Saturday, 18 May 2024

मात्र 7 रुपये में बचेगी हार्ट अटैक के मरीज की जान

Ram Kit : देश में अनेक जगहों पर आए दिन हार्ट अटैक के कई मामले सामने आ रहे हैं। कोरोनाकाल…

मात्र 7 रुपये में बचेगी हार्ट अटैक के मरीज की जान

Ram Kit : देश में अनेक जगहों पर आए दिन हार्ट अटैक के कई मामले सामने आ रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद से इन मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। लेकिन चिंता की बात ये है कि युवा भी हृदयघात के शिकार हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में देखा जा रहा है कि मरीज दिल का दौरा पड़ने के बाद हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रहा है। सर्दियों के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है।

Ram Kit

मगर कानपुर में दिल की बीमारी वाले मरीजों को अब ठीक किया जा रहा है। कानपुर के कार्डियोलॉजी में पहुंचे मरीजों को साइकोथेरेपी के माध्यम से मरीजों के दिल को दुरुस्त किया जा रहा है, और इसके परिणाम बेहद सकारात्मक सामने आए हैं। इतना ही नहीं एक 7 रुपए की किट है, जिससे हार्ट अटैक के मरीजों को जीवन दान मिल रहा है।

दिल के मरीजों को राम किट से हो रहा इलाज

चिकित्सकों का मानना है कि दिल का दौरा पड़ने के ठीक बाद का समय मरीज के लिए सबसे अहम होता है। यदि मरीज को मौके पर ही प्राथमिक उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। कानपुर का एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हार्ट अस्पताल है। वहां के डॉक्टर नीरज कुमार ने दिल के मरीजों के लिए एक पहल की है। जिसके तहत उन्होंने सिर्फ 7 रुपये में एक ‘राम किट’ तैयार की गई है। जिसमें 3 दवाइयां हैं। दिल का दौरा पड़ते ही यदि मरीज इन तीनों दवाइयों का सेवन कर लेते हैं, तो उनकी जान बचाई जा सकती है।

7 रुपये की किट में है 3 दवाई

डॉक्टर नीरज कुमार ने को बताया कि 7 रुपये की किट में 3 दवाओं एकोस्प्रिन, सोर्बिट्रेट और रोसुवैस 20 टैबलेट रखे गए हैं। दिल का दौरा पड़ने पर इन दवाओं को देने से मरीज की जान बचने का मौका बहुत अधिक हो जाता है। उन्होंने कहा इस मेडिसिन किट का नाम राम के नाम इसलिए रखा गया है, जिससे लोगों को दवाइयों का नाम बताने में समस्या ना हो। डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि दूसरी वजह यह है कि राम नाम में सभी की आस्था है, जो लोगों में एक भरोसा बंधता है। इसलिए हमने इसे राम किट का नाम दिया है। डॉक्टर नीरज कुमार एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल के मरीजों को दवाओं के साथ ही साइकोथेरेपी का उपचार भी दे रहे हैं। यहां हृदय रोग का उपचार कराने के लिए भर्ती मरीजों को धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के लिए दी जाती हैं। जिससे उनका मन शांतचित हो सके।

मरीजों को दी जाती है धार्मिक पुस्तकें

कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ हृदय रोग चिकित्सक डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले ऐसे मरीज जिनका ऑपरेशन किया जाना है, या फिर मरीज का ऑपरेशन हो चुका है। तो ऐसे में उन मरीजों को वार्ड में उनके बेड पर ही मुफ्त में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, गीता और रामायण कथा की किताब पढ़ने के लिए दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि दिल के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है, कि उनका मन और दिमाग स्थिर रहे। इसका एक कारण यह भी है, कि कुछ मरीज ज्यादा गंभीर होते हैं तो कुछ को कम दिक्कतें होती हैं। ऐसे में मरीज एक दूसरे को देखकर भी मन में तरह-तरह के ख्याल आते हैं। इसलिए उन्हें धार्मिक पुस्तक देकर व्यस्त करने और अध्यात्म और धर्म की बातों के जरिए साइकोथेपी की तरह इलाज दिया जाता है।

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