Bilawal Bhutto: भारत की जमीं पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री, कभी राष्ट्रपति भवन में पकड़े गए थे रंगे हाथ

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calendar05 MAY 2023 00:11 PM
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देश/विदेश : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के गोवा राज्य में पहुंचे हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री के अलावा इस बैठक में शामिल होने के लिए रूस और चीन के विदेश मंत्री भी भारत आए हुए हैं। बैठक की शुरुआत कल यानी 4 मई को हो चुकी है। आज यानी 5 मई को इस बैठक का आखिरी दिन है। यूं तो इस बैठक में अन्य देशों के विदेश मंत्री भी शामिल हुए हैं, लेकिन बिलावल भुट्टो का इस बैठक में शामिल होना काफी अहम है। भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ कैसा रिश्ता है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, उसके बाद से ही दोनों मुल्कों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं। हालांकि इसे सुधारने का समय समय पर दोनों मुल्कों की तरफ से प्रयास किया जाता रहा है, लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला है। बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) का भारत दौरा और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है क्योंकि इस समय भारत और पाकिस्तान रिश्ते के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पूरे 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत की धरती पर आया है। इससे पहले साल 2011 में उस समय की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार (Hina Rabbani Khar).भारत दौरे पर आई थी। बिलावल भुट्टो की यह पहली भारत यात्रा है, हालांकि इनके खानदान से इससे पहले इनके नाना जुल्फीकार अली भुट्टो (Julfikar Ali Bhutto) और इनकी मां बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) भारत यात्रा पर आ चुकी हैं।

काफी चर्चित है बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) की भारत यात्रा :

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा काफी चर्चित है इसकी खास वजह यह है कि पूरे 12 साल बाद पड़ोसी मुल्क के किसी विदेश मंत्री ने भारत की जमीं पर कदम रखा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के खानदानी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनके नाना जुल्फीकार अली भुट्टो अयूब खान के शासनकाल में विदेश मंत्री थे। अयूब खान से मतभेद होने की वजह से साल 1967 में उन्होंने अपनी एक नई पार्टी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी बनाई। साल 1973 से लेकर 1977 तक ये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के पद का भी कार्यभार संभाला। इनकी बेटी बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की 12वीं प्रधानमंत्री व पहली महिला प्रधानमंत्री बनी। बिलावल भुट्टो का जन्म 21 सितंबर 1988 को हुआ था, यह वही समय था जब बेनजीर भुट्टो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला था। जब बिलावल भुट्टो का जन्म हुआ था उस समय बेनजीर भुट्टो के कंधों पर राजनीति की एक बड़ी जिम्मेदारी थी। यही वजह है कि बिलावल भुट्टो का बचपन बड़ी कठिनाइयों में बीता था। साल 2007 में जब चुनावी प्रचार प्रसार के दौरान इनकी मां बेनजीर भुट्टो की बम धमाके में हत्या हो गई थी, उस वक्त उनकी उम्र मात्र 19 साल थी। इस छोटी उम्र में ही बिलावल के कंधे पर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की जिम्मेदारी आ गई। लंदन में पढ़ाई करते हुए ही इन्होंने पार्टी की जिम्मेदारी भी संभाली। और इस तरह से राजनीति की दुनिया में इन्होंने अपना पहला कदम रखा।

हिना रब्बानी के साथ नाम जुड़ने पर जब इनका राजनीतिक सफर आ गया था खतरे में -

आज बिलावल भुट्टो भले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। लेकिन एक दौर ऐसा था जब इनका राजनीतिक कैरियर खतरे में आ गया था। साल 2012 में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी (Bilawal Bhutto Zardari and Hina Rabbani Khar Relationship) के साथ इनके अफेयर की खबरें मीडिया में सुर्खियों में छाई हुई थी। इस खबर का खुलासा सबसे पहले बांग्लादेशी टैब्लॉइड, "द वीकली ब्लिट्ज" ने किया और जंगल के आग तरह यह खबर फैल गई। सबसे खास बात यह थी कि हिना रब्बानी पहले से ही शादीशुदा थी और पाकिस्तान के एक बेहद प्रभावशाली व्यवसाई फिरोज गुलजार के साथ इनकी शादी हुई थी और उनकी दो बेटियां भी थी। इसके साथ ही हिना राजनीति में भी सक्रिय थी। बिलावल और हिना के उम्र में भी काफी अंतर था। बिलावल उस समय मात्र 24 साल के थे जबकि हिना की उम्र 35 वर्ष थी। बिलावल के पिता को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस रिश्ते का कड़ा विरोध किया। यह भी खबर सामने आई थी कि बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी ने बिलावल और हिना को राष्ट्रपति भवन में रंगे हाथों आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ लिया था। बाद में बिलावल के राजनीतिक कैरियर पर कोई आंच ना आए इसे देखते हुए इस बात को वही दबा दिया गया। वहीं दूसरी तरफ हिना रब्बानी ने भी अपने पिता और पार्टी के दबाव में आकर बिलावल से दूरी बनाने का फैसला कर लिया। इस तरह से बिलावल और हिना के रिश्ते का अंत हो गया।

