Thursday, 14 November 2024

Coal Crisis: कोयला पहुंचाने के लिए 657 पैसेंजर ट्रेनों को किया गया रद्द, बिजली संकट पर सरकार ने लिया अहम फैसला

नई दिल्ली: देश भर में गर्मी के कहर से हर कोई परेशान है, ऐसे में यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और…

Coal Crisis: कोयला पहुंचाने के लिए 657 पैसेंजर ट्रेनों को किया गया रद्द, बिजली संकट पर सरकार ने लिया अहम फैसला

नई दिल्ली: देश भर में गर्मी के कहर से हर कोई परेशान है, ऐसे में यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों को कोयले (Coal Crisis) की कमी की वजह से भारी बिजली संकट से लोगों को दिक्कत हो रही है। इसी बीच देखा जाए तो यूपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 657 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कराए जाने का फैसला लिया जा चुका है।

जानकारी के मुताबिक इन गाड़ियों को इसलिए रद्द करवाया गया है ताकि थर्मल पावर स्टेशनों के लिए सप्लाई किए जाने वाले कोयले से लदी माल गाड़ियों को आसानी के साथ रास्ता प्रदान करवाया जाए और समय से कोयला पहुंच जाए जिसकी वजह से दिक्कत ना हो।

दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भीषण गर्मी के चलते बिजली (Coal Crisis) की मांग तेजी से बढ़ना शुरु हो गई है।

इसके अलावा कोयले की कमी की वजह से भी कई राज्यों में बिजली संकट पैदा हो चुका है। उधर, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान की बात करें तो बिजली कटौती की ओर से लोगों को परेशानी हो रही है।

देश के बिजली संकट को लेकर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया है कि, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है। वहीं थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक मौजूद है।

जो दस दिन के लिए काफी माना जा रहा है। कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास कुल 30 लाख टन का स्टॉक शेष है। ये 70 से 80 दिन का स्टॉक है। हालांकि, वर्तमान स्थिति स्थिर बनी हुई है।

उन्होंने बताया है कि, वर्तमान में, 2.5 बिलियन यूनिट की दैनिक खपत को लेकर देखा जाए तो लगभग 3.5 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है।

हालांकि, पिछले दिनों में गर्मी के अलावा बिजली की मांग भी बढ़ना शुरु हो गई है। हमारे पास 10-12 दिनों का कोयला स्टॉक अभी तक मौैजूद है। हालांकि, उसके बाद भी पावर प्लांट बंद होने की कोई संभावना नहीं समझी जा रही है।

Related Post