Sunday, 19 May 2024

दिल्ली हाईकोर्ट का कहना -पढ़ी लिखी पत्नी को नौकरी के लिए नहीं कर सकते मजबूर, जानें वजह

Delhi High Court: एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने पति को नसीहत देते हुए कहा के -”…

दिल्ली हाईकोर्ट का कहना -पढ़ी लिखी पत्नी को नौकरी के लिए नहीं कर सकते मजबूर, जानें वजह

Delhi High Court: एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने पति को नसीहत देते हुए कहा के -” सिर्फ इसलिए की पत्नी स्नातक तक की पढ़ाई कर चुकी है, उसे नौकरी के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता और ये नहीं माना जा सकता कि वह अलग रह रहे पति से गुजारा भत्ता पाने के लिए जानबूझकर काम नहीं कर रही है।”

दरअसल एक व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की था, जिसमे उसने अपनी अलग रह रही पत्नी को देने वाले अंतरिम गुजारा भत्ता की राशि को 25 हजार से घटा कर 15 हजार किए जाने की मांग की थी। शख्स ने ये दलील रखी थी कि उसकी पत्नी ने विज्ञान से स्नातक तक पढ़ाई की है।

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता में पीठ ने अपने फैसले में कहा कि – इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पत्नी ने ग्रेजुएशन किया हुआ है, परंतु इस बात का कोई तुक नहीं है कि पत्नी के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होने पर उसे नौकरी के लिए मजबूर किया जाए। और ये माना जाए कि मात्र अंतरिम गुजारा भत्ता पाने के लिए पत्नी जानबूझ के नौकरी नहीं कर रही है।” ये कहते हुए अदालत ने पति द्वारा दायर की गई गुजारा भत्ता कम करने की याचिका को रद्द कर दिया।

डॉ विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि IAS पर सरकार की टेढ़ी नजर

Related Post