशिंगटन में कैसे बदली MBS की इमेज

ओवल ऑफिस की यह झलक सिर्फ प्रोटोकॉल भर नहीं थी, बल्कि इस बात का संकेत भी थी कि वॉशिंगटन में मोहम्मद बिन सलमान की छवि कितनी तेजी से सुधरी है। अमेरिकी प्रशासन की ओर से किए गए औपचारिक ऐलानों से साफ दिखा कि ट्रंप व्हाइट हाउस खशोगी हत्याकांड के बोझ को पीछे छोड़कर सऊदी अरब के साथ नए सिरे से रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि सऊदी अरब ने अमेरिका में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर तक के निवेश का वादा किया है। इतना ही नहीं, सऊदी के व्यावसायिक संबंध ट्रंप परिवार के कारोबारी हितों से भी जुड़े रहे हैं। ऐसे में रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक हित एक साथ आकर सऊदी के पक्ष में खड़े नजर आते हैं।

इजराइल से ‘फुल नॉर्मलाइजेशन’ की शर्त हटाई गई

अमेरिका लंबे समय से यह चाहता रहा है कि सऊदी अरब और इजराइल के बीच संबंध सामान्य हो जाएं। बाइडन प्रशासन ने तो साफ कह दिया था कि किसी भी बड़े अमेरिकी–सऊदी समझौते की तीन अनिवार्य शर्तें होंगी –

  1. द्विपक्षीय रक्षा और व्यापार समझौते,
  2. सऊदी–इजराइल संबंधों का सामान्यीकरण,
  3. और इजराइल की ओर से फिलिस्तीनी राज्य की दिशा में ठोस कदम।

लेकिन हालात उस दिशा में आगे नहीं बढ़ सके। इजराइल ने फिलिस्तीनी राज्य के सवाल पर दरवाज़ा बंद रखा और सऊदी अरब ने भी इजराइल के साथ अपने संबंधों को लेकर अपनी पोज़िशन नरम करने से इनकार कर दिया। अब ट्रंप प्रशासन ने उसी फ्रेमवर्क को तोड़कर हिस्सों में बाँट दिया है। यानी अमेरिकी–सऊदी रक्षा, आर्थिक और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को इजराइल के साथ सामान्यीकरण की शर्त से अलग कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा सऊदी अरब को मिला – उसे लंबे समय से मांगी जा रही सुरक्षा और आर्थिक सुविधाएं मिल गईं, बिना इजराइल के साथ औपचारिक नॉर्मलाइजेशन के दबाव को स्वीकार किए।

F-35, रणनीतिक रक्षा और ‘मेजर नॉन-नाटो एलाय’ का दर्जा

इस हफ्ते अमेरिका ने सऊदी अरब को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी” (Major Non-NATO Ally) का दर्जा देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया। इसके साथ ही F-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री की योजना को आगे बढ़ाया गया, जो तकनीकी क्षमता के मामले में इजराइल के बेड़े के समान माने जाएंगे। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच एक नया रणनीतिक रक्षा समझौता भी आकार ले चुका है, जो खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा संतुलन और अमेरिका की सैन्य मौजूदगी को मजबूत करेगा।

AI, एडवांस्ड चिप्स और न्यूक्लियर एनर्जी में साझेदारी

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान लंबे समय से सऊदी अर्थव्यवस्था को तेल पर अत्यधिक निर्भरता से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उनके विज़न को ध्यान में रखते हुए अमेरिका और सऊदी अरब ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक व्यापक सहयोग ढांचा तैयार किया है।इस फ्रेमवर्क के तहत सऊदी अरब को एडवांस्ड सेमीकंडक्टर चिप्स की बिक्री की मंजूरी शामिल है, जो भविष्य की डिजिटल और AI-आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। इसके साथ ही अहम खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) के क्षेत्र में समझौते पर सहमति बनी है और परमाणु ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते भी खोल दिए गए हैं।

