Thursday, 2 May 2024

Amritpal Singh: कितनी खतरनाक है खालिस्तान विचारधारा ? राष्ट्रीय सुरक्षा को कैसे देते हैं चुनौती

Amritpal Singh: वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया। महीने भर…

Amritpal Singh: कितनी खतरनाक है खालिस्तान विचारधारा ? राष्ट्रीय सुरक्षा को कैसे देते हैं चुनौती

Amritpal Singh: वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया। महीने भर से उसकी तलाश की जा रही थी लेकिन हर बार पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहा था। अमृतपाल मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि खालिस्तान विचारधारा किस तरह से पनप रही है। यह कट्टरपंथी विचारधारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती है।

Amritpal Singh

क्या कहती है रिपोर्ट

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि अमृतपाल खालिस्तान का खुला समर्थक है। यह अलगावादी गुट सिख समुदाय के लिए अलग स्टेट चाहता है और इसके लिए उन्होंने हिंसक रास्ता अपनाया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिस तरह से अमृतपाल ने अपने साथी लवप्रीत तूफान को छुड़ाने के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया, उसने पूरे देश को शॉक्ड कर दिया था। उस घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें साफ देखा जा सकता है कि अमृतपाल और उसके समर्थक किस तरह से तलवारें और बंदूकें लहराते हुए पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लेते हैं।

किस तरह से पवित्र ग्रंथ को बनाया ढाल

इंटरनेशनल फोरम की रिपोर्ट बताती है कि यह भी शॉकिंग रहा कि अमृतपाल ने अपने बचाव के लिए किस तरह से पवित्र गुरू ग्रंथ साहब को ढाल की तरह से इस्तेमाल किया। अजनाला की घटना में सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस रैंक के एक अधिकारी सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हुए। रिपोर्ट बताती है कि अमृतपाल और उसके समर्थकों का यह कृत्य खालिस्तान मूवमेंट के काले दिनों की याद दिलाता है, जब पूरा पंजाब ही इसकी चपेट में आ गया था।

अमृतपाल का आइडियल

अमृतपाल सिंह खुद को कट्टरपंथी सिख आतंकी जरनैल सिंह भिंडरवाले का समर्थक बताता है। भिंडरावाले ने भारतीय स्टेट के खिलाफ हिंसात्मक अभियान चलाया था। भिंडरावाले ने पंजाब के सैकड़ों युवाओं को अपना समर्थक बना लिया था। रिपोर्ट बताती है कि निचले तबके के पंजाबी युवक ज्यादा से ज्यादा संख्या में भिंडरावाले के समर्थन में खड़े हुए थे। 1984 में यह अभियान हिंदुओं के खिलाफ हिंसात्मक दौर में पहुंच गया। तब पंजाब के कई हिंदू प्रशासनिक अधिकारी इसकी चपेट में आए। भिंडरावाले ने भी अमृतसर के गोल्डेन टेंपल को अपना हेडक्वार्टर बना लिया था।

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