कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत शुरू, दिल्ली से कैसे करें सफर?

Vande Bharat
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locationभारत
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calendar06 JUN 2025 02:06 PM
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Vande Bharat :  भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर के यात्रियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब यात्रियों को दिल्ली से श्रीनगर की यात्रा के लिए लंबा और जटिल इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ कश्मीर रेल मानचित्र पर तेज गति से उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आधुनिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो 7 जून से आम जनता के लिए शुरू हो रही है। कटरा से श्रीनगर तक चलाई गई वंदे भारत ट्रेन को खासतौर पर घाटी की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्रेन -15 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी सुचारू रूप से चलने में सक्षम है। इसके अलावा यह ऐतिहासिक चिनाब पुल — जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है — से होकर गुजरेगी।

समय और रूट की पूरी जानकारी

कटरा से श्रीनगर तक दो वंदे भारत ट्रेनें संचालित होंगी, जो सप्ताह में छह दिन चलेंगी:

  1. सुबह की ट्रेन: कटरा से प्रस्थान — सुबह 8:10 बजे | श्रीनगर आगमन — 11:10 बजे

  2. दोपहर की ट्रेन: कटरा से प्रस्थान — दोपहर 2:55 बजे | श्रीनगर आगमन — शाम 6:00 बजे

वापसी यात्रा (श्रीनगर से कटरा)

  1. हर सुबह 8 बजे श्रीनगर से चलेगी वंदे भारत, तीन घंटे में कटरा पहुंचेगी, बुधवार को रहेगी बं

  2. दोपहर की ट्रेन: श्रीनगर से दोपहर 2:00 बजे | कटरा पहुंच — शाम 5:05 बजे (मंगलवार को नहीं चलेगी)

कौन-कौन सी ट्रेनें कराएंगी वंदे भारत से कनेक्शन?

दिल्ली से कटरा तक कई ऐसी ट्रेनें मौजूद हैं जो श्रीनगर जाने की योजना बना रहे यात्रियों को समय पर वंदे भारत से जोड़ सकती हैं:

ट्रेन का नाम दिल्ली से प्रस्थान कटरा पहुंच वंदे भारत से कनेक्ट
जम्मू तवी हमसफर एक्सप्रेस 10:25 AM 11:25 PM अगले दिन दोपहर वाली
श्रीशक्ति एक्सप्रेस 7:05 PM 5:40 AM सुबह  की ट्रेन से
उत्तम संपर्क क्रांति 8:50 PM 7:55 AM सुबह 8:10 वाली
हिमसागर एक्सप्रेस रात 10:45 AM 2:55 PM वाली ट्रेन से
श्रीमाता वैष्णोदेवी एक्सप्रेस रात 10:45 AM दोपहर वाली ट्रेन से
कटरा वीकली एक्सप्रेस रात 1:30 PM संभवतः देर से कनेक्ट
जम्मू मेल रात 9:15 AM दोपहर वाली ट्रेन से
झेलम एक्सप्रेस रात 9:45 AM दोपहर वाली ट्रेन से
गाल्टाधाम पूजा एक्सप्रेस रात 7:30 AM सुबह 8:10 वाली

कितना होगा किराया ?

कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत का किराया इस प्रकार है

श्रेणी सुबह वाली ट्रेन दोपहर वाली ट्रेन
चेयर कार ₹715 ₹880
एग्जीक्यूटिव क्लास ₹1320 ₹1515

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क्यों मनाई जाती है बकरीद, कुर्बानी का औचित्य क्या है?

Bakrid
Bakrid
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 JUN 2025 01:37 PM
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Bakrid : बकरीद के पर्व की खूब चर्चा हो रही है। भारत में बकरीद का पर्व 7 जून 2025 को मनाया जा रहा है। कई पीढ़ियों से बकरीद (Bakrid) का पर्व मनाते आ रहे आधे से अधिक मुस्लिम यह नहीं जानते कि बकरीद का पर्व क्यों मनाया जाता है? उन्हें यह भी नहीं पता कि बकरीद के पर्व पर बेजुबान पशुओं की कुर्बानी क्यों दी जाती है? बकरीद (Bakrid) के पर्व पर कुर्बानी देने के औचित्य को भी मुसलमान नहीं समझ सकता है। हम आपको बता रहे हैं कि बकरीद मनाने की परम्परा कैसे शुरू हुई।