क्षेत्रीय मांगों को भी मिली हरी झंडी

ट्रंप ने सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय मुद्दों पर भी क्राउन प्रिंस की कई प्राथमिकताएं स्वीकार कीं। सूडान के गृहयुद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में मदद करने पर सहमति देकर अमेरिका ने यह संकेत दिया कि वह सऊदी को सिर्फ तेल–धन से भरपूर देश नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति केंद्र के रूप में भी मान्यता देने को तैयार है। ओवल ऑफिस में ट्रंप के बगल में बैठे मोहम्मद बिन सलमान ने नए समझौतों को “अमेरिका और सऊदी अरब – दोनों के लिए फायदे का सौदा” बताया।

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दुबई एयरशो हादसा: जलती लपटों के बीच कैसे निकलेगा क्रैश का सच?

डेल्टा विंग डिजाइन, जनरल इलेक्ट्रिक F-404 सिंगल इंजन, एडवांस्ड एवियोनिक्स और AESA रडार से लैस यह जेट मिग–21 जैसे पुराने सुपरसोनिक फाइटर जेट्स की जगह लेने का सपना लेकर तैयार किया गया था। दुबई एयरशो में हुआ यह हादसा अब उसी सपने पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

आग और धुएं के बीच बिखरा तेजस
आग और धुएं के बीच बिखरा तेजस, ब्लैक बॉक्स से तलाशा जाएगा हादसे का सच
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userअभिजीत यादव
calendar22 Nov 2025 09:31 AM
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दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का आसमान भारतीय तेजस एमके-1ए के इंतज़ार में था। दुबई एयरशो में अब बारी थी भारतीय वायुसेना के इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की। रनवे से टेकऑफ के बाद तेजस ने तय ऊंचाई पकड़ते ही अपना मशहूर बैरल रोल मैन्यूवर शुरू किया, जिसे उसकी उड़ान क्षमता और चुस्ती का बड़ा सबूत माना जाता है। लेकिन ठीक अगले ही पल हालात बदलते नजर आए। अचानक तेजस का संतुलन बिगड़ता दिखा और उसकी नाक जमीन की ओर झुक गई। कुछ सेकंड तक दर्शकों को लगा जैसे यह शो का कोई नया स्टंट हो, लेकिन जल्दी ही साफ हो गया कि इस बार आसमान में हो रही यह उड़ान महज़ प्रदर्शन नहीं, एक गंभीर हादसे की भूमिका बन चुकी है।

सेकेंडों में बदला पूरा मंजर

तेजस हवा में रोल करते–करते अचानक असामान्य ढंग से झुक गया। जेट की नोज नीचे की ओर झुकती दिखी तो कई लोगों को लगा कि शायद यह कोई नया स्टंट या प्लान्ड डाइव हो। लेकिन चंद सेकेंड बाद साफ हो गया कि मामला सामान्य नहीं है। तेजस तेजी से नीचे आने लगा, ऊंचाई लगातार घटती गई और देखते ही देखते वह जमीन से जा टकराया। टक्कर के साथ जोरदार धमाका हुआ और कुछ ही पलों में पूरा विमान आग के गोले में बदल गया। काला धुआं आसमान में ऊंचाई तक उठता रहा। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल को इजेक्ट करने का मौका तक नहीं मिल पाया। इस त्रासदी में विंग कमांडर नमांश स्याल शहीद हो गए। भारत में निर्मित तेजस एयरक्राफ्ट से जुड़ा यह दूसरा बड़ा हादसा बताया जा रहा है, लेकिन इसकी गंभीरता और मानवीय क्षति के लिहाज से सबसे बड़ा। तेजस भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है। 2001 में पहली परीक्षण उड़ान भरने के बाद तेजस को 2016 में औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। डेल्टा विंग डिजाइन, जनरल इलेक्ट्रिक F-404 सिंगल इंजन, एडवांस्ड एवियोनिक्स और AESA रडार से लैस यह जेट मिग–21 जैसे पुराने सुपरसोनिक फाइटर जेट्स की जगह लेने का सपना लेकर तैयार किया गया था। दुबई एयरशो में हुआ यह हादसा अब उसी सपने पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

फ्लेमआउट या मानवीय चूक?

