नि:संकोच : हो सकता है एक दिन रिश्वत में पानी मांगा जाए!
विनय संकोची काफी पहले भविष्यवाणी हो चुकी है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा और जिस तरह के…
चेतना मंच | December 1, 2021 11:12 PM
विनय संकोची
काफी पहले भविष्यवाणी हो चुकी है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा और जिस तरह के हालात पानी को लेकर देखने-सुनने को मिल रहे हैं, उन्हें देखकर लगता है कि विश्व युद्ध हो ना हो हमारे देश में गृह युद्ध तो जरूर ही हो जाएगा। कहा जा रहा है कि सन 2025 में विदेशों से पानी आयात करना होगा, जो कि निश्चित रूप से बहुत महंगा पड़ेगा। उस समय पानी की तस्करी भी हो सकती है। पानी लुटेरों के बीच गैंगवार भी संभव है। हो सकता है उस समय इस तरह की खबरें आएं कि फलां कारोबारी की टंकी से 50 लीटर पानी चोरी हो गया या फलां के फ्लैट से एक पानी से भरी बाल्टी चोर खिड़की तोड़कर ले गए। यह भी संभव है कि पानी की बोतल ले जा रहे व्यक्ति से स्नैचर बोतल झपट कर भाग जाएं और पीड़ित थाने में इसकी रिपोर्ट लिखाने पहुंचे, तब पुलिस वाला रिश्वत के तौर पर उससे एक ही आधा गिलास पानी मांग बैठे। बिन बुलाए मेहमान दावत में केवल एक-दो गिलास पानी पीने के लिए जोखिम उठाएं और पकड़े जाने पर थप्पड़-घूंसे खाएं। मुझे तो ये दृश्य अभी से दिखाई दे रहे हैं, तब तो अग्निशमन डिपार्टमेंट तो खत्म ही हो जाएगा। न बचेगा पानी तो कैसे बचेगा यह विभाग। पानी की कमी को लेकर सभी आशंकित हैं, लेकिन पृथ्वी पर हमें डुबोकर मारने के लिए पर्याप्त पर्याप्त मात्रा से कहीं ज्यादा पानी उपलब्ध है। अगर धरती की सारी बर्फ पिघल जाए, तो ऐसे में समुद्र का जल स्तर 55 मीटर तक ऊंचा उठ सकता है। ऐसा हो सकता है क्योंकि ऐसा ही अब से पहले कोई चार करोड़ साल पहले हो चुका है। जब वह जल प्रलय धरती पर आई थी तो आज से ढाई गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में मौजूद थी।हम पर्यावरण का ध्यान न रखकर उस से खिलवाड़ करके, प्रदूषण को बढ़ाकर पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कार्बन डाइऑक्साइड के मामले में चार करोड़ साल पहले वाली स्थिति पैदा हो जाए।
अब अपने देश की बात करें तो नौ राज्यों के दर्जनों जिले सूखे की मार से आहत हैं, लेकिन अगर अकेला टिहरी बांध टूट जाए तो सूखे और भूखे की समस्याएं ही समाप्त हो जाएंगी। टिहरी बांध 9.0 एमएम तीव्रता का ही भूकंप झेल सकता है, इससे बड़े भूकंप को सहन न कर पाने के चलते बांध टूट जाएगा और मात्र 22 मिनट में पूरा जलाशय खाली हो जाएगा। तब 63 मिनट में ऋषिकेश में 250 मीटर, 80 मिनट में हरिद्वार में 232 मीटर, 4 घंटे 45 मिनट में बिजनौर में 18 मीटर, 7 घंटे 25 मिनट में मेरठ में 10 मीटर, 9 घंटे 57 मिनट में हापुड़ में 9 मीटर और 12 घंटे में बुलंदशहर में 8.5 मीटर ऊंचा जल होगा। सब की प्यास बुझ जाएगी। कहां तक भागेंगे, कितनी तेज भागेंगे। जरूरत है पानी को बचाने के उपाय करने की। इसके लिए जरूरत है खुद जागने और सोती सरकारों को जगाने की। पानी जीवन है जीवन को यूंही नहीं बहने दें, न जल को प्रदूषित करें। प्रदूषण को बढ़ने से रोकने का प्रयास करें, पर्यावरण संरक्षण को महत्व दें।