Sunday, 19 May 2024

शुरू हो रहा है लोक आस्था का महापर्व छठ, जानें नहाय खाय-खरना से लेकर सभी नियम  

सूर्य उपासना का विशेष लोक पर्व छठ भारत में मनाए जाने वाले अत्यंत ही विशेष त्यौहारों में स्थान पाता है.

शुरू हो रहा है लोक आस्था का महापर्व छठ, जानें नहाय खाय-खरना से लेकर सभी नियम  

Chhath puja 2023: सूर्य उपासना का विशेष लोक पर्व छठ भारत में मनाए जाने वाले अत्यंत ही विशेष त्यौहारों में स्थान पाता है. जन मानस की आस्था से जुड़ा यह महापर्व छठ इस वर्ष 17 नवंबर से आरंभ होगा और 19 नवंबर के दिन इस पर्व का विशेष पूजा उपासना के साथ समापन होगा. छठ पर्व का संबंध परंपराओं से बहुत गहराई के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है. इस समय पर सूर्य भगवान के उगते तथा अस्त होते दोनों ही समय को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. छठ पर्व सूर्य की पूजा के साथ छठी मैय्या को समर्पित दिन है.

छठ पूजा मुहूर्त

छठ पूजा का समय कई नामों से जाना जाता है. इस दिन को सूर्य षष्ठी, छठी, डाला छठ इत्यादि नामों से भी पुकारा जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी का समय छठ पर्व के रुप में मनाया जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारम्भ 18 नवम्बर, 2023 को सुबह 09:18 बजे के करीब होगा. षष्ठी तिथि का समापन 19 नवम्बर, 2023 को सुबह 07:23 बजे के करीब होगा. ऎसे में छठ पूजा रविवार 19 नवम्बर, 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्योदय का समय 06:46 पर होगा और सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन सूर्य अस्त होने का समय 17:26 पर होगा.

नहाय खाय 

छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पर्व होता है. यह एक अत्यंत ही कठोर एवं समर्पण से भरा उत्सव है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन का समय नहाय-खाय के रुप में संपन्न होता है. नहाय-खाय का समय 17 नवंबर के दिन होगा. नहाय खाय में व्रत रखने वाला प्रात:काल समय पर ही नदी इत्यादि में स्नान के पश्चात साफ नवीन वस्त्र धारण करता है.

खरना  

छठ पर्व का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस साल खरना 18 नवंबर 2023 को संपन्न होगा. खरना के दिन एक समय मीठा भोजन किया जाता है तथा इसके बाद इस दिन नमक नहीं खाया जाता.

संध्या अर्घ्य

छठ पर्व का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य के रुप में जाना जाता है. शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस दिन हजारों की संख्या में भक्ति घाटों एवं नदियों में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. 19 नवंबर 2023 को सूर्यास्त होने का समय शाम 17:26 होगा. यह समय अत्यंत ही विशिष्ट होता है और बेहद महत्वपूर्ण.

उगते सूर्य का पूजन 

छठ पर्व का अंतिम एवं चौथा दिन जो उगते सूर्य की उपासना एवं अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है. इस दिन पूजा उपासना के पश्चात व्रत संपूर्ण होता है तथा भक्तों को छठी मैय्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

लोक परंपराओं से जुड़ा पर्व छठ 

छठ का पर्व मान्यताओं एवं परंपराओं का अदभुत संगम रहा है. यह पर्व लोक आस्था का केन्द्र भी है. बिहार एवं पूर्वांचल से संबंधित क्षेत्रों में बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है, लेकिन आज के संदर्भ में इस पर्व को देश ही नहीं अपितु विदेशों में रह रहे भारतीयों में भी उसी रुप में देखने को मिलता है.
एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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