NewParliamentBuilding : मीना कौशिक। भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर नई संसद में आज पहले सत्र की शुरुआत का स्वर्णिम दिन है। 971 करोड़ की लागत से बने लोकतंत्र के इस सबसे बड़े मंदिर में भारत की सांस्कृतिक विरासत उसकी वैदिक शक्ति ,ऊर्जा शक्ति और विकास की भव्यता को इस मंदिर के कण कण में गूंथा गया है।
आजाद भारत का सबसे शक्तिशाली और सबसे भव्य और सुंदर लोक मंदिर नई संसद की झलक आप जरूर लेना चाहेंगे… आईये …आपको राजधानी दिल्ली के दिल में बनी इस नई संसद यानी भारत के लोक मंदिर का नजारा दिखाते हैं
नई संसद के 6 द्वारों में भारत की ऊर्जा की चकाचौंध.
NewParliamentBuilding के छह द्वारों में अलग-अलग प्रतीक चिन्ह है जो भारत की शक्ति से लेकर उसके आधुनिक विकास तक उसकी सांस्कृतिक विरासत का गुणगान कर रहे हैं.। भारत के इतिहास में 19 सितंबर 2023 का दिन पहले सत्र के साथ स्वर्णिम इतिहास रच रहा है। इस संसद को भारत की ऊर्जा शक्ति और सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। जो पुरानी संसद से तीन गुना बड़ा और भव्यता में बेमिसाल है।
इसमें एंट्री के लिए छह द्वार बनाए गए हैं. पहले तीन द्वार पर अश्व, गज और गरुड़ की प्रतिमा है. हिंदी में इनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है. इन एंट्री गेट का इस्तेमाल उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री करेंगे।
मात्र 200 दिनों में तैयार किया गया है नई संसद को …
PM Modi ने बीते 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी और इसे मात्र 200 दिनों में तैयार करके 19 सितंबर 2023 को पहला सत्र यहां शुरू किया जा रहा है। 64,500 वर्ग मीटर में फैली इस चार मंजिला त्रिकोणीय आकार की इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा तैयार किया गया है।
नई संसद में मुख्य हाल है लोकसभा और राज्यसभा..
लोकसभा हाल में…888 सदस्य और 1280 दर्शक दीर्घा के बैठने की क्षमता है.
लोकसभा कक्ष की संरचना का डिज़ाइन भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित है। इस कक्ष के हर डिज़ाइन में मोर की आकृति और मोरपंख की झलक दिखती है। लोकसभा कक्ष की दीवार, कालीन और कुर्सियों के कुशन के रंग को परम्परानुसार हरा रखा गया है। हरा रंग भारत की समृद्धि का प्रतीक है। सबसे पहले बात कर लेते हैं नए संसद भवन की इमारत के बारे में, तो बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसी साल मई महीने में इस नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. विशाल भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और नई संसद के राज्यसभा हाल में 300 विधानसभा सदस्यों के बैठने की क्षमता..
राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होने की स्थिति में लोकसभा कक्ष में कुल 1280 सदस्य बैठ सकते हैं. नया राज्यसभा कक्ष राष्ट्रीय पुष्प कमल से प्रेरित है, जिसके हर डिज़ाइन में कमल फूल की प्रतिकृति दिखती है। राज्यसभा कक्ष की दीवार, कालीन और कुर्सियों के कुशन के रंग को शाही अंदाज में लाल रखा गया है। लाल रंग राजसी गौरव का प्रतिनिधित्व करता है।
डिजिटल की आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण
दोनों सदनों (लोकसभा और राजसभा) आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त बनाया गया है। यहां सदन की कार्यवाही को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओँ में पढ़ा और सुना जा सकता है। लोकसभा और राजसभा) में सदस्यों के लिए बायोमेट्रिक की सुविधा है। भवन के भीतर सूर्य की प्राकृतिक छटा को बरकरार रखा गया है। इस भवन में प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। सेंट्रल फोयर की त्रिकोणीय छत से जब सूर्य की किरणें फर्श से टकराती हैं, तो वह सदस्यों के लिए निर्मित कक्ष, लाइब्रेरी और भोजन कक्ष में फ़ैल जाती हैं। नए संसद भवन के केंद्र में बने सेंट्रल फोयर (Central Foyer) में संविधान कक्ष बनाया गया है। जहां हर कोई भारत में लोकतंत्र के अतीत से वर्तमान की यात्रा का अनुभव कर सकते हैं।
कमल मोर और बरगद की छत के साथ लोकसभा और राज्यसभा का अद्भुत नजारा… विष्णु भगवान के मंथन का दृश्य भी शामिल…
NewParliamentBuilding में राष्ट्रीय पुष्प कमल, राज्यसभा, राष्ट्रीय पक्षी मोर लोकसभा और राष्ट्रीय वृक्ष बरगद सेंट्रल लाउंज को दर्शाता है।
आधुनिक भारत की हाई टेक तकनीक सुविधाओं से पूर्ण
NewParliamentBuilding में महत्वपूर्ण कामकाज के लिए अलग-अलग कार्यालय बनाए गए हैं। ये हाईटेक इक्विपमेंट और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं ,नए संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, अनेक समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान की व्यवस्था है। नई संसद का निर्माण आजाद भारत के शक्ति और ज्ञान का प्रतीक है ।
New Parliament Inauguration : नई संसद का श्रीगणेश
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