घटना के तुरंत बाद दुबई की इमरजेंसी सर्विसेज और संबंधित एजेंसियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने में करीब आधा घंटा लगा। चश्मदीदों के मुताबिक, हादसे से पहले तेजस ने दो–तीन चक्कर लगाए, फिर उसकी नोज नीचे गई, जेट थोड़ा सीधा हुआ, लेकिन ऊंचाई लगातार कम होती रही। लगभग 2:15 बजे धमाका हुआ और एयरशो स्थल पर अफरातफरी मच गई। कुछ शुरुआती रिपोर्टों और उपलब्ध वीडियो फुटेज के हवाले से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बैरल रोल के बाद जेट फ्लेमआउट का शिकार हुआ, यानी उड़ान के दौरान इंजन बंद हो गया या पर्याप्त पावर नहीं दे पाया। हालांकि यह सब अभी तक केवल कयास हैं। इन्हीं अटकलों के बीच भारतीय वायुसेना ने तुरंत कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश जारी कर दिए हैं। आधिकारिक जांच के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि यह हादसा किस वजह से हुआ — शुद्ध तकनीकी खराबी, किसी सिस्टम ग्लिच, इंजन फेलियर या फिर किसी स्तर पर मानवीय चूक?

कैसे मिलेगी सच्चाई?

सबसे पेचीदा सवाल यही है कि जब एयरक्राफ्ट लगभग पूरी तरह जल चुका है, तो जांच एजेंसियां आखिर सच तक कैसे पहुंचेंगी? रक्षा एवं एयरोस्पेस से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, यह काम कठिन जरूर है, असंभव नहीं। HAL के इंजीनियर और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) की टीम दुबई पहुंच चुकी है। भारतीय वायुसेना की निगरानी में ये टीमें तेजस का ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) तलाश रही हैं।

इन्हीं उपकरणों में दर्ज डेटा इस हादसे की असली कहानी बयान करेगा —

  • उड़ान से पहले और दौरान इंजन की स्थिति क्या थी
  • किस ऊंचाई पर कौन–सा मैन्यूवर किया गया
  • आखिरी सेकेंडों में जेट के सिस्टम ने क्या संकेत दिए
  • कॉकपिट में पायलट और ग्राउंड कंट्रोल के बीच क्या बातचीत हुई

चुनौती यह है कि जोरदार धमाके और आग की वजह से इन रिकॉर्डर्स का हिस्सा या डेटा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है। फिर भी इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि अत्यधिक तापमान और झटकों के बावजूद डेटा अधिकतम सुरक्षित रहे।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना मुश्किल होगी राह

क्योंकि हादसा दुबई में हुआ है, इसलिए भारतीय एजेंसियों को स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय रेगुलेटरी बॉडियों के साथ मिलकर काम करना होगा। मलबे की सुरक्षा, ब्लैक बॉक्स तक पहुंच, रनवे/एयरशो क्षेत्र के हाई–रिजॉल्यूशन CCTV फुटेज, रडार डेटा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की रिकॉर्डिंग — ये सब दुबई के अधिकार क्षेत्र में हैं और इन्हीं के सहारे जांच की कड़ियां जुड़ेंगी। भारतीय टीम की कोशिश होगी कि मलबे के अधिक से अधिक टुकड़े, इंजन के पार्ट्स, हाइड्रोलिक सिस्टम के कंपोनेंट और फ्यूल के सैंपल जांच के लिए भारत लाए जा सकें, ताकि लैब में उनकी विस्तृत फॉरेंसिक स्टडी की जा सके।

जांच आगे कैसे बढ़ेगी?

कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की मेज़ पर अब सिर्फ कागज़ नहीं, दर्जनों अहम सवाल भी रखे होंगे। इस जांच टीम में वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, HAL के दिग्गज टेक्निकल एक्सपर्ट और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय ऑब्ज़र्वर भी शामिल रहेंगे। घटना की तह तक पहुंचने के लिए पूरी प्रक्रिया कई परतों में आगे बढ़ेगी। सबसे पहले तेजस के ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) का बारीक़ी से एनालिसिस किया जाएगा। इन्हीं उपकरणों में दर्ज फ्लाइट प्रोफाइल, इंजन के पैरामीटर, ऊंचाई, स्पीड और हर मैन्यूवर का फ्रेम–बाय–फ्रेम रिकॉर्ड मौजूद होता है। आखिरी कुछ सेकेंडों में कौन–कौन से अलार्म बजे, कॉकपिट के भीतर क्या आवाज़ें दर्ज हुईं, सिस्टम ने क्या–क्या चेतावनी दी — यह सब डेटा हादसे की असली टाइमलाइन बनाने में मदद करेगा। इसके बाद फोकस इंजन और फ्यूल सिस्टम पर शिफ्ट होगा। अगर शुरुआती संकेत इंजन फेलियर की तरफ इशारा करते दिखे, तो जनरल इलेक्ट्रिक के विशेषज्ञों को भी औपचारिक रूप से जांच में जोड़ा जा सकता है। हाई–ऑल्टीट्यूड डेमो के दौरान फ्यूल प्रेशर, फ्यूल मिक्सिंग और सप्लाई में कहीं रुकावट तो नहीं आई, इस पर खास ध्यान दिया जाएगा। साथ ही एवियोनिक्स और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की गहन पड़ताल होगी क्या किसी सॉफ्टवेयर गड़बड़ी, सेंसर की खराबी या फ्लाई–बाय–वायर सिस्टम में किसी अनचाहे रिस्पॉन्स के संकेत मिले? बैरल रोल के दौरान कंट्रोल लॉ ने कहीं अप्रत्याशित व्यवहार तो नहीं किया, ये सवाल भी जांच का अहम हिस्सा रहेंगे। मौके से जुटाए गए मलबे के टुकड़ों का फॉरेंसिक रीकंस्ट्रक्शन भी किया जाएगा। टुकड़ों को जोड़–जोड़कर यह समझने की कोशिश होगी कि जेट किस एंगल से जमीन से टकराया, क्या कोई हिस्सा पहले ही टूटकर अलग हो गया था या पूरा एयरफ्रेम एक साथ धराशायी हुआ। जांच यहीं खत्म नहीं होती। ऑपरेशनल और मैनुअल एंगल भी उतनी ही गंभीरता से खंगाले जाएंगे — एयरशो से पहले की ब्रीफिंग, चेकलिस्ट, मेंटेनेंस लॉग, प्री–फ्लाइट इंस्पेक्शन रिपोर्ट, सब कुछ दोबारा खोला जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि एयरशो के दौरान जो मैन्यूवर किए गए, वे निर्धारित गाइडलाइंस के दायरे में थे या जोखिम की सीमा को कहीं छू या पार कर रहे थे। यही सवाल आगे चलकर इस केस की दिशा तय करेंगे।

तेजस के लिए यह हादसा क्या मायने रखता है?

तेजस को भारत के आत्मनिर्भर रक्षा कार्यक्रम की रीढ़ माना जाता है। ऐसे में दुबई एयरशो जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर हुआ यह हादसा केवल तकनीकी नहीं, रणनीतिक और इमेज से जुड़ा मसला भी है। जांच एजेंसियों के सामने दोहरी चुनौती होगी एक तरफ हादसे की वास्तविक वजह को बिना किसी दबाव या हिचक के सामने लाना दूसरी तरफ, इस तरह की पारदर्शी जांच के बावजूद तेजस प्रोग्राम में अंतरराष्ट्रीय भरोसा और घरेलू राजनीतिक–सामरिक समर्थन बनाए रखना

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दुबई एयर शो में धमाका, आग का गोला बना तेजस