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Army Chopper Crash: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश

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locationभारत
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calendar04 MAY 2023 02:18 PM
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Army Chopper Crash: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भारतीय सेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है. बताया जा रहा है कि इस हेलिकॉप्टर में भारतीय सेना के तीन अधिकारी सवार थे । सेना का हेलीकॉप्टर किश्तवाड़ जिले में जिस जगह  दुर्घटनाग्रस्त  हुआ बताया जा रहा है वो काफी दुर्गम इलाका है ।वहाँ  दो दिन से रुक रुक कर बारिश भी हो रही थी । दुर्घटना में पायलट और सह पायलट घायल हो गए हैं ।

जम्मू  सेना का एक हेलीकॉप्टर बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में वन क्षेत्र में दुर्घनाग्रस्त हो गया। Army Chopper Crash:  अधिकारियों ने दुर्घटना की जानकारी दी। दुर्घटना में पायलट और सह पायलट घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना मारवाह इलाके में हुई। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि हेलीकॉप्टर में तीन लोग सवार थे।भारतीय सेना की ओर से दी गई शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सेना का ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर किश्तवाड़ जिले में क्रैश हुआ है, जोकि चिनाब नदी में गिर गया था । इस हादसे में कमांडिंग ऑफिसर पूरी तरह सुरक्षित हैं, जबकि पायलट को हल्की चोटें आई हैं, जिनको इलाज के लिए ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे की एक वजह मौसम हो सकता है. दरअसल जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बीते कई दिनों से बादल छाए हुए हैं और बारिश भी हो रही है। इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मौसम की वजह से शायद ये हादसा हुआ है ।
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World Asthma Day: 2 मई को इस थीम के साथ मनाया जा रहा है 'वर्ल्ड अस्थमा डे', जाने इस दिन का इतिहास और महत्व

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calendar02 MAY 2023 06:24 AM
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World Asthma Day: अस्थमा, एक ऐसी बीमारी जिसमें सांस लेने की तकलीफ बढ़ जाती है। जिस बीमारी में सांस लेने की ही दिक्कत बढ़ जाए, उस बीमारी की गंभीरता को आंकने के लिए कुछ और कहने की आवश्यकता नहीं है। इसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए, इसके बचाव और रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को 'विश्व अस्थमा दिवस' मनाया जाता है।

क्या है विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास :

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा ने साल 1993 में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाने की शुरुआत की। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर 339 मिलियन से भी अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित है, वहीं वैश्विक स्तर पर इस बीमारी की वजह से करोड़ों लोगों की जान जाती है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए ही ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर 'वर्ल्ड अस्थमा डे' मनाने का ऐलान किया। इस तरह से साल 1993 के बाद से प्रतिवर्ष मई महीने का पहला मंगलवार विश्व अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने और अस्थमा रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से ही 'विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day)' मनाया जाता है।

World Asthma Day Theme 2023: विश्व अस्थमा दिवस थीम -

प्रतिवर्ष 'वर्ल्ड अस्थमा दिवस' मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 के लिए जो थीम निर्धारित की गई है वह है 'Asthma Care for All' यानी 'अस्थमा की देखभाल सभी के लिए'। साल 2022 में वर्ल्ड अस्थमा डे के लिए ' Closing Gaps In Asthma Care' यानी 'अस्थमा देखभाल में अंतराल बंद करना' थीम रखी गई थी।

क्या है अस्थमा रोग -

अस्थमा बीमारी सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक है। यह रोग फेफड़ों से जुड़ा होता है जिसमें वायरस फेफड़ों पर अटैक करते हैं और सांस लेने में समस्या होने लगती है।

क्या है अस्थमा के लक्षण :-

इस बीमारी में खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जिसके कारण ब्रोंकियल नालियों में सूजन आ जाती है। इस बीमारी में सांस की तकलीफ, सीने में जकड़न अथवा दर्द तथा घबराहट के साथ खांसी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। सर्दी जुकाम की समस्या के साथ इस तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए और सही उपचार के साथ खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

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