Friday, 2 May 2025

G20 Summit 2023 : G20 के आयोजन पर कितने हजार करोड़ रुपये हुए खर्च, जानें पूरी डिटेल्स

G20 Summit 2023 / नई दिल्ली। शनिवार, 9 सितंबर से दो दिवसीय ​जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है।…

G20 Summit 2023 : G20 के आयोजन पर कितने हजार करोड़ रुपये हुए खर्च, जानें पूरी डिटेल्स

G20 Summit 2023 / नई दिल्ली। शनिवार, 9 सितंबर से दो दिवसीय ​जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। यह सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होगा। मेहमानों ने भी आना शुरू कर दिया है। लेकिन एक सवाल आप सभी के दिमाग में चल रहा होगा कि आखिर इस आयोजन पर भारत सरकार ने कितना खर्च किया है तो हम आपको बता दें कि इस आयोजन पर एक बहुत बड़ी रकम खर्च की गई है। आइए जानते हैं कुल कितने हजार करोड़ रुपये जी20 शिखर सम्मेलन पर खर्च किए गए हैं।

G20 Summit 2023

वर्ष 2008 से शुरू हुए जी20 शिखर सम्मेलनों की कड़ी में भारत में हो रहा यह 18वां सम्मेलन है। जिसके लिए भारत सरकार ने इतना शानदार इंतजाम किया है कि अब तक हुए सम्मेलनों से बेहतर बनने की दिशा में अग्रसर है। समृद्ध देश अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, मैक्सिको, रूस और ऑस्ट्रेलिया को भारत के दिव्य आयोजन ने आईना दिखा दिया है कि विकासशील भारत विश्व गुरू बनने की दिशा में अग्रसर है, जबकि पड़ोसी देश चीन समेत कई देशों के आयोजन तो भारत के मंडपम के आगे कहीं टिकते ही नहीं हैं। अब ब्राजील के सामने भारत जितना आलीशान आयोजन कराने का जिम्मा है जो किसी मुश्किल दावे से कम नहीं है।

जी20 पर अनुमानित खर्च 4100 करोड़ रुपये

जी-20 सम्मेलन पर खर्च को लेकर सरकार ने अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं पेश किया है, लेकिन अनुमानित तौर पर पर 4100 करोड़ रुपये के खर्च की बात सामने आ रही है। एक अधिकारी की मानें तो अगले आयोजक ब्राजील के कई प्रतिनिधियों ने भारत के आयोजन की जमकर तारीफ की है। साथ ही ये आशंका भी जताई कि इतना आकर्षक आयोजन कराना एक बड़ी चुनौती है।

आईटीपीओ ने खर्च किया सबसे ज्यादा पैसा

सूत्रों की मानें तो जी20 पर हो रहे अनुमानित 4100 करोड़ रुपए के खर्च में से 98 प्रतिशत से ज्यादा आईटीपीओ, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा सैन्य इंजीनियर सेवाओं जैसी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा केंद्र के तहत दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी और डीडीए जैसी एजेंसियों ने खर्च किया है।

ज्यादातर खर्च संपत्ति निर्माण और रखरखाव को लेकर किया गया है। यह एनडीएमसी और लुटियंस जोन क्षेत्रों में किया गया। यही वजह है कि केंद्र सरकार के विभागों ने ज्यादातर खर्च उठाए हैं। बागवानी सुधार से लेकर जी-20 ब्रांडिंग पर 9 सरकारी एजेंसियों ने काम किया।

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सुरक्षा व्यवस्था पर भी काफी खर्च

इनमें एनडीएमसी और एमसीडी जैसे नागरिक निकायों से लेकर रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में पधार रहे विदेशी अतिथियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पर भी काफी खर्च हुआ है, जबकि आईटीपीओ ने सिर्फ शिखर सम्मेलन के लिए नहीं, बल्कि विशालकाय कंवेंशन सेंटर भारत मंडपम जैसी दीर्घकालिक संपत्तियों के निर्माण पर खर्च किया है। यह संपत्तियां अपनी लागत के साथ आय का साधन भी भविष्य में रहेंगी। साथ ही बड़े आयोजनों के लिए हमेशा तैयार रहेंगी।

अगली मेजबानी करेगा ब्राजील

सूत्रों के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय समेत कई केंद्रीय मंत्रालय बीते कई सालों से इस आयोजन को भव्य बनाने की योजना की रूपरेखा तैयार की। इसके बाद तय समय में प्रगति मैदान का कलेवर ही बदल दिया गया। ऐसा नहीं है कि ब्राजील पहले से तैयारी नहीं कर रहा, लेकिन उसने भारत में इतने भव्य आयोजन की कल्पना नहीं की होगी। देखना ये है कि अगले साल होने वाले सम्मेलन में वो भारत के आयोजन के कितना करीब पहुंच पाता है। इस आयोजन के कुल अनुमानित खर्च में से आईटीपीओ ने क़रीब 3,600 करोड़ रुपये के बिल में से 87% से अधिक भुगतान किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 340 करोड़ रुपये और एनडीएमसी ने 60 करोड़ रुपये दिए हैं।

G20 Summit 2023 – इन विभागों ने भी किया खर्चा

सूत्र बताते हैं कि दिल्ली के लोक निर्माण विभाग ने लगभग 45 करोड़ रुपये, केंद्रीय सड़क भूतल परिवहन मंत्रालय ने 26 करोड़ रुपये, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 18 करोड़ रुपये, दिल्ली के वन विभाग ने 16 करोड़ रुपये और एमसीडी ने 5 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि सार्वजनिक स्थानों का सौंदर्यीकरण, विशेष रूप से मूर्तियों और स्ट्रीट फर्नीचर की श्रेणी के अंतर्गत आने वाली अन्य संपत्तियों को अगर कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के माध्यम से नहीं किया जाता तो बहुत अधिक खर्च होता। G20 Summit 2023

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