Sunday, 1 December 2024

Gangajal : गंगा जल अब नही रहा प्राणदायनि

  Gangajal :  पटना : हिंदू धर्म मे गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है । वेदों में  पवित्र…

Gangajal : गंगा जल अब नही रहा प्राणदायनि

 

Gangajal :  पटना : हिंदू धर्म मे गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है । वेदों में  पवित्र गंगा को देव नदी भी कहा गया है किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्यक्रम  हो उसमे  गंगा जल का उपयोग अवश्य होता है । वर्तमान समय मे गंगा नदी मे प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है ,लेकिन ऐसे कई तरह के अभियान चलाये जा रहे है जो हमारी पवित्र गंगा नदी को साफ करने का निरंतर प्रयास कर रहे है । कई ऐसे वैज्ञानिक कारण भी हैं जिसकी वजह से गंगा नदी को पवित्र माना जाता है ।

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लेकिन पटना  के घाटों  पर गंगाजल अब प्राणदायनि नही रहा।बेहद चिंताजनक बात यह है की गांधी घाट और गुलाबी घाट पर 100 मिलीलीटर पानी मे टोटल कोलिफॉर्म यानि यानि खतरनाक जीवाणु की  कुल संख्या 1लाख 60 हजार तक पहुँच गयी है ।

इससे साफ है की लगातार सिवरेज का कचरा लगातार गंगा मे गिराया जा रहा है । अब तो फ़िल्टर करने के बाद भी इसे स्वच्छ नही किया जा सकता है ।राज्य मे ऐसी स्थिति बक्सर से लेकर कहलगांव तक है ।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नदियों के पानी की गुणवत्ता की जांच नियमित तौर पर कराई जाती है ।जनवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार पटना के गांधी घाट और गुलाबी घाट के 100 मिलीलीटर पानी मे टोटल कोलिफॉर्म की संख्या बढ़कर 1 लाख 60 हजार हो गयी है,जबकि वर्ष 2021 मे टोटल कोलिफॉर्म की कुल संख्या 16 हजार थी।अधिकांश घाटों पर दो वर्षों मे प्रदूषण गम्भीर स्थिति मे पहुँच गया ।

गंगा में प्रदूषण का 80 फीसदी कारण शहरी तथा 20 फीसदी ग्रामीण है।

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