भारत सरकार का बड़ा दावा, विकसित भारत बिल को बताया क्रांतिकारी
यह परिणाम आधारित मानदंड तय करेगी, मान्यता एजेंसियों को सूचीबद्ध करेगी और मान्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करेगी। मानक परिषद (Standards Council) शैक्षणिक मानक तय करेगी, पढ़ाई के नतीजे, क्रेडिट ट्रांसफर, छात्र आवाजाही और शिक्षकों के न्यूनतम मानदंड निर्धारित करेगी।

Developed India Education Bill 2025 : भारत सरकार ने बहुत बड़ा दावा किया है। भारत सरकार का बड़ा दावा यह है कि संसद में पेश किया गया विकसित भारत शिक्षा बिल क्रांतिकारी कदम है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि विकसित भारत शिक्षा बिल के द्वारा भारत की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आ जाएगा। भारत सरकार ने विकसित भारत शिक्षा बिल सोमवार को संसद में पेश किया था। संसद ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति यानि JPC के पास भेज दिया है।
भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाएगा विकसित भारत शिक्षा बिल
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए विकसित भारत शिक्षा बिल में अनेक प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक के तहत उच्च शिक्षा के लिए एक कानूनी आयोग बनाया जाएगा, जो नीति निर्धारण और समन्वय की सर्वोच्च संस्था होगी। यह आयोग सरकार को सलाह देगा, भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने पर काम करेगा और भारतीय ज्ञान परंपरा व भाषाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ेगा। आयोग में एक अध्यक्ष, वरिष्ठ शिक्षाविद, विशेषज्ञ, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और एक पूर्णकालिक सदस्य सचिव होंगे। आयोग के तहत तीन स्वतंत्र परिषदें काम करेंगी, ताकि किसी तरह का टकराव न हो। तीनों परिषदों के काम का निर्धारण भी कर दिया गया है। नियामक परिषद (Regulatory Council) उच्च शिक्षा की निगरानी करेगी। यह संस्थानों के प्रशासन, वित्तीय पारदर्शिता, शिकायत निवारण और शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने का काम करेगी। मान्यता परिषद (Accreditation Council) संस्थानों की मान्यता व्यवस्था देखेगी। यह परिणाम आधारित मानदंड तय करेगी, मान्यता एजेंसियों को सूचीबद्ध करेगी और मान्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करेगी। मानक परिषद (Standards Council) शैक्षणिक मानक तय करेगी, पढ़ाई के नतीजे, क्रेडिट ट्रांसफर, छात्र आवाजाही और शिक्षकों के न्यूनतम मानदंड निर्धारित करेगी।
उच्च शिक्षा केन्द्र में लागू होगा कानून
भारत सरकार द्वारा पेश किया गया विकसित भारत शिक्षा बिल जब कानून बन जाएगा तो उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू किया जाएगा। यह कानून केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी, IIT, NIT जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, कॉलेजों, ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थानों तथा 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' पर लागू होगा। हालांकि मेडिकल, कानून, फार्मेसी, नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य पाठ्यक्रम इस कानून के सीधे दायरे में नहीं होंगे, लेकिन उन्हें भी नए शैक्षणिक मानकों का पालन करना होगा। बिल में स्वायत्तता की बात की गई है, लेकिन केंद्र सरकार को कई शक्तियां भी दी गई हैं। केंद्र सरकार नीतिगत निर्देश दे सकेगी, प्रमुख पदों पर नियुक्ति करेगी, विदेशी विश्वविद्यालयों को मंजूरी देगी और जरूरत पडऩे पर आयोग या परिषदों को तय समय के लिए भंग भी कर सकेगी। सभी संस्थाएं सालाना रिपोर्ट, संसद की निगरानी और CAG ऑडिट के तहत जवाबदेह होंगी। Developed India Education Bill 2025
Developed India Education Bill 2025 : भारत सरकार ने बहुत बड़ा दावा किया है। भारत सरकार का बड़ा दावा यह है कि संसद में पेश किया गया विकसित भारत शिक्षा बिल क्रांतिकारी कदम है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि विकसित भारत शिक्षा बिल के द्वारा भारत की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आ जाएगा। भारत सरकार ने विकसित भारत शिक्षा बिल सोमवार को संसद में पेश किया था। संसद ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति यानि JPC के पास भेज दिया है।
भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाएगा विकसित भारत शिक्षा बिल
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए विकसित भारत शिक्षा बिल में अनेक प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक के तहत उच्च शिक्षा के लिए एक कानूनी आयोग बनाया जाएगा, जो नीति निर्धारण और समन्वय की सर्वोच्च संस्था होगी। यह आयोग सरकार को सलाह देगा, भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने पर काम करेगा और भारतीय ज्ञान परंपरा व भाषाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ेगा। आयोग में एक अध्यक्ष, वरिष्ठ शिक्षाविद, विशेषज्ञ, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और एक पूर्णकालिक सदस्य सचिव होंगे। आयोग के तहत तीन स्वतंत्र परिषदें काम करेंगी, ताकि किसी तरह का टकराव न हो। तीनों परिषदों के काम का निर्धारण भी कर दिया गया है। नियामक परिषद (Regulatory Council) उच्च शिक्षा की निगरानी करेगी। यह संस्थानों के प्रशासन, वित्तीय पारदर्शिता, शिकायत निवारण और शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने का काम करेगी। मान्यता परिषद (Accreditation Council) संस्थानों की मान्यता व्यवस्था देखेगी। यह परिणाम आधारित मानदंड तय करेगी, मान्यता एजेंसियों को सूचीबद्ध करेगी और मान्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करेगी। मानक परिषद (Standards Council) शैक्षणिक मानक तय करेगी, पढ़ाई के नतीजे, क्रेडिट ट्रांसफर, छात्र आवाजाही और शिक्षकों के न्यूनतम मानदंड निर्धारित करेगी।
उच्च शिक्षा केन्द्र में लागू होगा कानून
भारत सरकार द्वारा पेश किया गया विकसित भारत शिक्षा बिल जब कानून बन जाएगा तो उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू किया जाएगा। यह कानून केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी, IIT, NIT जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, कॉलेजों, ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा संस्थानों तथा 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' पर लागू होगा। हालांकि मेडिकल, कानून, फार्मेसी, नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य पाठ्यक्रम इस कानून के सीधे दायरे में नहीं होंगे, लेकिन उन्हें भी नए शैक्षणिक मानकों का पालन करना होगा। बिल में स्वायत्तता की बात की गई है, लेकिन केंद्र सरकार को कई शक्तियां भी दी गई हैं। केंद्र सरकार नीतिगत निर्देश दे सकेगी, प्रमुख पदों पर नियुक्ति करेगी, विदेशी विश्वविद्यालयों को मंजूरी देगी और जरूरत पडऩे पर आयोग या परिषदों को तय समय के लिए भंग भी कर सकेगी। सभी संस्थाएं सालाना रिपोर्ट, संसद की निगरानी और CAG ऑडिट के तहत जवाबदेह होंगी। Developed India Education Bill 2025