पैगम्बर इब्राहीम की याद में मनाया जाता है बकरीद का पर्व

इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है क़ुरआन। क़ुरआन में इस्लाम धर्म के अनेक पैगम्बर (नबी) बताए गए हैं। इन्हीं पैगम्बरों में एक प्रसिद्ध पैगम्बर इब्राहीम (नबी) थे। पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) का जन्म 2510 हिजरी से पहले हुआ था। उन्हीं पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) से जुड़ा हुआ है बकरीद का पर्व । इस्लाम के जानकारों का कहना है कि पैगंबर इब्राहीम को अल्लाह की तरफ से ख्वाब आया जिसमें उनसे अपने सबसे प्यारे बेटे की कुर्बानी मांगी गई। पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) के सबसे प्यारे बेटे इस्माईल (अलैहिस्सलाम) थे। यह ख्वाब पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) को लगातार तीन दिन तक आता रहा। जिसके बाद पैगंबर इब्राहीम ख्वाब को अल्लाह का हुक्म मानकर अपने बेटे इस्माईल की कुर्बानी के लिए निकल पड़े। जैसे ही उन्होंने इस्माईल (अलैहिस्सलाम) की आंखों पर पट्टी बांधकर उनकी गर्दन पर छुरा चलाया, वैसे ही अल्लाह ने इस्माईल की जगह एक दुम्बा (मेंढ़ा) भेज दिया। ऐसा कहा जाता है कि तब से ही बकरीद का पर्व मनाया जाता है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि जब कोई इंसान अल्लाह के हुक्म को पूरी तरह मान लेता है तो अल्लाह उसकी नीयत और ईमान की कद्र करता है। हजरत इब्राहीम द्वारा अल्लाह के निर्देश पर दी जाने वाली कुर्बानी की याद में मुसलमान हर साल बकरीद का पर्व मनाते हैं। बकरीद के पर्व पर बकरी, बकरा, दुम्बा, भैंस तथा ऊंट आदि की कुर्बानी दी जाती है।

दुनियाभर में विरोध है बकरीद के नाम पर कुर्बानी का

पूरी दुनिया में बकरीद के नाम पर पशुओं को काटकर उनकी कुर्बानी का विरोध हो रहा है। दुनिया भर के पशु प्रेमी सवाल उठा रहे हैं कि अल्लाह के निर्देश पर अपने बेटे तक को कुर्बान करने की बात मानने वाले हजरत इब्राहीम के नाम पर कुर्बानी का क्या औचित्य है। अल्लाह ने कब कहा है कि उसे खुश करने के लिए एक जीव दूसरे जीव की हत्या करे? कुर्बानी का विरोध करने वालों का स्पष्ट मत है कि अल्लाह के प्रति समर्पण करके प्रत्येक जीव मात्र की सेवा करना उसकी रक्षा करना तथा सबको अमन चैन से जीने देना ही अल्लाह की सच्ची भक्ति है। बकरीद के दिन पुरानी परम्परा को निभाकर कुर्बानी देने का औचित्य किसी भी पढ़े-लिखे इंसान की समझ में नहीं आता है। मुस्लिम समाज में भी एक बड़ा तबका कुर्बानी की पुरानी परंपरा के विरूद्ध है। तमाम विरोध के बावजूद बकरीद पर कुर्बानी देने का सिलसिला लगातार जारी है। यह भी नहीं पता कि यह सिलसिला कब तक इसी प्रकार से जारी रहेगा।

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‘लंगड़े घोड़े’ वाली टिप्पणी पर घिरे राहुल गांधी ,दिव्यांगजनों ने जताया गहरा आक्रोश

Rahul Gandhi 7
Rahul Gandhi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 JUN 2025 01:08 PM
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Rahul Gandhi :  कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की एक हालिया टिप्पणी ने दिव्यांग समुदाय में तीव्र असंतोष और नाराज़गी उत्पन्न कर दी है। ‘लंगड़े घोड़े’ जैसे शब्दों के प्रयोग को दिव्यांगजनों ने अपमानजनक बताते हुए इसका तीखा विरोध किया है। मध्य प्रदेश दिव्यांग खेल समिति और पैरा ओलंपिक से जुड़े खिलाड़ियों ने इसे न केवल असंवेदनशील, बल्कि समाज के एक सम्मानित वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।

भोपाल में पैरा खिलाड़ियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के खेल मंत्री विश्वास सारंग से मिला और राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ‘राहुल गांधी हाय-हाय’ के नारे लगे और चेतावनी दी गई कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह आंदोलन सड़क से संसद तक पहुंचेगा।

पद्मश्री सम्मानित हस्तियों ने भी जताई आपत्ति

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके और पद्मश्री से सम्मानित कई पैरा खिलाड़ियों ने राहुल गांधी की इस तुलना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि शब्दों की मर्यादा हर जनप्रतिनिधि के लिए जरूरी है और इस तरह के बयान न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि दिव्यांगजनों के स्वाभिमान को आहत करते हैं।

सिंधिया ने बताया निंदनीय

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए बयान को "दिव्यांगजनों के सम्मान पर आघात" बताया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को हर वर्ग के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए।

क्या था राहुल गांधी का बयान?

भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के नेताओं की तुलना तीन तरह के 'घोड़ों' से की। उन्होंने कहा: “कांग्रेस में तीन तरह के घोड़े होते हैं—रेस के, बारात के और लंगड़े। रेस के घोड़े दौड़ते हैं, बारात वाले सजते हैं और लंगड़ों को आराम दिया जाता है। चारा-पानी दो और बाकी घोड़ों को परेशान न करने की सलाह दो। जो डिस्टर्ब करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ती है।    Rahul Gandhi

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