Thursday, 15 May 2025

निशिकांत दुबे का बड़ा बयान पर बांग्लादेश को बनाया निशाना

National News : बीजेपी संसद निशिकांत दुबे एक बार फिर चर्चा में आ गए है। पहलगाम हमले के बाद जहां…

निशिकांत दुबे का बड़ा बयान पर बांग्लादेश को बनाया निशाना

National News : बीजेपी संसद निशिकांत दुबे एक बार फिर चर्चा में आ गए है। पहलगाम हमले के बाद जहां एक तरफ पूरे देश में आक्रोश का माहौल है , वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बांग्लादेश पर तंज कसते हुए ने एक बड़ा बयान दिया है।

बांग्लादेश पर साधा निशाना

बीजेपी संसद निशिकांत दुबे ने पडोसी मुल्क बांग्लादेश पर निशाना साधा। उन्होंने  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बांग्लादेश के खिलाफ नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, “बांग्लादेश भी बड़ा छटपटा रहा है, उसको भी गंगा नदी का पानी बंद करने का समय आ गया है। पानी पीकर जीएगा हमसे, गाएगा पाकिस्तान से।” दुबे ने अपने पोस्ट के साथ एक अंग्रेजी रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश के एक सरकारी सलाहकार ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य से मुलाकात की थी।

क्या है रिपोर्ट में दावा?

रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरूल ने पहलगाम हमले के ठीक बाद ढाका में लश्कर के वरिष्ठ सदस्य इजहार से मुलाकात की। इस खबर ने बांग्लादेश की मौजूदा सरकार पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह और गहरा कर दिया है।

सिंधु जल संधि को लेकर भी निशाना

निशिकांत दुबे ने हाल ही में मोदी सरकार द्वारा सिंधु जल संधि (1960) को स्थगित करने के फैसले की भी सराहना की। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी तंज कसा, यह कहते हुए कि नेहरू ने नोबेल पुरस्कार पाने के लिए पाकिस्तान को ‘पानी’ दिया था।

मोदी सरकार की सख्त कार्रवाई

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए: पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित किया। अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद कर दिया। पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा तत्काल रद्द कर दिए गए। पाकिस्तान को निर्देश दिया गया कि वह अपने सभी डिफेंस एडवाइजर्स को भारत से वापस बुला ले।

क्या है गंगा जल बंटवारा संधि ?

भारत और बांग्लादेश ने 1996 में गंगा नदी के जल बंटवारे के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया था, जिसके तहत जल स्तर कम होने पर दोनों देशों को समान हिस्सेदारी दी जाती है। 70,000 से 75,000 क्यूसेक जल होने पर बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक जल प्राप्त होता है और शेष भारत को। यह संधि 30 वर्षों के लिए तय की गई थी, जो 2026 में समाप्त होगी और आपसी सहमति से इसका नवीनीकरण किया जा सकेगा।

क्या है फरक्का बैराज का महत्व ?

1975 में गंगा नदी पर फरक्का बैराज का निर्माण हुआ था ताकि कोलकाता बंदरगाह के लिए पानी के स्तर को बनाए रखा जा सके। फरक्का बैराज, भारत के पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा के करीब स्थित है, बैराज के माध्यम से गंगा के पानी को हुगली नदी की ओर मोड़ा जाता है, जिससे व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलता है।  National News :

 

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