Crowdfunding Abuse Case : टीएमसी के साकेत गोखले की जमानत पर सुनवाई 13 को

Saket
TMC's Saket Gokhale's bail hearing on 13th
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 MAR 2023 01:25 PM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘क्राउडफंडिंग’ के माध्यम से एकत्रित धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले की जमानत याचिका पर 13 मार्च को विचार करेगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि उसने मामले की फाइल को अभी पढ़ा नहीं है।

Crowdfunding Abuse Case

पीठ ने कहा कि होली की छुट्टी के तुरंत बाद यह मामला हमारे पास आएगा। यह फाइल देर रात आई, हमने फाइल देखी नहीं है। हम न्यायालय के अवकाश के बाद खुलने पर विचार करेंगे।

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गोखले की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने हमेशा कहा है कि उसने ‘क्राउडफंडिंग’ से पैसा इकट्ठा किया है। ‘क्राउडफंडिंग’ में किसी आवश्यक कार्य के लिए लोगों से पैसे एकत्र किए जाते हैं और लोगों को भी पता होता है कि वह किस कार्य के लिए यह दान दे रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि यह जमानत नामंजूर करने लायक मामला नहीं है। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 13 मार्च की तारीख मुकर्रर की।

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गुजरात उच्च न्यायालय ने 23 जनवरी को गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कहा था कि आरोप-पत्र दायर होने के बाद ही वह अदालत का रुख करें। गोखले को अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने 30 दिसंबर, 2022 को ‘क्राउडफंडिंग’ के माध्यम से एकत्र किये गये धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगे हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Punjab: राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान आप, कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

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Punjab News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 MAR 2023 01:00 PM
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Punjab News / चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के अभिभाषण के दौरान सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी कांग्रेस के बीच उस वक्त तीखी नोकझोंक हुई जब नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने राज्यपाल से अपने अभिभाषण में ‘मेरी सरकार’ शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें (राज्यपाल को) पहचानती नहीं है।

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बजट सत्र के पहले दिन जब राज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू किया तो कांग्रेस नेता बाजवा ने पुरोहित को टोकते हुए कहा कि उन्हें अपने संबोधन में ‘मेरी सरकार’ वाक्यांश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

बाजवा ने आप सरकार और राजभवन के बीच हाल के दिनों में हुए विवाद का संदर्भ देते हुए पुरोहित से कहा कि यह सरकार आपको पहचानती नहीं है। इस पर राज्यपाल ने बाजवा से कहा कि कोई विवाद नहीं होना चाहिए।

पुरोहित ने बाजवा से पूछा कि क्या आप कहते हैं कि मुझे ‘मेरी सरकार’ नहीं बोलना चाहिए। यह रिवाज है। ठीक है, मैं केवल ‘सरकार’ शब्द का उपयोग करूंगा, ‘मेरी सरकार’ नहीं बोलूंगा।

उन्होंने कहा कि अब (इस पर) कोई विवाद नहीं होना चाहिए।

इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बाजवा की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, जिसके परिणामस्वरूप आप और कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पुरोहित के अपने संबोधन में ‘मेरी सरकार’ का इस्तेमाल न करने के फैसले पर आपत्ति जताई।

पुरोहित ने उनसे कहा कि मैं पहली बार राज्यपाल नहीं हूं। मैं असम का राज्यपाल था, मैं मेघालय का राज्यपाल था और मैं तमिलनाडु का भी राज्यपाल था।

लेकिन मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वह अपने संबोधन में ‘मेरी सरकार’ का इस्तेमाल अवश्य करें, इसके बाद राज्यपाल ने इस वाक्यांश का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बाद में कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

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International Relation : भारत को कभी न कभी यूक्रेन युद्ध में किसी एक पक्ष को चुनना होगा : अमेरिकी सांसद

Varner
India will have to choose one side in the Ukraine war at some point: US MP
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 MAR 2023 00:47 PM
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वाशिंगटन। अमेरिका के प्रभावशाली सांसद मार्क वार्नर ने भारत को अपने नैतिक मूल्यों पर गर्व करने वाला एक शक्तिशाली देश बताया। उन्होंने कहा कि भारत को कभी न कभी यूक्रेन युद्ध में किसी एक पक्ष को चुनना पड़ेगा। वार्नर लंबे समय से अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं।

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खुफिया मामलों से संबंधित सीनेट की प्रवर समिति के अध्यक्ष वार्नर ने एक साक्षात्कार के दौरान, चीनी आक्रामकता और उससे मिलने वाली चुनौतियों के सामने डटकर खड़े रहने के लिए भारत की प्रशंसा की और कहा कि यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत ने अब तक जो कदम उठाए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं, और वह इससे ज्यादा कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान कि यह 'युद्ध का दौर नहीं है' का जिक्र करते हुए वार्नर ने कहा कि उज्बेकिस्तान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने यह टिप्पणी करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करता हूं। लेकिन, मुझे लगता है कि एक साल से जारी युद्ध को लेकर कोई बयान देने से ज्यादा, बहुत कुछ किया जा सकता है।

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भारत कहता रहा है कि वह यूक्रेन में शांति के पक्ष में खड़ा है। साथ ही उसने यूक्रेन तथा रूस के बीच किसी भी शांति पहल में योगदान की इच्छा व्यक्त की है। वार्नर हाल ही में भारत की यात्रा से लौटे संसद के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। भारत यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी।

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वार्नर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्षों पहले भारत चीन को लेकर किसी पक्ष को चुनने के लिए अनिच्छुक था। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने निजी हित और चीनी आक्रामकता के कारण एक पक्ष चुना और यह स्वीकार किया कि संघर्ष कोई भी नहीं चाहता है। भारत ऐसे सहयोगियों की तलाश कर रहा है, जो चीनी आक्रामकता के खिलाफ खड़े हों, चाहे वह आर्थिक आक्रामकता हो, चाहे वह सैन्य आक्रामकता हो या फिर हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता से निपटना हो। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं।

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अमेरिकी सांसद ने कहा कि मैं समझता हूं कि अगर भारत हथियारों को लेकर रूस पर निर्भरता कम करता है, तो उसे एक विश्वसनीय भागीदार की जरूरत होगी। फिर चाहे वह भागीदार अमेरिका हो या कोई और। भारत को लगता है कि कभी कोई संघर्ष पैदा हो तो उन परिस्थितियों में भारत के सैन्य बलों को आपूर्ति मिल सके। वार्नर ने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत एक बड़ा शक्तिशाली और आशावादी देश है। उन्होंने कहा कि रूसी आक्रामकता के संदर्भ में एक स्पष्ट नैतिक चुनौती खड़ी है और भारत स्पष्ट नैतिक मूल्यों पर आधारित देश के रूप में खुद पर गर्व करता है। मुझे लगता है कि भारत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि कभी न कभी उसे एक पक्ष चुनना पड़ेगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।