कौन हैं मोहिनी जिसे रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दे दिया

Ratan mohini
Ratan Tata
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calendar01 APR 2025 01:13 PM
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Ratan Tata : मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक व्यवसायी हैं, जिन्होंने ट्रैवल सेक्टर में काम किया है। उनका परिवार 'स्टैलियन' नामक ट्रैवल एजेंसी चलाता था, जिसे 2013 में ताज ग्रुप आॅफ होटल्स की सहायक कंपनी ताज सर्विसेज में विलय कर दिया गया था। दत्ता परिवार की इस एजेंसी में 80% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 20% टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी।

साठ के दशक से शुरू हुई दोनों की दोस्ती

मोहिनी मोहन दत्ता और रतन टाटा के बीच संबंध 1960 के दशक की शुरुआत में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई पहली मुलाकात से शुरू हुआ था, जब रतन टाटा 24 वर्ष के थे। इसके बाद से दोनों के बीच 60 वर्षों तक घनिष्ठ संबंध रहे। दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत ताज ग्रुप के साथ की और बाद में स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी की स्थापना की, जिसे ताज सर्विसेज में विलय किया गया। उन्होंने टीसी ट्रैवल सर्विसेज के निदेशक के रूप में भी कार्य किया, जो थॉमस कुक से जुड़ी एक कंपनी थी।

रतन टाटा की वसीयत में संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दिया गया

रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को उनकी संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा दिया गया है, जिसमें बैंक जमा, पेंटिंग्स और घड़ियों जैसी निजी वस्तुओं की नीलामी से प्राप्त आय शामिल है। दत्ता को उम्मीद है कि उनकी विरासत की कीमत लगभग 650 करोड़ होगी। यह निर्णय टाटा समूह और दत्ता के बीच दशकों से चले आ रहे घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है।

टाटा समूह के साथ संबंध व्यवसाय से परे भी

दत्ता परिवार का टाटा समूह के साथ संबंध व्यवसाय से परे भी है। उनकी एक बेटी ने ताज होटल्स में अपना करियर शुरू करने के बाद लगभग एक दशक तक टाटा ट्रस्ट्स के साथ काम किया। दिसंबर 2024 में मुंबई के एनसीपीए में आयोजित रतन टाटा की जयंती समारोह में भी मोहिनी मोहन दत्ता उपस्थित थे, जहां टाटा के सबसे भरोसेमंद सहयोगी शामिल हुए थे। उन्होंने अपनी मेहनत ईमानदारी और काबिलियत से रतन टाटा का दिल जीत लिया था।

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यूनुस का चीन दौरे पर बयान: बांग्लादेश की भारत के '7 सिस्टर्स' पर नजर !

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Mohammad Yunus :
locationभारत
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calendar01 APR 2025 11:32 AM
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 Yunus : बांग्लादेश के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (Yunus) ने चीन दौरे पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश 7 समंदर का गार्जियन है और बांग्लादेश की नजर भारत के '7 सिस्टर्स' के राज्यों पर है। इसके अलावा, यूनुस ने बांग्लादेश और चीन के बीच सामरिक रिश्तों का उल्लेख किया। उन्होंने भारत विरोधी बयान देते हुए बांग्लादेश के समुद्री अधिकारों को बढ़ाने की बात कही है।

क्या है यूनुस (Yunus) का विवादित बयान ?

मोहम्मद यूनुस (Yunus)ने चीन में अपने बयान में कहा कि बांग्लादेश 7 समंदर का गार्जियन है। यह बयान भारत के लिए बेहद आपत्तिजनक था। यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश को चीन की मदद से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहिए। उन्होंने इसे बांग्लादेश और चीन की साझेदारी के रूप में देखा।

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्शी की प्रतिक्रिया

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्शी ने यूनुस (Yunus) के बयान पर नाराजगी जाहिर की। बख्शी ने कहा कि भारत बांग्लादेश को समर्थन देने के बावजूद बांग्लादेश चीन के साथ मिलकर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को संकट में डाल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश, चीन और पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियां भारत के लिए खतरे का कारण बन रही हैं। बख्शी ने बांग्लादेश को चेतावनी दी कि भारत समुद्र के जरिए भी उनके दावे का जवाब देने के लिए तैयार है।