रक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि दुबई एयर शो के दौरान इंडियन एयरफोर्स का तेजस फाइटर जेट क्रैश हुआ है। पायलट की स्थिति और संभावित घायल या अन्य नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित एजेंसियां हादसे के कारणों की जांच में जुट गई हैं।

दुबई एयर शो के दौरान डेमो फ्लाइट में क्रैश हुआ भारतीय तेजस
दुबई एयर शो के दौरान डेमो फ्लाइट में क्रैश हुआ भारतीय तेजस
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userअभिजीत यादव
calendar21 Nov 2025 04:35 PM
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दुबई एयर शो के दौरान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान एक प्रदर्शन उड़ान के बीच में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एपी के हवाले से मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, हादसा उस समय हुआ जब विमान दर्शकों के सामने हवाई करतब दिखा रहा था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पायलट समय रहते सीट से इजेक्ट हो पाया या नहीं।

करीब 2 बजकर 10 मिनट पर हुआ हादसा 

रिपोर्ट के अनुसार, दुबई एयर शो में आयोजित डेमोंस्ट्रेशन फ्लाइट के दौरान तेजस अचानक असंतुलित होकर नीचे आ गया और रनवे क्षेत्र के पास जा टकराया। स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर हुए इस हादसे के तुरंत बाद एयरपोर्ट के ऊपर काले धुएं का घना गुबार उठता दिखा और कार्यक्रम को तत्काल रोकना पड़ा।

बड़ी संख्या में मौजूद थे लोग

एयर शो में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिनमें परिवारों के साथ आए छोटे बच्चे भी शामिल थे। हादसा होते ही सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत इमरजेंसी अलर्ट जारी किया गया और रेस्क्यू टीमें कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गईं। दर्शकों को घटनास्थल से दूर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया, खास तौर पर बच्चों को तुरंत भीड़ से बाहर निकाला गया। रक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि दुबई एयर शो के दौरान इंडियन एयरफोर्स का तेजस फाइटर जेट क्रैश हुआ है। पायलट की स्थिति और संभावित घायल या अन्य नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित एजेंसियां हादसे के कारणों की जांच में जुट गई हैं।

Tejas Mk1 में ‘ऑयल लीक’ वाले दावे की असली कहानी

दुबई एयर शो के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने जोर पकड़ लिया, जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई कि भारतीय LCA Tejas Mk1 से तेल लीक हो रहा है। कुछ घंटों में यह क्लिप तथाकथित ‘एक्सपोज़’ के तौर पर वायरल कर दी गई। लेकिन पीआईबी फैक्ट चेक ने जांच के बाद साफ कहा कि यह दावा पूरी तरह भ्रामक है। उनका कहना है कि कई प्रोपेगैंडा अकाउंट जानबूझकर यह वीडियो शेयर कर रहे हैं और गलत तरीके से यह फैलाया जा रहा है कि दुबई एयर शो 2025 के दौरान Tejas Mk1 में ऑयल लीक हुआ था, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक वायरल दावा पूरी तरह झूठा है। जिस वीडियो को ‘ऑयल लीक’ बताकर घुमाया जा रहा था, उसमें दरअसल एयरक्राफ्ट के एनवायरनमेंटल कंट्रोल सिस्टम (ECS) और ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जेनरेटिंग सिस्टम (OBOGS) से जानबूझकर, तय प्रक्रिया के तहत जमा हुआ कंडेंस्ड पानी बाहर निकाला जा रहा था। दुबई जैसे ज़्यादा नमी वाले माहौल में ऑपरेट करने वाले फाइटर जेट्स के लिए यह एक सामान्य और तकनीकी रूप से आवश्यक प्रक्रिया है।

इसी पोस्ट में पीआईबी फैक्ट चेक ने यह भी साफ कहा कि कुछ अकाउंट बिना किसी तकनीकी आधार के प्रोपेगैंडा फैलाने में जुटे हैं। उनका मकसद है कि झूठे नैरेटिव के ज़रिए तेजस जैसे फाइटर की सिद्ध तकनीकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जाएं और उसकी इमेज को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाया जाए।