Saturday, 23 November 2024

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बनना चाहते हैं राम, कहा अलग हैं मेरे राम

Dr. Vikas Divyakirti ke Ram :  भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC की तैयारी कराने वाले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पूरी…

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बनना चाहते हैं राम, कहा अलग हैं मेरे राम

Dr. Vikas Divyakirti ke Ram :  भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC की तैयारी कराने वाले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। विकास सर के नाम से अलग पहचान बनाने वाले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अब तक सैकड़ों युवक-युवतियों को IAS तथा IPS बना चुके हैं। उन्होंने भगवान राम की परिभाषा बताते हुए कहा है कि सबके अपने-अपने राम हैं। उन्होंने कहा कि मेरे राम बिल्कुल अलग राम हैं। मैं उन्हीं राम के जैसा बनना चाहता हूं।

Dr. Vikas Divyakirti ke Ram

मैं राम के जैसा बनना चाहता हूं

हाल ही में आई विधु विनोद चौपड़ा की चर्चित फिल्म 12वीं फेल में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने भी अभिनय किया है। 12वीं फेल फिल्म के कारण डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की खूब चर्चा हो रही है। आज से विकास सर की चर्चा भगवान श्रीराम की नई परिभाषा बताने के लिए होनी शुरू हो गई है। भगवान राम की पूरी परिभाषा बताते हुए डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा है कि वें भी राम बनना चाहते हैं।

मर्यादा पुरूषोत्तम हैं राम

उत्तर भारत के प्रसिद्ध हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र अमर उजाला में लिखे अपने एक कॉलम में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने भगवान राम की अपने शब्दों में व्याख्या की है। विकास सर ने लिखा है कि मुझे राम के ईश्वरीय-अवतारी रूप से ज्यादा प्रिय है उनका मर्यादा पुरुषोत्तम वाला रूप। उसमें भी सबसे ज्यादा लगाव उनके उदात्त स्वरूप से है, जो निराला की कविता ‘राम की शक्तिपूजा’ में कायदे से उभरा है। उदात्त यानी गरिमा, विनम्रता, उदारता, गंभीरता और आत्मानुशासन से भरा व्यक्तित्व। ऐसा व्यक्तित्व जो तीव्रतम क्रोध में भी विनम्रता नहीं खोता है। हताशा के चरम पर जाकर भी आत्मविश्वास जुटा लेता है। डबडबाई आंखों के साथ भी वाक् संतुलन बनाए रखता है। जिससे पता है कि उसकी हार-जीत सिर्फ उसकी न होकर पूरे समुदाय की है, जो लोक-मर्यादा में अपना अस्तित्व विलय कर देता है।

कृष्ण का ध्यान आते ही एक मित्र की छवि उभरती है, पर राम बड़े भाई बनकर कल्पनाओं में आते हैं। वे गलती होने पर डांटते हैं, समझाते हैं, सही राह दिखाते हैं। वे स्वयं भी नैतिक राहों की तलाश में आजीवन जुटे रहते हैं। इसीलिए उन्हें रावण जैसे शत्रु से भी सीखने में गुरेज नहीं है। न उन्हें कैकेयी जैसी विमाता से नफरत है और न ही भरत के पास सत्ता चले जाने का तनाव। आधुनिक विमर्शों में राम के व्यक्तित्व पर कई सवाल उठाए गए हैं। सीता निर्वासन, अग्नि परीक्षा और शंबूक-वध प्रमुख आक्षेप हैं। ये दुविधाएं वाल्मीकि और भवभूति के दौर की हैं, तुलसीदास और निराला ने इन प्रसंगों से मुक्त रखा है। मैं जिन राम के प्रति श्रद्घा रखता हूं, जिनके जैसा बनना चाहता हूँ, वे यही मर्यादा पुरुषोत्तम और उदात्त राम हैं।

सर्वाधिक लोकप्रिय शिक्षक हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति

आपको बता दें कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति इन दिनों भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय शिक्षकों में से एक हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने UPSC की परीक्षा पास करके एक आईपीएस के तौर पर भारत सरकार की सेवा शुरू की थी। कुछ समय बाद ही उन्होंने IPS जैसी महत्वपूर्ण नौकरी छोड़ दी थी। इन दिनों डॉ. विकास दिव्यकीर्ति छात्र-छात्राओं को UPSC की परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। UPSC की कोचिंग के लिए उन्होंने दृष्टि के नाम से एक कोचिंग सेंटर दिल्ली में स्थापित कर रखा है। पढ़ाने का उनका सरल व अनोखा तरीका छात्र-छात्राओं को खूब पसंद आता है। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सोशल मीडिया पर खूब चर्चित चेहरा हैं। आए दिन उनकी कोई न कोई टिप्पणी वायरल होती ही रहती हैं।

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