देश के 5 सबसे खूबसूरत रास्ते जहां मंजिल से भी खूबसूरत होगा सफर

हमारे देश में कई ऐसे रास्ते हैं जहां की खूबसूरती हर मोड़ पर आपका दिल जीत लेती है। इन रास्तों पर सफर करना किसी जादुई अनुभव से कम नहीं होता। यहां हर पहाड़ी, हर घाटी, हर मोड़ खुद में एक नई कहानी कहता है। आइए जानते हैं देश के 5 सबसे खूबसूरत रास्तों के बारे में जहां मंजिल से ज्यादा यादगार सफर होता है ।

Top Destination of India
Top Five Destinations in India
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 JUN 2025 08:45 AM
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Top Five Destinations in India : अगर आप भी सफर के शौकीन हैं और हमेशा कुछ नया देखने की चाह रखते हैं तो ये खबर आपके लिए है। हमारे देश में कुछ ऐसे रास्ते हैं जहां की खूबसूरती हर मोड़ पर आपका दिल जीत लेगी। इन रास्तों पर सफर करना किसी जादुई अनुभव से कम नहीं होता जहां हर पहाड़ी, हर घाटी, हर मोड़ खुद में एक नई कहानी कहता है। आइए जानें देश के 5 सबसे खूबसूरत रास्तों के बारे में जहां मंजिल से ज्यादा यादगार होता है सफर।

मनाली से लेह (Manali to Leh)


मनाली से लेह तक का सड़क मार्ग भारत में सबसे सुंदर और रोमांचकारी मार्गों में से एक है। यह रास्ता लगभग 470 किलोमीटर लंबा है और इसमें हिमालय की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों, बर्फ से ढके दर्रों और वीरान लेकिन मनमोहक मैदानों को पार करना होता है। यह मार्ग जून से सितंबर के बीच ही खुला रहता है क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह बंद हो जाता है। यात्रा के दौरान कई प्रमुख दर्रे आते हैं जैसे कि रोहतांग पास, बारालाचा ला, नकीला पास और तंगलंग ला जो इसे और भी चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। इस रास्ते पर चलना एक साहसिक अनुभव होता है, जहां यात्रियों को प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऊंचाई की वजह से आने वाली कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है। यह मार्ग ना केवल पर्यटकों को लुभाता है, बल्कि यह भारतीय सेना के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लद्दाख को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।

मुंबई से गोवा (Mumbai to Goa)


मुंबई से गोवा का रोड ट्रिप करना बहुत खास होता है। मुंबई से गोवा की दूरी करीब 590 किलोमीटर है। इस रास्ते पर आप हरियाली से भरे पहाड़, शांत समुद्र के किनारे और छोटे-छोटे गांव देख सकते हैं। इस सफर में आपको बहुत सुकून मिलेगा। यह यात्रा सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह जाने का रास्ता नहीं है, बल्कि प्रकृति की खूबसूरती और गांवों की सरल जिंदगी को महसूस करने का मजा भी है। रास्ते में आपको घने जंगल, झरने और धुंध से ढके पहाड़ नजर आएंगे जो आपकी आंखों और मन को बहुत आराम देंगे। छोटे गांवों की सादगी और वहां की लोक संस्कृति आपको शहर की भाग-दौड़ से दूर एक नई शांति देगी। चाहे आप ट्रेन से जाएं या सड़क पर, हर मोड़ पर आपको कुछ नया देखने को मिलेगा जो आपके ट्रिप को यादगार बना देगा।

बेंगलुरु से ऊटी (Bangalore to Ooty)