वीना सीकरी की आलोचना

भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने भी यूनुस (Yunus)के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यूनुस को ऐसा बयान देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत और बंगाल की खाड़ी को लेकर बांग्लादेश सरकार के साथ कई समझौते हुए हैं। बांग्लादेश को इस मामले में कोई भी विवाद नहीं उठाना चाहिए।

यूनुस (Yunus ) के बयान पर भारत की चुप्पी और रणनीति

हालांकि भारत सरकार ने मीडिया में इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पहले से ही इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। Yunus :

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Tariff : ट्रम्प के टैरिफ से भारत के कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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Tariff
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calendar01 APR 2025 10:30 AM
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Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक नई टैरिफ योजना की घोषणा करने जा रहे हैं। 2 अप्रैल को लागू होने वाले इन टैरिफों से अमेरिका में आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। ट्रम्प प्रशासन का दावा है कि इस कदम से अमेरिकी बाजार को विदेशी वस्तुओं की निर्भरता से मुक्त किया जा सकेगा। हालांकि, इस नीति का व्यापक आर्थिक और कूटनीतिक प्रभाव हो सकता है।

पारस्परिक Tariff : क्या है इसकी वजह?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के अनुसार, यह नई नीति उन "अनुचित व्यापार प्रथाओं" को रोकने के लिए लागू की जा रही है, जिनसे अमेरिका को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर, कनाडा अमेरिकी डेयरी उत्पादों पर 250% तक टैरिफ लगाता है। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि इस तरह की असमान नीतियों के खिलाफ अमेरिका को भी कड़े कदम उठाने चाहिए। रिपब्लिकन नेताओं का तर्क है कि टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने, सरकारी राजस्व बढ़ाने और अन्य देशों से व्यापार में रियायतें लेने में मदद मिलेगी। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया है कि इन टैरिफों के चलते वैश्विक बाजार में अस्थिरता आ सकती है।

वैश्विक व्यापार पर असर

अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ से दुनियाभर के उपभोक्ताओं और कंपनियों पर असर पड़ेगा।
  • उच्च कीमतें: आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ने से उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव पड़ेगा।
  • बाजार में अनिश्चितता: निवेशक और व्यापारी नए टैरिफों के प्रभाव को लेकर असमंजस में रहेंगे, जिससे बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
  • व्यापार युद्ध की संभावना: अन्य देश भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

भारत पर संभावित प्रभाव

भारत अमेरिका को विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात करता है, जिनमें औद्योगिक और कृषि उत्पाद शामिल हैं। इन टैरिफों का भारत पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकता है:
  • फार्मास्युटिकल उद्योग: भारत के सबसे बड़े निर्यात क्षेत्रों में से एक, फार्मास्युटिकल सेक्टर, जिसकी कीमत 12.72 अरब डॉलर है, को 10.90% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। इससे जेनेरिक और विशेष दवाओं की लागत बढ़ सकती है।
  • खनिज और पेट्रोलियम: 3.33 अरब डॉलर के खनिज और पेट्रोलियम उत्पादों पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि अमेरिका पहले से ही इन पर उच्च टैरिफ लगाता है।
  • परिधान उद्योग: 4.93 अरब डॉलर के परिधानों पर टैरिफ प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका में इन पर पहले ही उच्च शुल्क हैं।

कनाडा और मेक्सिको की प्रतिक्रिया

अमेरिका के करीबी व्यापारिक साझेदार कनाडा और मेक्सिको पहले ही इन टैरिफों के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं।
  • कनाडा: प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि अमेरिका और कनाडा का पुराना व्यापारिक रिश्ता अब खत्म हो चुका है। कनाडा भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा, जिससे अमेरिकी बाजार पर असर पड़ सकता है।
  • मेक्सिको: राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि मेक्सिको अमेरिका के नए टैरिफों का जवाब समान शुल्क लगाकर देगा। उनकी सरकार इस परिदृश्य के लिए पहले से ही एक योजना तैयार कर चुकी है।    Tariff :
 

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