JN 1 covid variant : पिछले कई साल तक कोरोना महामारी का दंश झेल चुके भारत देश में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। पूरे देश में सात सौ से ज्यादा नए केस पिछले 24 घंटों में सामने आ चुके हैं। इस बार कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। एनसीआर के गाजियाबाद और नोएडा में दो केस मिल चुके हैं। जिसके बाद यूपी सरकार ने आवश्यक दिशा निर्देश और नई गाइड लाइन भी जारी कर दी है।
JN 1 covid variant
आपको बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा में कोरोना के तीन नए मामले सामने आए हैं। यह तीनों ही मामले कोरोना के नए वेरिएंट जेएन वन हैं। हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि कोरोना का यह नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं, लेकिन फिर भी सतर्कता बरतना बेहद ही जरुरी है। इस नए वेरिएंट को लेकर की गई एक रिसर्च में पाया गया है कि यह गले पर आपके गले पर भी वार कर सकता है, जिसकी वजह से आपकी आवाज जा सकती है।
जर्नल पेडियाट्रिक में Bilateral vocal cord paralysis requiring long term tracheostomy after SARS-CoV-2 infection नाम से प्रकाशित यह रिसर्च बताती है की कोरोना के कारण सिर्फ टेस्ट और smell (दुर्गंध) ही नहीं, आपके गले की आवाज भी जा सकती है। इसे वोकल कॉर्ड पैरालिसिस कहते हैं।
यूपी और दिल्ली सरकार की तैयारियां
आपको यह भी बता दें कि यूपी में कोरोना के नए केस सामने आने के बाद योगी सरकार की ओर से विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए है। सरकार की ओर से कोरोना को लेकर गाइड लाइन जारी की गई है। यूपी के सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों से सतर्क और इस बीमारी से निपटने को तैयार रहने को कहा गया है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने भी अपने राज्य में सतर्कता बरतने और चिकित्सा सेवाएं दुरुस्त रखने के आदेश जारी किए हैं।
चीन में नवंबर-2023 के दौरान बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, GNCTD के मंत्री (स्वास्थ्य) सौरभ भारद्वाज ने श्वसन चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ 30 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी। गंभीर निमोनिया के मामलों में RT PCR द्वारा परीक्षण करना, नमूनों की डिटेल रखना और एंटी-वायरल दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने को लेकर SOP जारी की गई थी। इसमें सभी अस्पतालों में 13 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच विभिन्न मापदंडों पर तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल की गई।
इसके अलावा इन सभी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं..
बिस्तर क्षमता, उपलब्ध मानव संसाधन, मानव संसाधन क्षमता, तैयारियों के आकलन के लिए सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल, रेफरल सेवाएं, परीक्षण क्षमताएं, लॉजिस्टिक्स, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता।
बीते 20 दिसंबर को ILI/SARI से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की एक बैठक बुलाई गई। उस बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। कोविड परीक्षण का डेटा वर्तमान में ICMR द्वारा रखा जा रहा है। दिल्ली सरकार ने ICMR से कोविड संबंधी लैब टेस्टिंग डेटा साझा करने का अनुरोध किया है।
कोरोना के मद्देनजर तैयारी
1. दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में आने वाले ILI/SARI रोगियों से कोविड के नमूने एकत्र किए जाएंगे।
2. दिशानिर्देशों के अनुसार, आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में कोविड नमूने भेजे जाएं।
3. दिशानिर्देशों के अनुसार सकारात्मक आरटी पीसीआर नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग किया जाना है।
4. भीड़-भाड़ वाली और कम हवादार जगहों से बचने और भीड़-भाड़ वाली और नज़दीकी जगहों और अस्पताल परिसरों में मास्क पहनने के लिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
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