Saturday, 27 July 2024

Political news : फ्लॉप शो साबित हुआ सचिन पायलट का अनशन

Political news (विशेष संवाददाता): सचिन पायलट का वसुंधरा राजे के समय हुए खनन घोटाले की जांच ना होने के खिलाफ…

Political news : फ्लॉप शो साबित हुआ सचिन पायलट का अनशन

Political news (विशेष संवाददाता): सचिन पायलट का वसुंधरा राजे के समय हुए खनन घोटाले की जांच ना होने के खिलाफ मुख्यमंत्री गहलोत को टारगेट करके मंगलवार को शहीद स्मारक जयपुर पर दिए गए अनशन का कार्यक्रम पूरी तरह फ्लॉप हो गया। पायलट के समर्थक तैयारी तो एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ता और गुर्जर समाज के लोगों की अनशन के दिन पहुंचने की कर रहे थे, परंतु 5000 की भीड़ भी नहीं जुट पाई। इनमें भी राजस्थान के बाहर के बहुत से लोग थे।

जैसा कि सब जानते हैं कि पायलट ने यह अनशन कार्यक्रम पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए किया है ताकि उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका मिल सके। पिछले 1 माह में हुए कई अन्य पार्टियों के नेताओं से मिलकर चर्चा कर चुके हैं और आलाकमान तक मैसेज पहुंचा दिया कि उनकी बातें नहीं पूरी की गई, उनकी अनदेखी की गई तो वह पार्टी को छोड़ देंगे, इसी क्रम में यह अनशन कार्यक्रम घोषित हुआ।

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इस कार्यक्रम के लिए पायलट के सिविल लाइंस स्थित बंगले से दिन रात राजस्थान भर में फोन हो रहे थे। उनके समर्थक दावा कर रहे थे कि इतनी भीड़ आ जाएगी कि जयपुर में जलजला आएगा परंतु जो भीड़ जयपुर आई उसे देखकर लगा कि गहलोत का जादू चल गया और भीड़ जयपुर नहीं पहुंची। पायलट के साथ सुर मिला रहे कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पहले ही ऐलान कर गए थे कि वह धरने पर नहीं आएंगे। उसके बाद सचिन पायलट के 3 समर्थक मंत्री भी धरने से कन्नी काट गए। अपनी इज्जत बचाने के लिए सचिन ने सोमवार को बयान दिया कि मंत्री और विधायकों को धरने पर नहीं बुलाया गया है। यदि उनकी बात में सच्चाई होती तो आज धरने पर एक भी विधायक नहीं पहुंचता, लेकिन कुछ विधायक जो उनके समर्थक थे और उनके साथ मानेसर भी बगावत कर के गए थे वह धरना स्थल पर मौजूद थे। धरना स्थल पर यह बात भी प्रचारित की जाती रहेगी भीड़ को रास्ते में रोक लिया गया है टोल पर भी रोक लिया गया है, जबकि हकीकत यह थी कि जो लोग आए उनमें बड़ी संख्या में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के गुर्जर भी थे, बाहर से गुर्जर समाज के लोगों को मैनेज सचिन पायलट की माता रमा पायलट दिल्ली में बैठकर कर रही थी। यदि यह भीड़ नहीं आती तो पायलट को इज्जत बचानी भी भारी हो जाती।

दिल्ली में बैठे पायलट समर्थक नेता चाह रहे थे कि प्रभारी महासचिव सुखविंदर सिंह रंधावा मंगलवार को धरने से पहले जयपुर पहुंच जाएं और पायलट से बात करके उन्हें धरने से रोक ले। रंधावा का जयपुर आने का कार्यक्रम भी बनवा दिया गया, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने उन्हें धरने से पहले जयपुर जाने के लिए मना कर दिया।

धरना स्थल में आप पार्टी के भी कई कार्यकर्ता थे, जो इस उम्मीद में थे कि पायलट आगे आने वाले समय में कांग्रेस छोड़कर आप पार्टी में लाखों लोगों के साथ आ जाएंगे, परंतु उन्हें 5000 की भीड़ देखकर निराशा लगी और उनमें से कई बीच में ही धरना स्थल छोड़कर रवाना हो गए। रवाना होने से पहले इन्होंने आप पार्टी के नेताओं से दिल्ली बात की। धरना स्थल के बाहर यह चर्चा चलती रही कि आला कमान सचिन पायलट के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा। इसके अंतर्गत धरने में भाग लेने वाले बोर्ड निगम के अध्यक्षों को हटाया भी जा सकता है।

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