Monday, 8 July 2024

चार साल बाद धर्मशाला से लद्दाख की यात्रा पर दलाई लामा

    Dharmshala : धर्मशाला। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा…

चार साल बाद धर्मशाला से लद्दाख की यात्रा पर दलाई लामा

 

 

Dharmshala : धर्मशाला। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है। कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद धर्मशाला से बाहर उनका ये पहला आधिकारिक दौरा है। ये दौरा भारत और चीन के बीच 17 जुलाई से कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की बैठक से ठीक तीन दिन पहले हो रहा है। दलाई लामा की इस यात्रा से पड़ोसी चीन का रक्तचाप बढ़ने का अंदेशा है।

हाल ही में अपना 87वां जन्मदिन मनाने वाले दलाई लामा को पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी थी। उसकी बीजिंग ने आलोचना की थी। चीन ने कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का उपयोग करना बंद कर देना चाहिए। चीन की प्रतिक्रिया पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी करारा जवाब देते हुए कहा था कि दलाई लामा को भारत में अतिथि के रूप में मानने की सरकार की लगातार नीति रही है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से कहा कि दलाई लामा भारत में सम्मानित अतिथि और धार्मिक नेता हैं। उन्हें धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों को करने के लिये उचित शिष्टाचार एवं स्वतंत्रता प्रदान की गई है। इनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा का जन्मदिन भारत और दुनियाभर में उनके अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है। गौरतलब है कि भारत में शरण लेने के बाद से बीजिंग का दलाई लामा के साथ हमेशा से विवाद रहा है। 1950 के दशक में जब चीन ने तिब्बत पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था, तब तिब्बती आध्यात्मिक नेता को भारत में शरण लेनी पड़ी। दलाई लामा ने तिब्बत के मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए चीन के साथ बीच-बीच में बातचीत की वकालत करने की कोशिश की।

इस बीच, भारत और चीन अप्रैल-मई 2020 से फिंगर एरिया, गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स और कोंगरुंग नाला सहित कई क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा किए गए उल्लंघन को लेकर गतिरोध जारी है। जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब हो गई।

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