RBI : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद अब नई रेपो रेट 6.25% हो गई है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश और वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से गुजर रही है। इस कदम से होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन सहित अन्य प्रकार के कर्ज की EMI कम होने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को वित्तीय राहत मिलेगी।
रेपो रेट में क्यों हुई कटौती?
बता दें कि, रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट घटती है तो बैंकों के लिए उधारी लेना सस्ता हो जाता है, जिससे वे भी ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। इससे लोन लेने वाले लोगों और व्यवसायों को फायदा होगा, जिससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
RBI के गवर्नर का बयान
RBI गवर्नर ने कहा कि, भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय इकोनॉमी चुनौतियों से गुजर रहा है। साथ ही वैश्विक स्तर पर महंगाई भी बढ़ रही है। फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से भी रेट में कटौती हो रही है। साथ जियो पॉलिटिकल टेंशन भी बढ़ रहा है। जिस कारण दुनिया भर की इकोनॉमी पर असर पड़ रहा है। भारतीय रुपया अभी प्रेशर में है। रिजर्व बैंक के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। रीयल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष 2025 में 6.5 फीसदी है, जो पिछले साल 8.2 फीसद लास्टह ईयर, आने वाले सालों में जीडीपी में सुधार होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार हुआ है। माइनिंग सेक्टर में भी सुधार हुआ है। पीएमआई सर्विस में पिछली तिमाही में गिरावट हुई। ग्रामीण में डिमांड बढ़ रही है।
क्या फायदा होगा?
यदि बैंक रेपो रेट में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देते हैं, तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम होंगी। इससे आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा और मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
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