बंगलुरु से ऊटी तक की दूरी लगभग 270 किलोमीटर है और कार या बस से इस सफर में लगभग 6 से 7 घंटे लगते हैं। बंगलुरु से ऊटी जाने का सबसे सामान्य रास्ता मैसूर और मायदूर होकर जाता है, जो पहाड़ों के बीच से गुजरता है और रास्ते में बहुत सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं। ऊटी एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो अपनी ठंडी जलवायु, हरे-भरे चाय बागानों और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाता है। आप बंगलुरु से कार, बस या ट्रेन के जरिए ऊटी पहुंच सकते हैं, लेकिन ट्रेन से सीधे ऊटी नहीं जाती इसलिए निकट के शहर जैसे कोयंबटूर या मैसूर तक ट्रेन से जाना होता है और वहां से टैक्सी या बस लेनी पड़ती है। ऊटी पहुंचकर लोग यहां के बोटैनिकल गार्डन, रोज गार्डन, झील और पहाड़ों का आनंद लेते हैं। पहाड़ी इलाके होने की वजह से यहां का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए यात्रा करते समय गर्म कपड़े साथ ले जाना चाहिए। कुल मिलाकर, बंगलुरु से ऊटी का सफर प्राकृतिक सुंदरता और आरामदायक हिल स्टेशन की यात्रा का आनंद देने वाला होता है।

जयपुर से जैसलमेर (Jaipur to Jaisalmer)


जयपुर से जैसलमेर का रोड ट्रिप करना एक बेहद रोमांचक और खूबसूरत अनुभव हो सकता है। यह यात्रा लगभग 560 से 600 किलोमीटर लंबी होती है और इसे कार या बाइक से तय करने में करीब 9 से 11 घंटे का समय लगता है, जो रूट और रुकावटों पर निर्भर करता है। इस सफर के दौरान आप राजस्थान की असली खूबसूरती, रेगिस्तानी इलाकों, पुराने किलों, रंगीन गांवों और सांस्कृतिक विविधता को नजदीक से देख सकते हैं। रास्ते में अजमेर और पुष्कर जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों का दर्शन कर सकते हैं, जहां अजमेर शरीफ दरगाह और पुष्कर की ब्रह्मा झील प्रमुख हैं। बीकानेर भी इस मार्ग में आता है, जहां जूनागढ़ किला और करणी माता मंदिर जैसे दर्शनीय स्थल हैं। पोखरण के रास्ते होते हुए जब आप जैसलमेर पहुंचते हैं, तो दूर-दूर तक फैली रेत की सुनहरी चादर और ऐतिहासिक किले आपका स्वागत करते हैं। यह पूरा सफर न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होता है, बल्कि राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं की झलक भी बखूबी पेश करता है।

कोलकाता से दार्जिलिंग (Kolkata to Darjeeling)

कोलकाता से दार्जिलिंग की यात्रा एक सुंदर और यादगार अनुभव होता है। कोलकाता से दार्जिलिंग के बीच की दूरी लगभग 693 किलोमीटर की होती है, जिसे आप ट्रेन, फ्लाइट या सड़क मार्ग से तय कर सकते हैं। सबसे आसान तरीका है कि पहले कोलकाता से न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) तक ट्रेन से जाएं, जिसमें लगभग 10 से 12 घंटे लगते हैं। इसके बाद NJP से दार्जिलिंग तक टैक्सी या टॉय ट्रेन से जाया जा सकता है, जो लगभग 3 से 4 घंटे का सफर है। दूसरा विकल्प फ्लाइट का है, जिसमें आप कोलकाता से बागडोगरा एयरपोर्ट तक मात्र 1 से 1.5 घंटे में पहुंच सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी से दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं। दार्जिलिंग एक हिल स्टेशन है जहां आप टाइगर हिल से सूर्योदय, चाय बागानों की हरियाली, बतासिया लूप, टॉय ट्रेन और हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट जैसी जगहों का आनंद ले सकते हैं। ठंडी जगह होने के कारण वहां गरम कपड़े जरूरी होते हैं। यह यात्रा प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और पहाड़ी संस्कृति को महसूस करने का एक बेहतरीन मौका देती है। Top Five Destinations in Indiaइतिहास की परतों में छुपा डर, क्या है भूली भटियारी का रहस्य ?

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पहाड़ों के ऐसे पांच खतरनाक कोने, जो आपके लिए बन सकती हैं मौत की दहलीज

अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें, क्योंकि हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाने के बराबर हो सकता है।

Dangerous Moutains
Five Most Dangerous Mountains
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 JUN 2025 03:30 PM
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Five Most Dangerous Mountains : बारिश का मौसम कई लोगों को हरी-भरी वादियों, ठंडी हवा और मनमोहक नजारों की ओर खींचता है। खासकर पहाड़ों की सैर का तो अलग ही मजा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही खूबसूरत नजारे मानसून में कई बार मौत का साया बन जाते हैं? बारिश के दिनों में पहाड़ों की चोटियां और रास्ते जो आमतौर पर रमणीय होते हैं वे अचानक खतरनाक हो जाते हैं। भूस्खलन, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएं इन मौसमों में जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाना साबित हो सकता है। इन इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन के कारण हर साल कई पर्यटक और स्थानीय लोग फंस जाते हैं या उनकी जान चली जाती है। तो चलिए जानते हैं कौन-कौन सी वो खौफनाक जगहें हैं जिनसे दूर रहना आपके लिए जरूरी है।

1. केदारनाथ – मौत का मेहमान बना खूबसूरत धाम


साल 2013 की भीषण आपदा ने केदारनाथ को मानसून के सबसे खतरनाक स्थानों में शामिल कर दिया। 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह धार्मिक स्थल बारिश के मौसम में बेहद असुरक्षित हो जाता है। मानसून में यहां के रास्ते टूटने लगते हैं, बहते नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और कई जगह भूस्खलन होने का खतरा रहता है। ट्रेकिंग के दौरान फिसलन के कारण यहां जाने वाले पर्यटकों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है। इसलिए मानसून में केदारनाथ की यात्रा करना जानलेवा साबित हो सकता है।

2. नैनीताल – खूबसूरत झील के पीछे छुपा खतरा


उत्तराखंड का यह प्रसिद्ध हिल स्टेशन मानसून में भीड़भाड़ के लिए जाना जाता है, लेकिन बारिश के बाद यहां के पहाड़ी रास्ते बेहद खतरनाक हो जाते हैं। अक्सर भारी बारिश के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं और भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो सकता है। कई बार बारिश के दौरान नैनीताल के आसपास की सड़कें और ट्रेल्स फिसलने लगती हैं, जिससे पर्यटकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मानसून में नैनीताल का दौरा टालना बेहतर रहता है।

3. मसूरी – पहाड़ों की रानी का मानसून पर खौफ


मसूरी की हरियाली और ठंडी हवा मानसून में भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन ये खूबसूरती छुपा रही है खतरों को। बारिश के दिनों में मसूरी की सड़कें फिसलन और लैंडस्लाइड के लिए प्रसिद्ध हो जाती हैं। कई बार तेज बारिश के चलते पहाड़ी रास्ते टूट जाते हैं या बंद हो जाते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। इसलिए मसूरी की यात्रा मानसून में सावधानी के बिना नहीं करनी चाहिए।

4. अल्मोड़ा – शांति और खतरे का संगम


उत्तराखंड का अल्मोड़ा एक शांत और कम प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो मानसून में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यहां कम लोग पहुंचते हैं, इसलिए अगर कोई समस्या हो जाए तो मदद पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। मानसून में बादल फटना, भूस्खलन और बारिश के कारण रास्ते अक्सर जाम हो जाते हैं। खासतौर पर बस या किसी वाहन से यात्रा करना यहां एक बड़ा चैलेंज बन जाता है। इस कारण अल्मोड़ा के मानसून वाले दिनों में जाने से बचना चाहिए।

5. पिथौरागढ़ – बरसात में जानलेवा सफर


पिथौरागढ़ भी मानसून के दौरान यात्रा के लिए जोखिम भरा इलाका है। भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, जिससे रास्ते बंद हो जाते हैं और यात्री फंस जाते हैं। पहाड़ों पर बारिश में घूमना असुरक्षित माना जाता है, खासकर जब अचानक बादल फटने लगते हैं। इस क्षेत्र में मौसम के अनिश्चित व्यवहार के कारण किसी भी समय आपदा आ सकती है।

मानसून में पहाड़ी सफर पर इन बातों का रखें ध्यान

मौसम की खबरें देखें


यात्रा शुरू करने से पहले मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की सलाह जरूर पढ़ें।

रात में सफर न करें


लैंडस्लाइड या भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में रात का सफर बिल्कुल टालें।

नदी और झरनों के किनारे न जाएं


मानसून में अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा रहता है, इसलिए इन जगहों से दूर रहें।

ये सामान साथ रखें


फोन चार्ज रखें, पावर बैंक और आवश्यक दवाइयां अपने पास रखें।

स्थानीय लोगों की सलाह मानें


जो लोग वहां रहते हैं, उनकी सलाह सबसे महत्वपूर्ण होती है। 

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Astro Tips: भूलकर भी दूसरों के घर से न लाएं ये चीजें, घर की खुशियां हो जाएगी तबाह !

एक हंसते-खेलते और खुशहाल परिवार की चाहत सबको होती है। परिवार में खुशी का माहौल बना रहे इसके लिए हम लाखों उपाय भी करते हैं लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम कुछ ऐसा काम कर देते हैं जो वास्तु के मुताबिक गलत होते हैं जिसका दुष्प्रभाव परिवार को पूरी तरह से तबाह कर देते हैं।

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 DEC 2024 10:44 AM
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Astro Tips: एक हंसते-खेलते और खुशहाल परिवार की चाहत सबको होती है। परिवार में खुशी का माहौल बना रहे, इसके लिए हम लाखों उपाय भी करते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में की गई कुछ गलतियां, परिवार की खुशियों को तबाह कर देती है। दरअसल जाने अनजाने हम कुछ ऐसा काम कर जाते हैं, जो वास्तु के मुताबिक गलत होते हैं और जिसका दुष्प्रभाव हंसते खेलते परिवार को झेलना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक कुछ ऐसी चीज हैं जो कभी भी दूसरों के घर से अपने घर में नहीं लानी चाहिए, अन्यथा हंसते खेलते परिवार को नजर से लग जाती है। आइए जानते है वो चीजे कौन सी हैं -

पुराना फर्नीचर:


वास्तु शास्त्र के मुताबिकभूल कर भी किसी दूसरे के घर का पुराना फर्नीचर अपने घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है, और इस नेगेटिविटी के चलते घर में कलह का माहौल बन सकता है। इसके साथ ही किसी का पुराना फर्नीचर अपने घर में रखने से घर में दरिद्रता का वास होता है, जिससे आर्थिक विपदा बनी रहती है।

ना इस्तेमाल करें पुरानी चप्पल:


अक्सर लोग दूसरों की चप्पल-जूते आदि का इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के मुताबिक यह गलत है। दरअसल इंसान के अंदर की सारी नेगेटिव एनर्जी उसके पैरों के माध्यम से ही बाहर निकलती है, ऐसे में किसी दूसरे इंसान के जूते चप्पल आदि का इस्तेमाल करने से उसके अंदर की नेगेटिव एनर्जी आपके अंदर आ सकती है। इसलिए भूल कर भी ना तो किसी के जूते चप्पल का इस्तेमाल करना चाहिए और ना ही उसे घर पर लाना चाहिए।

दूसरों का छाता न लाएं घर:

वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी किसी दूसरे व्यक्ति का छाता भी अपने घर के अंदर नहीं लाना चाहिए। अगर कभी किसी कारणवश किसी दूसरे का छाता इस्तेमाल भी करना पड़े, तो इस्तेमाल करने के बाद उसे वापस कर दें। लेकिन भूलकर भी अपने घर में न रखें। Astro Tips : घर में सुख शांति और सफलता के लिए,घर के मंदिर में जरूरी है पंचांग देवों की स्थापना…